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गाजीपुर: पीजी कालेज के शिव वाटिका में डीएम ने किया हरसिंगार वृक्ष का पौध रोपण

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर। कृषि विज्ञान केन्द्र, पी0जी0 कालेज, गाजीपुर द्वारा पर्यावरण को समृद्ध व स्वच्छ रखने के दृष्टिगत सघन वृक्षारोपण कार्यक्रम के तहत स्नातकोक्तर महाविद्यालयए गाजीपुर में स्थित शिव वाटिका कैम्पस के औषधीय बगीचा में वृहस्पतिवार को जिलाधिकारी, गाजीपुर ओमप्रकाश आर्य ने हरसिंगार के पौध का पौधरोपण किया। पौधरोपण के दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि हरसिंगार ;पारिजात का पौधा बहुत ही खूबसूरत वृक्ष माना जाता है। 
इस वृक्ष के फूल को भगवान हरि के श्रृंगार और पूजन में उपयोग करते हैं, इस कारण ही इसे हरसिंगार भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि पारिजत को छूने मात्र से ही व्यक्ति की थकान मिट जाती है। हरसिंगार एक पुष्प देने वाला पौधा है जिसमें अनेक औषधीय गुण मौजूद होते हैंए अपने औषधीय गुणों के कारण हरसिंगार को आयुर्वेद में अत्यधिक महत्व दिया गया है। भारत की पौराणिक और लोक कथाओं में हरसिंगार का वृक्ष रहस्यमयी महत्व रखता है। साइटिका रोग के इलाज में हरसिंगार को सबसे अधिक उपयोगी माना जाता है। 

आयुर्वेद में हरसिंगार की पत्तियों का बुखारए खॉसीए साइटिका, संधिशोथ, कब्ज आदि बीमारियों के उपचार में उपयोग किया जाता है। मुख्य विकास अधिकारी श्रीप्रकाश गुप्ता ने रूद्राक्ष के पौध का पौधरोपण किया। पौधरोपण के दौरान उन्होंने कहा कि रूद्राक्ष का अर्थ, रूद्र का अक्ष होता है। रूद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के अश्रुओं से हुई है, रूद्राक्ष को प्राचीन काल से आभूषण के रूप में, सुरक्षा के लिएए ग्रह शांति के लिए और आध्यात्मिक लाभ के लिए प्रयोग किया जाता है। रूद्राक्ष का लाभ अद्भुत होता है और प्रभाव अचूक, परन्तु यह तभी सम्भव है जब सोच समझकर नियमों का पालन करके रूद्राक्ष धारण किया जाय। 

मुख्य चिकित्सा अधिकारी, गाजीपुर डॉ0 जी0सी0 मौर्या ने मौलश्री के पौध का वृक्षारोपण किया। वृक्षारोपण के दौरान उन्होनें कहा कि मौलश्री एक औषधीय वृक्ष है, इसका सदियों से आयुर्वेद में उपयोग होता आ रहा है। इसके चमकीले हरे पत्ते वृक्ष की सुन्दर बनावट मन को मोह लेती है। मौलश्री की छाल के काढ़े में पीपल, शहद और घी मिलाकर कुछ देर तक मुख में रखने से दॉतों का दर्द समाप्त हो जाता है तथा किसी घाव को सुखाने के लिए अथवा फोड़े.फुंसियों के उपचार के लिए मोलश्री के फलए फूल एवं छाल को सुखाकर उनके चूर्ण को घी में मिलाकर रोग वाले स्थान पर लगाने से ठीक हो जाता है। 

अपर महाधिवक्ता उ0प्र0 सरकार सह चेयरमैन अजीत कुमार सिंह ने वृक्षारोपण के अवसर पर जिलाधिकारी ओमप्रकाश आर्य, मुख्य विकास अधिकारी श्रीप्रकाश गुप्ता, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ0 जी0सी0 मौर्या का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि वृक्षों को हरा सोना भी कहा जाता है क्योंकि यह बहुत मूल्यवान सम्पदा है। धरती पर जीवन प्रदान करने वाली ऑक्सीजन और पानी प्रदान करने वाला मुख्य साधन वृक्ष ही हैं। पर्यावरण को स्वच्छ रखने और स्वस्थ और खुशहाल जीवन के लिए वृक्ष आवश्यक हैं। 

उपरोक्त वृक्षों हरसिंगार, रूद्राक्ष एवं मौल के वृक्षों का पौराणिक एवं आध्यात्मिक महत्व है। हमें वृक्षों को काटने से बचाना चाहिए और अधिक से अधिक पौधे लगाने चाहिए। उन्होंने लोगों से वृक्ष लगाने के लिए प्रोत्साहित किया। इस अवसर पर श्री अमिताभ सिंह प्रबंधक आदर्श इण्टर कालेज, महुआबाग, गाजीपुर, संजीव सिंह सेवानिवृत्त एडीशनल सेक्रेट्री बिहार सरकार, डॉ0 समर बहादुर प्राचार्य स्नातकोक्तर महाविद्यालय, गाजीपुर उपस्थित थे।
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