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कोरोना के मरीजों को दी जाएगी आइवरमेक्टिन टैबलेट, जानें कब खानी होगी यह दवा

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण से बचाव के लिए आइवरमेक्टिन  टैबलेट को दवा के तौर पर इस्तेमाल करने की यूपी सरकार ने मंजूरी दे दी है। अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया। इसमें दवा के इस्तेमाल के तरीकों के बारे में भी जानकारी दी गई है।
शासनादेश में बताया गया है कि महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. बीएस नेगी की अध्यक्षता में हुई तकनीकी विशेषज्ञों की बैठक में कोविड-19 के संक्रमण से बचाव एवं उपचार के संबंध में आईवरमेक्टिन टैबलेट का इस्तेमाल किए जाने की संस्तुति की गई। शासनादेश में कहा गया है कि कोरोना के पुष्ट रोगी के संपर्क में आए व्यक्तियों में रोग के संभावित संक्रमण से बचाव के लिए प्रति किलोग्राम शरीर के भार पर 200 म्यू ग्राम के हिसाब से पहले व सातवें दिन रात्रि भोजन के दो घंटे बाद व्यस्क व्यक्ति में औसतन 12 मिलीग्राम दवा दी जाएगी। 

कोविड-19 के उपचार एवं नियंत्रण में कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों में संक्रमण से बचाव के लिए प्रति किलोग्राम शरीर के भार पर 200 म्यू ग्राम के हिसाब से पहले, सातवें व 30वें दिन और आवृत्ति क्रम में प्रति माह में एक बार आईवरमेक्टिन प्रयोग की जानी चाहिए। शासनादेश के अनुसार एसिम्प्टोमेटिक या हल्के लक्षणों वाले कोविड-19 के पुष्ट रोगियों के इलाज में आइवरमेक्टिन को  प्रति किलोग्राम शरीर के भार पर 200 म्यू ग्राम के हिसाब से पहले तीन दिनों तक रात्रि में एक बार भोजन के दो घंटे बाद व्यस्क व्यक्ति में औसतन 12 मिलीग्राम दवा दी जाएगी। साथ ही डॉक्सीसाइक्लीन 100 म्यू ग्राम दवा दिन में दो बार पांच दिन तक दी जाएगी।

गर्भवती महिलाओं व दो वर्ष से कम बच्चों को नहीं दें यह दवा
शासनादेश में सतर्क किया गया है कि गर्भवती एवं धात्री महिलाओं तथा दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों को यह दवा नहीं दी जाएगी। डॉक्सीसाइक्लीन दवा भी गर्भवती व धात्री महिलाओं तथा 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को नहीं दी जाएगी। 

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