गाजीपुर जिले की युवा PCS अधिकारी के मौत लिए प्रियंका गांधी आयी सामने की अधिकारी से जांच की मांग,पिता जता चुके हैं हत्या की आशंका
गाजीपुर न्यूज़ टीम,बलिया। बलिया के मनियर नगर पंचायत की अधिशासी अधिकारी मणिमंजरी राय की मौत की जांच की मांग तेज होती जा रही है। कांग्रेस महासचिव और पूर्वी यूपी की प्रभारी प्रियंका गांधी ने भी निष्पक्ष जांच की मांग की है। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने इस मामले पर यूपी सरकार को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है। इससे पहले मणिमंजरी के पिता भी बेटी की हत्या कर लटकाने का आरोप लगाते हुए जांच की मांग कर चुके हैं।
गाजीपुर के भांवरकोल की रहने वाली 30 वर्षीय मणिमंजरी राय की तैनाती करीब दो साल से बलिया के मनियर नगर पंचायत के ईओ पद पर थी। वह आवास विकास कालोनी में अकेले ही रहती थीं। सोमवार की रात उनकी लाश अपने ही घर में पंखे से लटकती मिली थी। घटना की जानकारी पर पहुंचे पिता ने भी बेटी की हत्या का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की थी। उन्होंने कहा कि बेटी को मारकर लटका दिया है।
बुधवार को प्रियंका गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि बलिया में तैनात गाजीपुर निवासी युवा अधिकारी मणिमंजरी के बारे में दुखद समाचार मिला। खबरों के अनुसार उन्होंने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए थे। मणिमंजरी के परिवार को न्याय मिले इसके लिए, सभी तथ्यों का सामने आना और निष्पक्ष जांच बहुत जरूरी है।
वहीं, आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने ट्वीत करते हुए प्रदेश सरकार पर हमला किया। संजय सिंह ने लिखा कि ये योगी राज में आख़िर हो क्या रहा है? PCS अधिकारी मंजरी राय जी ने नेताओं और मफ़ियाओ से प्रताड़ित होकर आत्महत्त्या कर ली। योगी सरकार में अगर पुलिसवाले और अधिकारी ही सुरक्षित नही तो आम जनता का क्या हाल होगा?
इससे पहले अधिकारी के पिता जय ठाकुर राय ने बेटी की हत्या का आरोप लगाते हुए कहा कि लगातार परिवार वालों से बात हो रही थी। उसे परेशान किया जा रहा है। उन्होंने कुछ अधिकारियों, ठेकेदारों की ओर इशारा किया। कहा कि लगातार इस बारे में वह कहती थी। शनिवार को ही उसका ड्राइवर हटा दिया गया था। खुद गाड़ी लेकर आने जाने लगी थी। लेकिन इसके बाद भी उसे कोई तनाव नहीं था। हमारी बेटी बहुत हिम्मती थी। पिता ने रोते हुए बार बार कहा कि हमारी बेटी आत्महत्या करने वाली नहीं थी। उसे मारकर लटका दिया गया है। कौन मारा, कैसे मारा इसकी जांच प्रशासन शासन करे। हमें इंसाफ मिलना चाहिए।
सुसाइड नोट में छलने और फंसाने का आरोप
मणिमंजरी के कमरे से मिले सुसाइड नोट में बिना किसी का नाम लिखे बलिया बुलाकर छलने और फंसाने की बात लिखी है। सुसाइड नोट अधिशासी अधिकारी ने ही लिखा है या नहीं, अभी इसकी जांच होनी है। सुसाइड नोट में सबसे ऊपर भाई, मम्मी-पापा को इंग्लिश में सॉरी लिखा गया है। जबकि नीचे पूरा सुसाइड नोट हिंदी में है। ऐसा लगता है कि जैसे पहले पूरा नोट लिखा गया है, उसके बाद ऊपर भाई और मम्मी-पापा के लिए सॉरी लिखा गया।
अधिशासी अधिकारी मणिमंजरी ने स्नातक और परास्नातक की पढ़ाई बीएचयू से की थी। 2008 में महिला महाविद्यालय से बीए और 2010 में एमए किया था। इसके बाद दिल्ली जाकर प्रतियोगी पररीक्षाओं की तैयारी की थी। लेटर में लिखा है कि बनारस-दिल्ली हर जगह खुद को संभाल कर आ गई। लेकिन यहां आकर मेरे साथ बहुत छलावा हुआ। लेटर में इशारा बलिया या मनियर आने से है। क्या छलावा हुआ और किसने किया, इस बारे में लेटर में कुछ नहीं है।
इसके अलावा लेटर के अंत में बेहद गंभीर बात भी लिखी है। लेटर में लिखा है कि मुझे यहां रणनीति के तहत बुलाकर फंसाया गया है। एक बार फिर हिन्दी में ही माफी भी मांगी गई है। लेटर मणिमंजरी ने ही लिखा है या नहीं, फिलहाल इस पर कोई अधिकारी कुछ नहीं बोल रहा है। जांच की बात कही जा रही हैं।
माना जा रहा है कि पिता के आरोपों पर जांच शुरू होती है तो भले ही हत्या का मामला सामने न आए लेकिन आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला साफ दिखाई दे रहा है। अगर सुसाइड नोट अधिशासी अधिकारी का ही है तो यह आत्महत्या के लिए उकसाने जैसा लग रहा है। अधिकारी का इशारा किसकी ओर है फिलहाल इसकी जानकारी परिवार वालों को भी नहीं है। जिलाधिकारी हरि प्रताप शाही के अनुसार भी आत्महत्या के मामले में भी जांच तो होनी ही है। आखिर किन परिस्थितियों में एक महिला अधिकारी को सुसाइड करनी पड़ी इसकी जांच तो होगी।