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राममंदिर भूमि पूजन पर 'रावण' करेंगे प्रभु श्रीराम की पूजा

गाजीपुर न्यूज़ टीम, अयोध्या। रामलीला की प्रस्तुति में रावण का किरदार निभाने वाले पात्र भले ही अभिनय में राम के प्रति शत्रुता के भाव से भरे रहते हों, लेकिन असल जिंदगी में वे इससे उलट हैं। वास्तव में वह राम के प्रति उतने ही श्रद्धानवत है, जितने कि आम श्रद्धालु। ऐसे पात्र स्वयं को सौभाग्यशाली मानते हैं कि उनके सामने रामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण होने जा रहा है।

रुदौली के लगभग 400 वर्ष पुरानी ख्वाजाहाल रामलीला में रावण का किरदार निभाने वाले अनुराग अग्रवाल कहते हैं कि भगवान राम हमारे प्राण तत्व हैं। लीला की प्रस्तुति के दौरान भले ही उनसे युद्ध करना पड़ता है, लेकिन जितना अनुराग उनके प्रति है वो मैं व्यक्त नहीं कर सकता। रावण यानी अनुराग के लिए लिए पांच अगस्त बड़ा दिन होगा। पाबंदियां न होती तो वह इस ऐतिहासिक क्षण में शामिल होने अयोध्या जाते। अब वे घर में दीप जलाने के साथ ही प्रभु राम की पूजा करेंगे।

प्रभु राम की प्रथम वास की गवाह तमसा के भैरवधाम तट पर रामलीला के रंगमंच पर विगत 15 वर्षों से रावण का जीवंत अभिनय करने वाले सुंदरलाल राठौर फूले नहीं समा रहे हैं। उनका कहना है कि लीला के दौरान अभिनय सफल होने के लिए श्रीराम से याचना करते हैं। मंच पर जाने से पहले भी वह प्रभु को शीश झुकाकर जाते हैं। राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण से बड़ा स्वप्न साकार हो रहा है। ऐसे ही अन्य पात्र भी हैं, जो भगवान की साधना व आराधना में लीन रहकर रावण का किरदार निभाते हैं। ये लोग चाहते हैं कि शिलान्यास के बाद जल्दी भव्य राममंदिर बने। अभी कोरोना की वजह से भले ही अयोध्या नहीं जा रहे हैं, लेकिन शिलान्यास वाले दिन घर पर ही दीपावली मनाएंगे।

अभिनय किसी भी पात्र का करें पर ह्रदय में प्रभु का वास
रामलीला कमेटी से जुड़े प्रवक्ता आशीष शर्मा बताते हैं कि लीला में अभिनय किसी भी पात्र का करते हैं, लेकिन हृदय में प्रभु राम का वास रहता है। आर्य समाज के मंत्री शचींद्र प्रकाश श्रीवास्तव ने बताया कि अभिनय व लीला भी प्रभु के आदेश पर होती है। पांच शताब्दियों की प्रतीक्षा प्रभु श्रीराम के असीम कृपा से पूरी हो रही है।

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