मुख्यमंत्री योगी बोले-ये नया उत्तर प्रदेश है, उपद्रवियों से सख्ती से पेश आएगी यूपी सरकार
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में उप्रदव फैलाने वालों को सख्त हिदायत देते हुए कहा कि ये नया उत्तर प्रदेश है। इस सरकार में उप्रदवियों पर सख्ती से पेश आया जाएगा। उन्होंने कहा कि अराजकता स्वीकार नही हैं। सार्वजनिक अथवा निजी संपत्ति को क्षति पहुंचाने वाले दंगाइयों और उपद्रवियों से वसूली सुनिश्चित की जाएगी। सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली नियमावली 2020 के अनुसार लखनऊ और मेरठ में शीघ्र ही संपत्ति क्षति दावा अधिकरण गठित किया जाएगा।
हिंसा में सम्पत्ति के नुकसान की वसूली को गठित अधिकरण के अध्यक्ष रिटायर जिला जज होंगे
उत्तर प्रदेश लोक और निजी सम्पत्ति क्षति वसूली अध्यादेश के बाबत गठित दावा प्राधिकरण में दो सदस्य होंगे। इसमें अध्यक्ष सेवानिवृत्त जिला जज होंगे जबकि मण्डल में नियुक्त अपर मण्डलायुक्त श्रेणी के अधिकारी होंगे। अध्यक्ष की नियुक्ति की कार्यवाही पात्र अभ्यर्थियों से पदों के लिए आवेदन आमंत्रित करते हुए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित करेगी। जिसमें अपर मुख्य सचिव गृह व प्रमुख सचिव न्याय सदस्य होंगे। यह चयन खोजबीन सह चयन समिति के जरिये किया जाएगा। दावा अधिकरण के अध्यक्ष की नियुक्ति पांच वर्ष की अवधि या फिर 65 साल की उम्र प्राप्त करने तक जो भी पहले हो तक के लिए की जाएगी।
अशांति फैलाने वालों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई
हड़ताल, बंद, दंगों, लोक अशांति के दौरान सार्वजनिक स्थलों पर हिंसा करने वालों के खिलाफ और ऐसी हिंसा के नतीजे में लोक तथा निजी सम्पत्ति की क्षति की वसूली के लिए यह दावा अधिकरण गठित किया जाएगा। इस अध्यादेश के नियम-26 के तहत उ.प्र. लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली नियमावली जारी की गई है। इस नियमावली के प्रावधान के अनुसार दावा अधिकरण का गठन पहली बार लखनऊ और मेरठ मण्डल में पहली बार किया जा रहा है। दावा अधिकरण के कार्यालय के लिए दावा आयुक्त और उप दावा आयुक्त की नियुक्ति अपर मुख्य सचिव गृह द्वारा की जाएगी।
दावा आयुक्त के रूप में राज्य प्रशासनिक सेवा या राज्य अभियोजन सेवा का राजपत्रित अधिकारी होगा। दावा अधिकरण को उसके संचालन के लिए किसी अन्य आवश्यक कर्मचारी वर्ग विशेष रूप से विधिक सलाहकारों की सेवाएं अपर मुख्य सचिव गृह की ओर से उपलब्ध करवाई जाएंगी। दावा अधिकरण द्वारा याचिका जो निर्धारित प्रारूप में होगी प्रस्तुत की जाएगी। दावा आयुक्त द्वारा दावे की प्रति अध्यक्ष को व सदस्य को भेजी जाएगी। अधिकरण में दावों की सुनवाई के लिए पक्षकारों को नोटिस दिए जाएंगे। अधिकरण मौखिक सुनवाई, साक्षी की सुनवाई करते हुए साक्ष्य का पूरा अवसर देते हुए अपना निर्णय सुनाएगा। लोक व निजी सम्पत्ति की क्षति की वसूली भू-राजस्व के बकाये के रूप में की जाएगी।