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स्टार्टअप के लिए महिलाओं, थर्ड जेंडर व दिव्यांगों को मिलेंगी 50% अतिरिक्त सहूलियतें

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ। कुछ नया करने का आइडिया हो...दिमाग में कुलबुलाहट हो... लेकिन पिता, भाई या पति पैसा लगाने को तैयार न हो तो प्रदेश की नई स्टार्टअप पॉलिसी आधी आबादी के लिए अच्छी खबर लेकर आई है। प्रदेश की नई स्टार्टअप नीति में महिलाओं को खास तरजीह दी गई है।

महिलाओं समेत दिव्यांगों और थर्ड जेंडर को भी नीति के तहत 50 फीसदी अतिरिक्त सुविधाएं दी जाएंगी। प्रदेश की स्टार्टअप नीति के तहत नए स्टार्टअप को इंक्यूबेटर की सुविधा दी जाएगी। इंक्यूबेटर वह जगह होती है जहां अपना काम शुरू करने के लिए हर तरह की सुविधाएं मुहैया करवाई जाती हैं। हर इंक्यूबेटर में 10 स्टार्टअप को 15 हजार रुपये प्रतिमाह निर्वहन भत्ता के रूप में एक साल तक दिया जाना है लेकिन अगर स्टार्टअप महिला है तो यह रकम बढ़कर 22750 कर दी जाएगी।

पूंजी का भी मिलेगा लाभयही नहीं बल्कि स्टार्टअप में लगने वाली पूंजी भी महिलाओं को ज्यादा दी जाएगी। नीति के तहत 5 लाख रुपये की प्रारंभिक पूंजी दी जानी है। महिला स्टार्टअप के लिए यह रकम 7.5 लाख रुपये होगी। यह धनराशि तीन हिस्सों में बांट कर दी जाएगी। इसके लिए मानक तय कर दिए गए हैं। इसी तरह की अतिरिक्त सुविधाएं दिव्यांगजन और थर्ड जेंडर को भी मिलेंगी। सिर्फ यही नहीं बल्कि यदि स्टार्टअप शुरू करने वाला पुरुष है और उसके यहां 50 फीसदी से ज्यादा महिलाएं, थर्ड जेण्डर या दिव्यांग काम कर रहे हैं तो उसे भी यह सुविधा दी जाएगी। वहीं यदि महिला, दिव्यांग या थर्ड जेण्डर सह संस्थापक भी हैं तो भी वे अतिरिक्त सुविधाओं के पात्र होंगे।

इंक्यूबेशन सेंटर में महिलाओं को 25 फीसदी सीटेंवहीं राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त इंक्यूबेशन सेंटरों पर भी महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित की जाएंगी। इंक्यूबेशन सेंटर की 25 फीसदी सीटें महिला स्टार्टअप को दी जाएगी। यूपी में लगभग 500 सीटें हैं। वहीं यदि महिला ने अपना स्टार्टअप साझेदारी में लगाया है तो भी उसे यहां सीट देने में वरीयता दी जाएगी। पूर्वांचल या बुंदेलखण्ड में अपना स्टार्टअप लगाने वाले लोगों और ईडब्लूएस यानी आर्थिक रूप से कमजोर स्टार्टअप को भी नीतियों के तहत 50 फीसदी का अतिरिक्त फायदा मिलेगा।
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