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गाजीपुर: चर्चित नूरपुर कांड में पुलिसिया अत्याचार की जांच स्वयं DM ओमप्रकाश आर्य करेंगे

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर। जिले के चर्चित नूरपुर कांड की जांच स्वयं जिलाधिकारी ओमप्रकाश आर्य करेंगे। प्रमुख सचिव गृह द्वारा इसका निर्देश मिलते ही सायंकाल डीएम घटना की सच्चाई जानने गांव में पहुंचे। ब्राह्मण परिवार पर किए गए पुलिसिया अत्याचार की जांच कर तीन दिन के भीतर रिपोर्ट भेजने को कहा गया है।

नगसर पुलिस द्वारा नूरपुर गांव में एक ब्राम्हण परिवार के नौ सदस्यों की थाने में की गई बेरहमी से पिटाई के मामले को मुख्यमंत्री ने स्वतः संज्ञान लिया है। इसके बाद शनिवार को पूरे दिन प्रशासनिक महकमे में अफरा-तफरी मची रही। सीएम कार्यालय से एमएलसी विशाल सिंह चंचल के पास पहला फोन सीएम के निजी सचिव का आया और घटना के बारे में पूछताछ की गई।

इसके कुछ देर बाद एडीजी ला एंड आर्डर ने बात की। उन्हें भी एमएलसी ने घटना के बाबत अवगत कराया। अंतिम वार्ता जिलाधिकारी ओमप्रकाश आर्य ने  एमएलसी से की। इसके बाद वह मामले की जांच करने खुद रवाना हो गए। इतना ही नहीं एमएलसी ने अखबारों में प्रकाशित खबरों को भी मेल आदि के जरिए सीएम और एडीजी को भेजा।

नगसर थाने से बीते 26 जुलाई को एक युवक पुलिस कस्टडी से फरार हो गया था। पुलिस उसके गांव नूरपुर पहुंची और परिजनों से दुर्व्यवहार करने लगी। इसका विरोध करने पर ब्राम्हण परिवार के नौ लोगों को थाने उठा लाई और उनकी बर्बर पिटाई की। उस समय बड़ी मां की मृत्यु के बाद परिवार के सभी सदस्य घर में तेरहवीं कार्यक्रम की तैयारी कर रहे थे। सभी पर फर्जी मुकदमा लादकर चालान कर दिया गया। 

यह मामला पूरे जनपद में चर्चा का विषय बना हुआ है। लोग दोषी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। इसके पूर्व में भी पुलिसिया अत्याचार के कई मामले ठंडे बस्ते में डाल दिए गए हैं। कुछ दिन पूर्व कासिमाबाद कोतवाली में युवकों की हुई पिटाई के मामले की अब तक जांच पूरी नहीं हो सकी है। यही नहीं दुल्लपुर थाने में पहुंचे वृद्ध फरियादी की पिटाई के बाद आज तक उन्हें न्याय नहीं मिला।

अब नूरपुर का ब्राह्मण परिवार न्याय के लिए चक्कर काटने को विवश है। पीड़ितों ने जिले के जनप्रतिनिधि सहित सीएम तक को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई है। इस संबंध में जिलाधिकारी ओमप्रकाश आर्य ने कहा कि शासन स्तर से इस प्रकरण की जांच करने का निर्देश दिया गया है। इस मामले की जांच कर शासन को रिपोर्ट दी जाएगी। 

उधर नूरपुर कांड को लेकर एमएलसी विशाल सिंह चंचल ने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय सहित एडीजी और जिला अधिकारी का फोन आया था। उन्हें घटना की सच्चाई से अवगत करा दिया गया है। निश्चित रूप से पीड़ितों को न्याय मिलेगा। यह मुझे भरोसा है।

कासिमाबाद व दुल्लहपुर के पीड़ितों को कौन देगा न्याय ?
कासिमाबाद और दुल्लहपुर पुलिस का क्रुरतम चेहरा उस समय सामने आया। जब पीड़ितों ने अपना दर्द बयां करते हुए कपड़ा उतारा था। उनके शरीर पर पड़े जख्म के निशान खुद गवाही दे रहे थे। हालांकि कासिमाबाद के मामले को एसपी ने गंभीरता से लेते हुए जांच बैठा दी थी, लेकिन अब तक जांच ही पूरी नहीं हो पाई। इसके अलावा दुल्लहपुर थाने में वृद्ध फरियादी को पिटने की शिकायत पीड़ित की पत्नी ने मुख्यमंत्री से लेकर उच्चाधिकारियों से की है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
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