सिक्योरिटी कोड से लैस है भूमि पूजन के लिए बना आमंत्रण पत्र, जानें विशेषता...
गाजीपुर न्यूज़ टीम, अयोध्या। अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के लिए पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुरूप भूमि पूजन का तीन दिवसीय अनुष्ठान सोमवार सुबह शुरू हो गया। पांच अगस्त यानी बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूमि पूजन करेंगे। इस अनुष्ठान शामिल होने के लिए देशभर की सभी परंपराओं के संतों को निमंत्रण पत्र भेजा गया है। यह निमंत्रण पत्र बेहद खास है। निमंत्रण पत्र खास किस्म के सिक्योरिटी कोड से लैस है, जो केवल एक बार ही काम करेगा। कार्ड की नंबरिंग भी की गई है।
अयोध्या के कारसेवकपुरम में आयोजित प्रेसवार्ता में श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि भूमि पूजन समारोह स्थल पर प्रवेश के वक्त निमंत्रण पत्र पर पड़े नाम और नंबर को सुरक्षा अधिकारी क्रॉस चेक करेंगे। एक बार प्रवेश लेने के बाद यदि कोई व्यक्ति परिसर से निकलकर दोबारा जाने करने की कोशिश करेगा तो उसे प्रवेश नहीं मिल सकेगा। भूमि पूजन में शामिल होने के लिए अतिथियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहुंचने से दो घंटे पहले ही आयोजन स्थल पर पहुंचना होगा। अतिथियों के वाहन सिर्फ रंगमहल बैरियर तक ही जाएंगे। वहां से अतिथियों को पैदल ही कार्यक्रम स्थल तक जाना होगा। अमावा मंदिर परिसर में वाहनों की पार्किंग की जाएगी।
प्राचीन सनातनी परंपरा के साथ आधुनिकता का समागम : अयोध्या में सोमवार को माता सीता और प्रभु श्रीराम की कुल देवियों और विघ्न विनाशक की पूजा अर्चना से समारोह का श्रीगणेश हो गया। इस समारोह में शामिल होने के लिए देशभर की सभी परंपराओं के संतों को निमंत्रण पत्र भेजा गया है। निमंत्रण पत्र में प्राचीन सनातनी परंपरा के साथ आधुनिकता का समागम है। सनातनी परंपरा में किसी भी शुभ काम के लिए पीला रंग शुभ माना जाता है। इसलिए इस कार्ड को पीले रंग में छपवाया गया है। आमंत्रण पत्र पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का लोगो भी बना है। निमंत्रण कार्ड पहले उन लोगों को दे रहे हैं जिनका निवास अयोध्या में ही है। जैसे-जैसे लोग बाहर से आएंगे उन्हें उनका कार्ड सौंपा जाएगा।
निमंत्रण पत्र पर यह है लिखा : निमंत्रण पत्र में अतिथियों की सूची और ट्रस्ट के पदाधिकारियों के नाम भी हैं। निमंत्रण पत्र में लिखा है कि अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पांच अगस्त को श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण का कार्य शुरू किए जाने वाले ऐतिहासिक क्षण का आमंत्रण देते हुए हर्ष और उल्लास का अनुभव हो रहा है। लिफाफे पर हर तरफ श्रीराम लिखा हुआ है। साथ ही सबसे ऊपर भगवान राम की तस्वीर वाला श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र का लोगो नजर आता है। इसके बाद श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का भूमि पूजन और कार्यारंभ का निमंत्रण दिया गया है। इसके नीचे कार्यक्रम की तिथि लिखी है जो भाद्रपद, कृष्णपक्ष की द्वितीया है जो पांच अगस्त 2020 को है। कार्यक्रम का समय दोपहर 12.30 बजे रखा गया है। इसके नीचे कार्यक्रम स्थल का जिक्र है।
सभी परंपराओं के संतों को निमंत्रण : अयोध्या के कारसेवकपुरम में आयोजित प्रेसवार्ता में श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि आमंत्रित संतों में दशनामी संन्यासी परंपरा, वैष्णव परंपरा, रामानुज परंपरा, नाथ परंपरा, निम्बार्क, माधवाचार्य, वल्लभाचार्य, रामसनेही, कृष्णप्रणामी, उदासीन, कबीरपंथी, चिन्मय मिशन, रामकृष्ण मिशन, लिंगायत, वाल्मीकिसंत, रविदासी संत, आर्य समाज, सिख परंपरा, बौध, जैन, इस्कान, स्वामीनारायण, वारकरी, एकनाथ, बंजारा व वनवासी संत, आदिवासी गौण, गुरु परंपरा, भारत सेवाश्रम संघ, आचार्य समाज, सिंधी संत व अखाड़ा परिषद के पदाधिकारी हैं। नेपाल के जानकी मंदिर के महंत भी भूमि पूजन के कार्यक्रम का हिस्सा होंगे।