हर घरों में रेनवाटर हार्वेस्टिंग का बंदोबस्त हो - CM योगी आदित्यनाथ
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी सरकारी भवनों पर रूफटाप रेनवाटर हार्वेस्टिंग को अनिवार्य कर दिया है। नगर निकायों में भी इसे अनिवार्य रूप से लगाना होगा। वहीं 300 वर्गफीट के ऊपर के आवासों को अनिवार्य रूप से रेन वाटर हार्वेस्टिंग से जोड़ा जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों से अपील की है कि लोग अपने आवासीय भवनों में भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग का प्रबंध करें, जिससे पूरे प्रदेश में भूजल समस्या का दीर्घ कालीन समाधान हो सके।
सीएम योगी बुधवार को अपने सरकारी आवास पर आयोजित 'भूजल सप्ताह' के समापन कार्यक्रम को वेबिनार के माध्यम से संबोधित कर रहे थे। प्रदेश में 16 से 22 जुलाई के बीच 'भूजल सप्ताह' का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार भूजल प्रबन्धन एवं संरक्षण के लिए पूर्णतया प्रतिबंद्ध है। लिहाजा भूजल संसाधनों की सुरक्षा, संरक्षण एवं नियमन के लिए उत्तर प्रदेश ग्राउण्ड वाटर मैनेजमेंट एण्ड रेगुलेशन अधिनियम-2019 को सरकार ने प्रख्यापित कर दिया है।
उन्होंने कहा कि जल शक्ति विभाग ने 'भूजल सप्ताह' का आयोजन कर जल संरक्षण के प्रति जागरूकता का जो व्यापक कार्य किया है, वह सराहनीय है। पिछले तीन-चार दशकों के दौरान अत्यधिक मात्रा में भूजल दोहन के कारण प्रदेश के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में व्यापक विषमता देखने को मिली है। प्रदेश के 823 विकास खण्डों में से 287 विकास खण्डों में भूजल में 20 सेमी तक की गिरावट प्रतिवर्ष देखने को मिली है।
तीन सालों के दौरान हुए गंभीर प्रयास
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में भूजल के प्रति गम्भीरता से कार्य किया गया है। इसमें तालाबों का निर्माण व जीर्णोद्धार, चेकडैम का निर्माण, सिंचाई में कम जल की खपत वाली विधियों जैसे ड्रिप व स्प्रिंक्लर प्रणाली को प्रोत्साहित करने का कार्य किया गया है। इसके सार्थक परिणाम भी सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में चरणबद्ध रूप से रिवर बेसिन को चिन्हित करते हुए भूजल गुणवत्ता का परीक्षण कराया जाना है और इसके बाद प्रदेश के सभी रिवर बेसिन की गुणवत्ता का समग्र आकलन किया जा सकेगा।
भूजल को प्रदूषण मुक्त रखना सबसे बड़ी जरूरत
सीएम योगी ने कहा कि जिन क्षेत्रों में भूगर्भीय जल में खारापन, आर्सेनिक और फ्लोराइड की समस्या देखने को मिल रही है। उसका कारण भूगर्भ जल का अति दोहन है। उन्होंने कहा कि प्रकृति के उपहारों के साथ खिलवाड़ नहीं किया जा सकता, नहीं तो उसकी बहुत बड़ी कीमत हमें चुकानी पड़ेगी। भूजल को सुरक्षित और प्रदूषण से मुक्त रखना आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है।