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माफिया राकेश यादव के भाई और भयहू फर्जी डिग्री पर कर रहे थे शिक्षक की नौकरी, मुकदमा दर्ज

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर। माफिया राकेश यादव के भाई चंद्रशेखर यादव और भयहू रेनू यादव फर्जी डिग्री के आधार पर शिक्षक विभाग में नौकरी कर रहे हैं। गुलरिहा थाने के दारोगा ने इनके खिलाफ कूटरचित दस्तावेज बनाने के साथ ही जालसाजी की धारा में केस दर्ज कराया है। चंद्रशेखर यादव और रेनू यादव पति-पत्नी हैं। इनके अलावा नौकरी दिलवाने के आरोप में पुलिस ने श्रवण यादव को भी अभियुक्त बनाया है।  

गुलरिहा क्षेत्र के झुंगिया बाजार निवासी माफिया राकेश यादव वर्तमान में जेल में बंद है। राकेश यादव ने प्रॉपर्टी डीलर छोटू प्रजापति के ऊपर विपिन सिंह नामक शूटर से हमला कराया था। छोटू बच गया और विपिन सिंह पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था। इस मामले में राकेश यादव पर भी साजिश में मुकदमा दर्ज हुआ था। फरार चल रहे राकेश पर इनाम भी घोषित किया गया था। जिले के टॉप टेन बदमाशों की सूची में भी राकेश यादव को शामिल किया गया है। सख्ती देख राकेश ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। वर्तमान में वह जेल में है। 

टॉप टेन बदमाशों की सूची में नाम होने के चलते एसपी नार्थ ने राकेश यादव की सम्पत्ति सहित उसके घर के अन्य सदस्यों की पूरी जानकारी के लिए एक टीम बनाई है। टीम में शामिल गुलरिहा थाने के दरोगा अजय कुमार वर्मा को पता चला कि राकेश के भाई चंद्रशेखर यादव और चंद्रशेखर की पत्नी रेनू यादव दोनों फर्जी डिग्री पर शिक्षा विभाग में नौकरी कर रहे हैं। दोनों की तैनाती महराजगंज जिले में अगल-बगल के गांव के दो स्कूलों पर है। चंद्रशेखर यादव जहां प्राथमिक विद्यालय देवीपुर में तैनात है वहीं रोनू यादव प्राथमिक विद्यालय औरहिया में। टीम की छानबीन में पता चला कि शाहपुर के बशारतपुर निवासी श्रवण यादव ने दोनों को नौकरी दिलवाई थी। दरोगा अजय कुमार की तहरीर पर ही पुलिस ने श्रवण यादव, चंद्रशेखर यादव, रेनू यादव पत्नी चंद्रशेखर यादव के खिलाफ केस दर्ज किया है। 

बीएसए कार्यालय ने शुरू की विभागीय जांच 
फर्जी शैक्षणिक प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी करने वाले दोनों शिक्षकों के खिलाफ महराजगंज में विभागीय कार्रवाई शुरू हो गई है। महराजगंज बीएसए कार्यालय के सूत्रों के मुताबिक गुलरिहा थाना में एफआईआर दर्ज होने के कुछ दिनों पहले गुलरिहा पुलिस महराजगंज बीएसए ऑफिस पहुंच कर दोनों का पूरा ब्यौरा जुटाई थी। विभागीय सूत्रों के अनुसार देवीपुर में तैनात चन्द्रशेखर यादव, सत्येंद्र के नाम से नौकरी कर रहा था, जबकि औरहिया में तैनात रेनू के नाम के साथ उसके पिता का नाम कागजात में अंकित है। पुलिस का पहला शक तो उनकी डिग्री पर है। अगर डिग्री सही भी हो तो इस बात का भी शक है कि वह किसी और डिग्री पर नौकरी कर रहे हैं।

चंद्रशेखर यादव और उसकी पत्नी रेनू यादव सहित तीन लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। चंद्रशेखर और उसकी पत्नी पर फर्जी डिग्री के आधार पर शिक्षक की नौकरी करने का आरोप है। इस मामले में एक टीम महराजगंज बीएसए कार्यालय जाकर प्रमाणपत्रों की जांच कर आगे की कार्रवाई करेगी।-डॉ. सुनील गुप्ता, एसएसपी 
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