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पूर्वोत्तर रेलवे में सरेंडर हो जाएंगे दो हजार पद, कर्मचारी संगठनों ने जताया विरोध

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर। रेलवे बोर्ड के दिशा-निर्देश पर पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने विभागवार (संरक्षा श्रेणी छोड़कर) पहले से चल रहे रिक्त पदों को सरेंडर (समर्पण) करना शुरू कर दिया है। पदों को छांटने की यही गति रही तो जुलाई में ही पूर्वोत्तर रेलवे के दो हजार पद समाप्त हो जाएंगे। विभिन्न विभागों में लगभग चार हजार पद रिक्त चल रहे हैं।

भड़के रेलवे कर्मचारी संगठन, बोले- दिल्ली तक करेंगे विरोध 
बोर्ड के फरमान का कर्मचारी संगठनों ने विरोध शुरू कर दिया है। पदाधिकारियों का कहना है कि गोरखपुर से लगायत दिल्ली तक प्रदर्शन होगा। जानकारों का कहना है कि वाणिज्य विभाग में ही करीब 150 पद रिक्त हैं, जिसमें पहले से ही करीब 40 पद सरेंडर किए जा चुके हैं। सबसे खराब दशा यांत्रिक कारखाने की है। पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ के प्रवक्ता एके सिंह बताते हैं कि बिना दिशा-निर्देश के ही कारखाना प्रबंधन ने पिछले वर्ष 600 पदों को सरेंडर कर दिया था। संघ रेलवे के इस निर्णय का पुरजोर विरोध करता है। एनई रेलवे मजदूर यूनियन के महामंत्री केएल गुप्त के अनुसार प्रत्येक माह रेलकर्मी सेवानिवृत्त हो रहे हैं। भंडार डिपो में ही 50 से 60 पद रिक्त हैं। पदों पर न भर्ती हो रही और न पदोन्नति। जनरल विभागीय परीक्षा में ही सैकड़ों पदों पर कर्मियों की पदोन्नति होनी है। पद सरेंडर हो जाएंगे तो रेलकर्मियों की तैनाती कहां होगी। आल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन जल्द ही इस मुद्दे को बोर्ड के समक्ष रखेगा।

समाप्त हो जाएगी 593 पुनर्नियोजित कर्मियों की सेवा, सरेंडर होंगे पद 
पूर्वोत्तर रेलवे में इस सप्ताह री-इंगेजमेंट स्कीम के तहत विभिन्न विभागों में पुनर्नियोजित कर्मचारी के रूप में तैनात 593 सेवानिवृत्त रेलकर्मियों की सेवा समाप्त हो जाएगी। लखनऊ और वाराणसी मंडल के अलावा यांत्रिक कारखाना व कार्मिक विभाग के पुनर्नियोजित कर्मी हटा दिए गए हैं। अन्य विभागों की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। विभागीय जानकारों का कहना है कि जिन पदों पर पुनर्नियोजित कर्मचारी तैनात थे, वे पद भी सरेंडर कर दिए जाएंगे। 
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