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इलाहाबाद हाई कोर्ट का बकरीद पर लॉकडाउन में छूट देने से इनकार

गाजीपुर न्यूज़ टीम, प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए ईद उल अजहा (बकरीद) के अवसर पर यूपी में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण लागू लॉकडाउन में छूट देने की मांग में दाखिल याचिका खारिज कर दी है। प्रदेश में शनिवार और रविवार को लागू प्रतिबंधों में छूट देने से इनकार करते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि कोविड-19 की वजह से लगाए गए ये प्रतिबंध न तो मनमाने हैं और न ही अकारण हैं। इनको लोक क्षेम और स्वास्थ्य के मद्देनजर लगाया है। संविधान में दी गई धार्मिक स्वतंत्रता का मौलिक अधिकार निर्बाध नहीं है और राज्य को अधिकार है कि वह इस पर उचित प्रतिबंध लगा सकता है। 

पीस पार्टी के नेता डॉक्टर मो. अयूब की जनहित याचिका पर न्यायमूर्ति पंकज मित्तल और न्यायमूर्ति डॉ. वाईके श्रीवास्तव की खंडपीठ ने सुनवाई की और खारिज कर दिया। याची ने कोर्ट से मांग की थी कि एक अगस्त को बकरीद है और कुर्बानी बकरीद का अहम हिस्सा है, लेकिन कोविड-19 के कारण राज्य सरकार ने गाइडलाइन जारी कर हर शनिवार और रविवार को लॉकडाउन का निर्णय लिया है। एक अगस्त को भी शनिवार है। इसलिए गाइडलाइन में ढील देते हुए बकरीद की खरीदारी की इजाजत दी जाए।

याची डॉक्टर मो. अयूब ने कोर्ट से कहा कि संविधान के अनुच्छेद 25 में धार्मिक त्योहार मानने और उसके प्रचार प्रसार की आजादी का मौलिक अधिकार है। राज्य सरकार की गाइडलाइन से याची के अनुच्छेद 21 और 25 में मिले मौलिक अधिकार का हनन होता है। लॉकडाउन का आदेश जनस्वास्थ्य के मद्देनजर दिया गया है और ऐसी कोई वजह नहीं है कि गाइडलाइन को शिथिल न किया जाए। कोर्ट ने सुनवाई के बाद छूट दिये जाने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि ये प्रतिबंध लोक कुशलता और जन स्वास्थ्य के देखते हुए लगाए गए हैं।

बता दें कि देशभर में बकरा ईद, बकरीद, ईद-उल-अजहा या फिर ईद-उल जुहा इस वर्ष एक अगस्त यानी शनिवार को मनाई जाएगी। इस्लामिंक कैलेंडर के अनुसार 12वें महीने की 10 तारीख को बकरीद मनाई जाती है। हालांकि, साउदी अरब में 31 जुलाई को ही बकरीद मनाई गई। बकरीद, रमजान के पवित्र महीने के खत्म होने के लगभग 70 दिनों के बाद मनाई जाती है। बकरीद पर कुर्बानी दी जाती है और मीठी ईद के बाद यह इस्लाम धर्म का प्रमुख त्योहार होता है।

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