नव्य अयोध्या परियोजना को लगे पंख, प्रधानमंत्री से घोषणा कराने की तैयारी
गाजीपुर न्यूज़ टीम, अयोध्या. रामनगरी के पास नव्य अयोध्या (इंट्रीग्रेटड टॉउनशिप) बसाए जाने के जिलाधिकारी अनुज कुमार झा के प्रस्ताव के बाद आवास विकास परिषद में हलचल बढ़ गई है। बीते कई वर्षों से लैंडबैंक की कड़की से गुजर रहे परिषद के इंजीनियरों के चेहरों पर नई चमक आ गयी है। लेआउट तैयार कराने के लिए जिलाधिकारी का नोडल अधिकारी नामित करने का प्रस्ताव परिषद को मिलने की खबर है। संयुक्त सचिव अनिल
कुमार सिंह के अनुसार स्थलीय चयन के लिए सात सदस्यीय कमेटी गठन की प्रक्रिया पाइप लाइन में है। कम से कम पांच सौ एकड़ भूमि अर्जित कर इंट्रीगेटड टॉउनशिप बसायी जानी है। कमेटी गठन आदि की प्रक्रिया आवास विकास परिषद व अयोध्या विकास प्राधिकरण प्रस्तावित स्थल के संयुक्त सर्वे के बाद शुरू कर चुका है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मंदिर निर्माण के भूमि पूजन के लिए पांच अगस्त को आना है। इंट्रीग्रेटड टॉउनशिप की घोषणा पीएम से कराने के लिए आवास विकास परिषद ने तैयारियां तेज कर दी हैं। राम मंदिर निर्माण से देशी व विदेशी पर्यटकों की आमद रामनगरी में बढ़ना तय माना जा रहा है। रामकी पैड़ी व दीपोत्सव कार्यक्रम के जरिये पर्यटन के नक्शे पर पहले से ही रामनगरी को लाने का प्रयास है। परिषद के इंजीनियर प्रस्तावित टॉउनशिप की भूमि राष्ट्रीय राजमार्ग 28 से लगी होने के कारण बहुत उपयुक्त बता रहे हैं। यहां से अयोध्या रेलेवे स्टेशन की दूरी तीन किमी व अंतरराष्ट्रीय बस स्टेशन की दूरी लगभग दो किमी, प्रस्तावित एयरपोर्ट व डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विवि की दूरी आठ किमी है।
प्रस्तावित टाउनशिप की यह भूमि तीन माझा क्षेत्र माझा बरहटा, माझा तिहुरा व माझा शहनेवाजपुर से जुड़ी है। माझा शहनेवाजपुर का राजस्व अभिलेख तहसील सदर एवं माझा बरहटा व माझा तिहुरा के राजस्व अभिलेख अभी सर्वे कार्यालय के अधीन हैं। सहायक अभिलेख अधिकारी भान सिंह ने बताया कि दोनों माझा का सर्वे जल्द पूरा कर लिया जाएगा। माझा बरहटा में ही भगवान श्रीराम की 251 मीटर ऊंची प्रतिमा लगाने के लिए करीब 83 हेक्टेयर भूमि का चयन लगभग कर लिया गया है। किसानों से सहमति के आधार पर भूमि रजिस्ट्री कराने के प्रारूप को शासन मंजूरी दे चुका है।