गाजीपुर: प्रधानमंत्री ग्रामीण कल्याण रोजगार योजना के अंर्तगत कृषि विज्ञान केंद्र में शुरू हुआ प्रशिक्षण
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर। कृषि विज्ञान केन्द्र, पी0जी0 कालेज, गाजीपुर द्वारा ‘‘प्रधानमंत्री ग्रामीण कल्याण रोजगार योजना’’ के अन्तर्गत देश मध्य प्रदेश, मुम्बई, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा इत्यादि राज्यों से आये प्रवासी मजदूरों (सेवा मित्रों) के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम जो 16 बैच में आयोजित किया जायेगा, के अन्तर्गत प्रथम बैच का आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम विषय ‘‘सब्जियों और फलों की नर्सरी उत्पादन तकनीक’’ के समापन अवसर पर सोमवार को उप कृषि निदेशक मृत्युंजय सिंह ने प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र वितरित किया।
उप कृषि निदेशक ने अपनी समस्त योजनाओं जैसे-वर्मी कम्पोस्ट, कुसुम योजना, यंत्रीकरण योजना व जल संचयन के बारे में विस्तारपूर्वक बताया। प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षणार्थियों को अपर महाधिवक्त, उ0प्र0 सरकार एवं चेयरमैन/सचिव कृषि विज्ञान केन्द्र, पी0जी0 कालेज, गाजीपुर अजीत कुमार सिंह ने अपने संदेश मंे कहा कि प्रवासी मजदूर भाई केन्द्र से प्रशिक्षण एवं तकनीक की जानकारी प्राप्त कर सब्जी एवं फल की नर्सरी उत्पादन कर, आय दुगुनी कर सकेंगे एवं गुणवत्तायुक्त उत्पादन कर अपने उत्पाद को बाहर के देशों में भी भेजकर कई गुना लाभ कमा सकते हैं।
केन्द्र के सीनियर साइंटिस्ट एण्ड हेड ने प्रशिक्षण की उपयोगिता, लाभ एवं महत्व के बारे में सेवा मित्रों को बीज से लेकर सब्जी उत्पादन तक की तकनीक के बारे में विस्तारपूर्वक प्रायोगिक एवं व्यावहारिक ज्ञान दिया। साथ ही गुणवत्तायुक्त आम, अमरूद, आवला, कटहल, सहजन के बारे में कटिंग, बडिंग, ग्रैफिटंग करके प्रवासी मजदूरों को दिखाया तथा प्रक्षेत्र भ्रमण भी कराया गया और जनपद स्तर पर संचालित मुख्यमंत्री फलोत्पादन योजना’, ज्ञान गंगा योजना, नमामि गंगे, वर्मी कम्पोस्ट, नेडेफ की सहायता से जैविक खेती कर अपने उत्पाद को गुणवत्तायुक्त पैदा करके लंदन, दुबई, सउदी अरब व यूरोपीय देशों में भेजकर एफ0पी0ओ0 के माध्यम से अधिक लाभ कमा सकते हैं।
कृषि विज्ञान केन्द्र विशेष प्रयास कर सभी प्रवासी मजदूरों का वाट्सग्रुप बनाया है, जिससे उनके निरन्तर विकास एवं गतिविधियों के बारे में समय-समय पर तकनीकी ज्ञान व जानकारियां उपलब्ध कराई जा सकें। जल संचयन सप्ताह के बारे में भी कृषि विज्ञान केन्द्र अनवरत जागरूक कर रहा है, जल ही जीवन है के महत्व के बारे में ड्रिप सिंचाई, स्प्रिंकलर सिंचाई एवं टपक सिंचाई के बारे में जागरूक कर आने वाले जीवन को विस्तार देने के बारे में भी अवगत कराया।