उद्यमियों को कम कीमत पर जमीन देने की तैयारी कर रही योगी सरकार
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में औद्योगिक निवेश के इच्छुक उद्यमियों के लिए अपनी परियोजना लगाना अपेक्षाकृत सस्ता पड़ेगा। उन्हें सस्ती सस्ती जमीन दिलाने के लिए प्रदेश सरकार खास कार्ययोजना बना रही है। इसके अमल में आने से औद्योगिक क्षेत्रों की जमीन के रेट 15-20 प्रतिशत तक कम हो सकते हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर औद्योगिक विकास विभाग ने कार्ययोजना बनानी शुरू कर दी है। औद्योगिक विकास प्राधिकरण संबंधित क्षेत्रों इंफ्रास्ट्रक्चर चरणबद्ध तरीके विकसित करेंगे। यह देखा जाएगा कि वहां उद्योग, विकास व निवेश की कितनी संभावनाएं हैं। इसी हिसाब से इंडस्ट्रियल प्लाट की मांग होगी। असल में औद्योगिक विकास प्राधिकरणों को बताया जाएगा कि उन्हें नए औद्योगिक क्षेत्रों का नियोजन किस तरह करना है और किस तरह विकास की प्रक्रिया अपनानी है। वहां किस तरह बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करवानी हैं।
इस तरह सस्ती हो सकती है जमीन
बगैर मांग व विकास का आकलन किए इंफ्रास्ट्रक्चर की सुविधाएं विकसित करना और बरसों उनका उपयोग न होने से प्राधिकरणों का काफी पैसा खर्च हो जाता है। वह सुविधाएं समय के साथ खराब होती जाती हैं। इसका असर औद्योगिक प्लाट की कीमत पर पड़ता है। अगर रणनीतिक तौर पर योजनाबद्ध व दूरदर्शिता के साथ विकास किया जाए तो इस अनावश्यक होने वाले पैसे को बचाया जा सकता है।
इसके अलावा प्लाट की कास्टिंग में ब्याज भी ज्यादा जोड़ दिया जाता है। इसको भी रेगुलाइज किया जाएगा। इसके अलावा नई तकनीक से इंफ्रास्ट्रक्चर सुविधा मसलन, सड़क, बिजली, सीवर व अन्य व्यवस्थाएं विकसित की जाएं तो इस पर होने वाला खर्च और भी कम हो जाएगा। इन व्यवस्थाओं से औद्योगिक विकास विभाग का अनुमान है कि 15 से 20 प्रतिशत तक जमीन के रेट कम हो सकते हैं।
कार्ययोजना के लिए कमेटी जुटी
मुख्यमंत्री के निर्देश पर औद्योगिक विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव आलोक कुमार की अध्यक्षता में एक कमेटी बनी है। इसमें लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव, यूपीसीडा व गीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी, ग्रेटर नोएडा के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी, व उद्योग बंधु के अधिशासी निदेशक शामिल हैं। पहली बैठक कर कुछ मुद्दों पर सहमति बन गई है।
इनका कहना है निवेशकों को अपेक्षाकृत सस्ती औद्योगिक जमीन दिलाने के लिए एक कार्ययोजना बन रही है। इसमें संबंधित प्राधिकरण कई ऐसे उपाए लागू करेंगे जिससे वर्तमान स्थिति के मुकाबले जमीन की लागत कुछ कम हो जाए। इससे प्राधिकरणों को भी फायदा होगा। निजी निवेशकों को सस्ती जमीन मिल सकेगी।-आलोक कुमार-अपर मुख्य सचिव,औद्योगिक विकास विभाग व आईटी विभाग