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कोरोना मरीजों के लिए इंतजाम कम पड़े तो डीएम और मेडिकल कालेजों के प्रिंसिपल होंगे जवाबदेह - CM योगी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने कोविड-19 अस्‍पतालों की व्‍यवस्था को चुस्‍त-दुरुस्‍त बनाने के निर्देश देते हुए कहा कि कोरोना मरीजों को अच्‍छा इलाज देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। उन्‍होंने कहा कि कोरोना के इलाज के लिए हर जिले को तीन से पांच करोड़ रुपए अतिरिक्‍त उपलब्‍ध कराए गए हैं। जिलाधिकारी अपने-अपने जिले में इस धनराशि से कोविड-19 के इलाज की सारी आवश्‍यक सुविधाएं सुनिश्चित कर लें। 
इसके अलावा सभी मेडिकल कॉलेज अपने बजट से कोविड-19 के इलाज के लिए दवाइयां और अन्य आवश्यक सामग्री खरीदें। मेडिकल कॉलेजों को उपलब्ध कराई गई धनराशि का पूरा इस्‍तेमाल मरीजों के बेहतर इलाज पर किया जाना चाहिए। मुख्‍यमंत्री ने चेतावनी दी कि यदि इस काम में किसी प्रकार की  उदासीनता बरती गई तो सम्‍बन्धित  प्रिंसिपल की जवाबदेही तय की जाएगी। उन्होंने कहा कि किसी भी दशा में दवा के अभाव में मरीज का इलाज प्रभावित नहीं होना चाहिए। बुधवार को मुख्‍यमंत्री के अधिकारिक ट्विटर पर इन निर्देशों की जानकारी दी गई।

कांटैक्‍ट ट्रेसिंग में तेजी लाने का निर्देश 
मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ कोविड-19 संक्रमण की समीक्षा करते हुए कांटैक्ट ट्रेसिंग में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसके जरिए से कोविड-19 के प्रसार को नियंत्रित करने में मदद मिल रही है इसलिए ज्यादा से ज्यादा का कांटैक्ट ट्रेसिंग की जाए।

उन्‍होंने प्रदेश में 80,000 रैपिड एन्टीजन टेस्ट तथा RT-PCR विधि से 45,000 टेस्ट प्रतिदिन करने के लिए सभी प्रयास करने का निर्देश दिया। 40 लाख 75 हजार से अधिक टेस्ट्स के साथ उत्तर प्रदेश कोरोना जांच के मामले में देश का पहला राज्य बन गया है। सीएम ने इस पर संतोष व्यक्त करते हुए टेस्टिंग गतिविधियों को पूरी क्षमता से संचालित करने का निर्देश दिया।

अस्‍पतालों में सरप्‍लस बेड के इंतजाम का आदेश
मुख्‍यमंत्री ने कोविड अस्‍पतालों में पर्याप्त संख्या में बेड्स की व्यवस्था करने का भी निर्देश दिया। उन्‍होंने कहा कि बेड्स की संख्या में वृद्धि इस प्रकार की जाए कि हर अस्‍पताल में सरप्लस बेड्स उपलब्ध हों। 

आधी एम्‍बुलेंस कोरोना के लिए 
मुख्‍यमंत्री ने हर जिले में 50 प्रतिशत ‘108’ तथा एएलएस एम्बुलेंस सेवाओं का उपयोग कोविड प्रकरणों में और बाकी 50 प्रतिशत का उपयोग नॉन कोविड प्रकरणों में करने का भी निर्देश दिया है। 

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