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चार घंटे पहले थाने से आया फोन तो हिस्ट्रीशीटर विकास ने बुला लिए 30 शूटर

गाजीपुर न्यूज़ टीम, कानपुर। बिल्हौर सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की नृशंस हत्या करने वाले एक लाख के इनामी हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को वारदात से चार घंटे पहले थाने से ही सूचना आई थी कि तुम्हारे यहां दबिश दी जा रही है। इसके बाद विकास ने फोन कर 30 शार्प शूटरों को बुलाया था। रविवार तड़के मुठभेड़ में गिरफ्तार विकास के खास गुर्गे दयाशंकर अग्निहोत्री उर्फ कल्लू ने पुलिस के सामने घटना का राज खोला। उसने बताया कि शूटर अत्याधुनिक हथियारों से लैस थे और इनके साथ 315 बोर के राइफल से विकास ने भी पुलिस पर गोलियां चलाई थीं।

हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के साथ हमेशा साये की तरह रहने वाला दयाशंकर अग्निहोत्री उर्फ कल्लू उसकी नौकरानी का पति है और सपरिवार विकास के घर में ही रहता है। उसके खिलाफ हत्या के प्रयास के दो मामलों समेत तीन मुकदमे कल्याणपुर थाने मेें दर्ज हैं। इन मुकदमों में विकास भी आरोपित है। बिकरू कांड में भी कल्लू 25 हजार का इनामी है। बकौल आइजी मोहित अग्रवाल, मुठभेड़ में पकड़े गए कल्लू ने बताया कि थाने से चार घंटे पहले फोन आने के बाद विकास ने तीस शार्प शूटर बुला लिए। दयाशंकर उर्फ कल्लू के नाम पर दर्ज 315 बोर की लाइसेंसी राइफल से विकास ने भी पुलिस पर गोलियां चलाई थीं। उसके पास पिस्टल और तमंचे भी थे। दयाशंकर ने अपने समेत वारदात में शामिल और लोगों के नाम भी बताए हैैं। यह भी बताया कि घटना के बाद विकास, उसके साथी और वह खुद दयाशंकर घर के पीछे खड़ी बाइकों से शिवली की ओर भाग गए थे।
नौ घंटे पहले धमकी, चार घंटे पहले मुखबिरी और आठ पुलिसकर्मी शहीद : रिश्तेदार की जमीन के विवाद में एक जुलाई को राहुल तिवारी और उसे घर लेकर आने वाले थाना प्रभारी विनय तिवारी को पीटने वाले विकास दुबे को पुलिस के हर मूवमेंट की जानकारी थी। पिटाई के बाद राहुल दो जुलाई को एसएसपी से मिला। इस जानकारी के बाद विकास ने शाम करीब सवा चार बजे हल्का प्रभारी केके शर्मा को फोन कर धमकाया था कि अगर अब कोई गांव आ गया तो इतनी लाशें बिछा दूंगा कि कंधे नहीं मिलेंगे। हल्का प्रभारी ने एसओ विनय तिवारी को यह जानकारी दी या नहीं, इस पर अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैैं। इसके करीब पांच घंटे बाद करीब नौ बजे चौबेपुर थाने से किसी का विकास के पास फोन पहुंचा कि उसके यहां दबिश की तैयारी हो गई है। इसके बाद हिस्ट्रीशीटर ने अपनी किलेबंदी कर ली।

हर स्तर पर हुई चूक : घटना के तीन दिन बाद भी नई-नई जानकारियां सामने आ रही हैं। हालांकि पुख्ता तैयारी न करना पुलिस की बड़ी चूक मानी जा रही है लेकिन यह भी सामने आ रहा है कि कई तथ्य छुपाए गए हैैं। केके शर्मा ने धमकी वाली बात किसे बताई, इस पर सब चुप हैैं। आइजी मोहित अग्रवाल के मुताबिक चौबेपुर एसओ विनय तिवारी के निलंबन के कारणों में एक यह है कि उन्हें और राहुल को विकास ने एक जुलाई को अपने घर में पीटा था, यह बात उच्चाधिकारियों से छिपाई गई। दूसरा, इतना बड़ा अपराधी उनके एरिया में साम्राज्य चला रहा है और एसओ को पता नहीं। निलंबन का तीसरा अहम कारण है कि मुठभेड़ शुरू होते ही विनय तिवारी टीम को कवर फायर देने के बजाए मौके से भाग गए।
अपराधियों की सूची में विकास का नाम नहीं : यह भी बात आई कि सीओ देवेंद्र मिश्र ने एसएसपी दिनेश कुमार पी से पीएसी की मांग की थी लेकिन उन्हें तीन थानों की फोर्स के साथ ही भेज दिया गया। सूत्र यह भी कह रहे हैं कि 17 जून को ज्वाइन करने वाले एसएसपी के साथ हुई बैठकों में अपराधियों की रखी गई सूची में विकास का नाम उतनी प्रमुखता से रखा ही नहीं गया कि वह उसकी ताकत आंक पाते। आठ बार गैंगस्टर, एक बार रासुका और 60 मुकदमे वाले विकास की हिस्ट्रीशीट को पुख्ता तरीके से न समझा गया और न ही समझाया गया। यह भी नहीं जाना गया कि 100-200 हथियार बंद लोगों को चुटकी में इकट्ठा कर लेना उसके लिए बड़ी बात नहीं है। एसपी ग्रामीण बृजेश कुमार श्रीवास्तव भी नए हैैं और घटना के एक सप्ताह पहले ही ज्वाइन किया है। ऐसे में दबिश के पहले विकास को सामान्य हिस्ट्रीशीटर के रूप में ही देखा गया जबकि वह भाई दीपू के साथ चौबेपुर थाने का पहला हिस्ट्रीशीटर है। हालांकि एसएसपी पीएसी मांगने की बात से इन्कार कर चुके हैं, लेकिन इस मुद्दे पर अन्य अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं।

900 लोगों की 60 टीमें पांच राज्यों में कर रहीं तलाश  : विकास दुबे की तलाश में कानपुर मंडल की 40 और दिल्ली एïवं लखनऊ से आइबी व एसटीएफ समेत 20 यानी कुल 60 टीमों में नौ सौ पुलिस कर्मी उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश, राजस्थान और पश्चिम बंगाल के कोलकाता में दबिश दे रहे हैैं। पुलिस टीम उसके नेपाल भाग जाने की आशंका पर भी काम कर रही है।

95 पुलिस कर्मियों के मोबाइल जब्त, जांच शुरू : विकास दुबे को दबिश की सूचना किसने दी और किसने लाइट काटने के लिए फोन किया, इसकी जांच के लिए 95 पुलिस कर्मियों के मोबाइल जब्त कर लिए गए हैैं। इसमें चौबेपुर के 60 और 35 पुलिस कर्मी, शिवराजपुर, शिवली और बिल्हौर थाने के हैं। इन सभी के मोबाइल की कॉल डिटेल, सेव नंबर और मैसेज की जांच की जा रही है। कुल आठ लोगों पर मुखबिरी का शक था, जो अब केंद्रित होकर एक दारोगा और दो सिपाही पर आ गया है। हालांकि अधिकारी इनके नाम खोलने से अभी मना कर रहे हैं।
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