वाराणसी की गंगा में तेज बढ़ाव, तटवर्ती इलाकों में मची खलबली
गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. वाराणसी में गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। इससे घाटों का आपसी संपर्क पूरी तरह टूट गया है। गंगा के कारण वरुणा और अन्य नदियों में पलट प्रवाह से तटवर्ती इलाकों खलबली मची है। वाराणसी के सबसे प्रमुख घाट दशाश्वमेध पर स्थित शीतला मंदिर की दीवारों तक पानी पहुंच गया है। गंगा का पानी लगातार एक-एक सीढी चढ़ रहा है। जैसे जैसे पानी चढ़ रहा है वैसे वैसे लोगों की धुकधुकी भी बढ़ रही है। गंगा का आरती स्थल शुक्रवार को ही पानी बढ़ने के कारण बदला जा चुका है।
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार बनारस में रविवार की सुबह आठ बजे तक गंगा का जलस्तर 64.01 मीटर था। यह खतरे के निशान से 6.52 मीटर नीचे हैं। लेकिन इसमें तेजी से बढ़ाव हो रहा है। वाराणसी में चेतावनी बिंदु 70.262 और खतरे का निशान 71.26 मीटर पर है। यहां 73.901 मीटर तक रिकार्ड बन चुका है। पिछले साल भी गंगा ने जबरदस्त कहर बरपाया था।
बढ़ते जलस्तर से वाराणसी के तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों को अब बाढ़ का खतरा सताने लगा है। गंगा में उफान के चलते वरुणा नदी का पानी भी बढ़ने लगा है। गंगा में उफान के चलते नाविक भी परेशान हैं। लॉकडाउन की मार से नाविक अभी उबर भी नहीं पाए थे कि अब बाढ़ ने नई परेशानी खड़ी कर दी है।
तुलसीघाट पर दिखा खतरनाक नजारा
एक तरफ गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है तो दूसरी तरफ तुलसी घाट पर खतरनाक नजारा दिखा। घाट की सीढ़ियों को डुबों चुकीं गंगा में युवक ड्राइव मारते दिखाई दिये। सीढ़ियों के किनारे लगी रेलिंग से कूदने का यह नजारा बेहद खतरनाक है। कई स्थानों पर सीढ़ियों के नीचे पोल होने से बड़ा हादसा हो सकता है। अब तक तुलसी घाट पर ही सबसे ज्यादा डूबने की घटनाएं होती रही हैं।
गाजीपुर और बलिया में भी बढ़ाव
गंगा वाराणसी के साथ ही गाजीपुर और बलिया में भी तेजी से बढ़ रही हैं। गाजीपुर में रविवार की सुबह गंगा का जलस्तर 57.88 मीटर था। यहां चेतावनी बिंदु 62.105 मीटर है। ऐसे में अभी गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु से पांच मीटर नीचे है। यहां पर 63.105 मीटर पर खतरे का निशान है। बलिया में गंगा का जलस्तर 55.62 मीटर है। यहां पर चेतावनी बिंदु 56.61 मीटर है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार यहां पर गंगा में बढ़ोत्तरी जारी है। बलिया में पहले से ही घाघरा नदी ने तबाही मचाई हुई है। ऐसे में गंगा के बढ़ते जलस्तर को देखकर लोग सहम गए हैं।