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रसोई गैस लेने के लिए अब ट्रालीमैन को बताना होगा ओटीपी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी। रसोई गैस की डिलीवरी लेने के लिए ट्रालीमैन को अब ओटीपी बताना होगा। ऑनलाइन या ऑफलाइन बुकिंग कराने के बाद रजिस्टर्ड मोबाइल पर ओटीपी भेजा जाएगा। एक अगस्त शनिवार से नई व्यवस्था लागू हो गई है। 

ऐसी कई शिकायतें मिली हैं, जिनमें बुकिंग कराने के बाद भी उपभोक्ताओं को लंबे समय तक सिलेंडर की डिलीवरी नहीं मिलती। और कई बार उपभोक्ताओं को डिलीवरी का मैसेज आ जाता है। एजेंसियों व इण्डेन की हेल्पलाइन पर शिकायत करने के बाद भी सुनवाई नहीं होती। रसोई गैस उपभोक्ता अक्सर गैस एजेंसियों पर ट्रॉलीमैन की मनमानी की शिकायतें भी करते हैं। 

नई व्यवस्था में जब उपभोक्ता ओटीपी बताएंगे तो मौके पर ही डिलीवरीमैन अपने स्मार्टफोन के जरिए पेट्रोलियम कंपनी के सॉफ्टवेयर में इसे दर्ज करेंगे। सॉफ्टवेयर से ओटीपी मैच होने पर ही सिलेंडर दिया जाएगा। इण्डेन वाराणसी के नोडल अधिकारी पीयूष कुमार सिंह ने बताया कि रसोई गैस की कालाबाजारी रोकने के लिए नया नियम लागू किया जा रहा है। बिना ओटीपी बताए उपभोक्ताओं को सिलेंडर की डिलीवरी नहीं की जाएगी।

प्रवासियों के आने से नए गैस कनेक्शन की मांग 20 फीसदी बढ़ी 
जिले में पिछले दो माह के दौरान रसोई गैस के नये कनेक्शनों  के लिए आवेदनों में 20 प्रतिशत इजाफा हुआ है। आवेदकों में ग्रामीणों क्षेत्रों के लोग अधिक हैं। इंडेन के अनुसार, नए कनेक्शनों के लिए आवेदनों में बढ़ोतरी लॉकडाउन के दौरान बनारस लौटे प्रवासी लोगों के कारण हुई है।  

कोरोना संकट के कारण काफी संख्या में प्रवासी जिले में आए थे। उनमें ज्यादातर लोग बनारस में ही रह रहे हैं। पुराने कनेक्शन से घर की जरूरतें पूरी न होने के कारण नये कनेक्शन की मांग बढ़ रही है। लॉकडाउन से पहले नये कनेक्शन के लिए रोजाना 90 से सौ आवेदन आते थे। अब 110 से 130 आवेदन आ रहे हैं। गैस एजेंसियों पर पहले के मुकाबले ट्रांसफर केस की संख्या भी बढ़ी है। इसमें पांच से सात फीसदी बढ़ोतरी हुई है। जिले में एलपीजी के आठ लाख 76 हजार उपभोक्ता हैं। इनमें एक लाख 72 हजार उज्जवला उपभोक्ता शामिल हैं। 

वाराणसी एलपीजी वितरक संघ के प्रवक्ता मनीष चौबे ने बताया कि काफी लोग 14.2 किलोग्राम के अलावा पांच किलोग्राम के सिलेंडरों का भी कनेक्शन ले रहे हैं। पांच किलोग्राम के सिलेंडर लेने में दस्तावेज का ज्यादा झंझट नहीं होता। यह सुरक्षा की दृष्टि से भी बेहतर होता है।
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