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जान जोखिम में डालकर देने पहुंचे बीएड प्रवेश परीक्षा, न दिखी सोशल डिस्टेंसिंग न थर्मल स्कैनिंग

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. लखनऊ समेत प्रदेश भर में  संयुक्त प्रवेश परीक्षा बीएड 2020 शुरू हो गई है। जैसे-तैसे परीक्षार्थियों को केंद्र में प्रवेश देकर परीक्षा शुरू कराई गई।
राजधानी लखनऊ में परीक्षा को लेकर किए गए  तमाम दावों की पोल रविवार सुबह खुल है। कोरोना महामारी के बावजूद सामाजिक दूरी जैसे प्रोटोकॉल तक पूरे नहीं हो सके। केकेसी, केकेसी, ए पी सेन कॉलेज में ना तो थर्मल स्कैनिंग की व्यवस्था दिखी और ना ही अन्य व्यवस्थाएं। 

सिर्फ केंद्र में ही नहीं, बल्कि केंद्र तक पहुंचने में भी अभ्यर्थियों को काफी मेहनत करनी पड़ी। बाराबंकी से केकेसी पर परीक्षा देने आए सुरेश सिंह और सुल्तानपुर से अाई आयुषी ने बताया कि बस तक नहीं मिल रही है। पहुंचने के लिए प्राइवेट गाडियां करनी पड़ी है।

44 केंद्रों पर नियमों को भूले स्टूडेंट
मेरठ के 44 केंद्रों पर बीएड एंट्रेंस सुबह नौ बजे शुरू हो गया। प्रतिबंध के बीच हो रहे इस एंट्रेंस में स्टूडेंट और परिजन निजी वाहनों से केंद्रों तक पहुंचे। सभी केंद्रों पर कार और बाइक की लाइन लगी रही। मास्क और सेनेटाइजर साथ लाने के निर्देशों के बावजूद कुछ स्टूडेंट मास्क लगाकर नहीं पहुंचे। सभी केंद्रों पर ऐसे स्टूडेंट के लिए मास्क दिए गए। केंद्रों पर स्टूडेंट की एंट्री हाथों को सेनेटाइज कराने के बाद हुई। केंद्रों के बाहर स्टूडेंट दो गज की दूरी के नियमों को भी भूल गए।

एडमिट कार्ड को फोटोकॉपी लेकर नहीं पहुंचने से स्टूडेंट को चक्कर काटने पड़े। हालांकि कुछ केंद्रों के आसपास फ़ोटो स्टेट की दुकानें देरी से खुलीं। यहां पर स्टूडेंट की एडमिट कार्ड की फोटोकॉपी कराने के लिए लाइन लगी रही। प्रशासन द्वारा प्रतिबंध में ई-रिक्शा और ऑटो संचालन की छूट देने से स्टूडेंट को राहत मिली। नौ से 12 और दो से पांच बजे की दो पालियों में हो  रहे इस एंट्रेंस में स्टूडेंट को इस बार अंतराल के बीच बाहर आने की अनुमति नहीं रहेगी। स्टूडेंट को सुबह नौ से शाम पांच बजे तक केंद्र के अंदर रहना होगा। मेरठ में 18 हजार 800 एंट्रेंस के लिए पंजीकृत हैं।
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