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PCS अधिकारी की मौत: आरोपित चेयरमैन और कम्प्यूटर ऑपरेटर फरार, दोनों के भाई को पुलिस ने उठाया

गाजीपुर न्यूज़ टीम, बलिया। पीसीएस अधिकारी बलिया के मनियर की ईओ मणिमंजरी राय की मौत के मामले में आरोपित चेयरमैन भीम गुप्ता और कंप्यूटर आपरेटर अखिलेश 13 दिन बाद भी पुलिस के हाथ नहीं लगे हैं। रविवार को पुलिस ने चेयरमैन के भाई अमित गुप्ता उर्फ बाली और कम्प्यूटर ऑपरेटर के भाई महेश को थाने उठा लाई। मणिमंजरी राय की मौत के मामले में टैक्स लिपिक विनोद सिंह भी आरोपित है। 

सीओ बांसडीह के नेतृत्व में बलिया कोतवाली पुलिस ने शनिवार की रात को आरोपित चेयरमैन के आवास पर दबिश दी। हालांकि चेयरमैन का कोई अता-पता नहीं चला। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर पुलिस चेयरमैन के भाई को अपने साथ लेते आयी। उधर, कमप्यूटर ऑपरेटर अखिलेश भी घटना के बाद से फरार है। पुलिस उसके भाई को भी पूछताछ के लिए अपने साथ लेते आयी। इसी बीच, रविवार को एसपी देवेन्द्र नाथ भी मनियर पहुंचे। उन्होंने मातहतों के साथ बैठक कर आरोपितों की गिरफ्तारी व अन्य रणनीति पर चर्चा की।

मणिमंजरी राय की मौत के मामले में पुलिस अबतक चालक को ही गिरफ्तार कर सकी है। उसके अलावा बैरिया के नायब तहसीलदार रजत सिंह से पूछताछ में पुलिस को कई अहम सुराग मिले हैं। इसके बाद अब पुलिस का पूरा जोर मुख्य आरोपितों चेयरमैन, बाबू व कम्प्यूटर आपरेटरों की गिरफ्तारी पर है। सूत्रों की मानें तो आरोपितों द्वारा इस समय किसी मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं करने से पुलिस को उन तक पहुंचने में कामयाबी नहीं मिल सकी है। तीन दिन पहले पुलिस ने जल्द ही मामले के पर्दाफास का दावा किया था लेकिन अबतक वह अंतिम निष्कर्ष तक नहीं पहुंच सकी है।

उल्लेखनीय है कि छह जुलाई की रात को ईओ मणिमंजरी राय की लाश शहर के आवास विकास कालोनी स्थित उनके किराए के फ्लैट में फंदे से लटकती मिली थी। मृतका के भाई विजयानन्द राय की तहरीर पर चेयरमैन भीम गुप्त, टैक्स लिपिक विनोद सिह, कम्प्यूटर आपरेटर अखिलेश व चालक चंदन के अलावा नपं सिकन्दरपुर के ईओ संजय राव पर मुकदमा कराया है। इन पर आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का आरोप लगाया था।

ईओ ने लिखी थी अवैधानिक कार्यों के लिए दबाव की बात
ईओ मणिमंजरी राय की मौत के मामले में पुलिस की जांच नगर पंचायत में हुई गड़बड़ियों पर भी केंद्रित है। बताया जाता है कि पुलिस को छानबीन के दौरान एसडीएम बांसडीह दुष्यंत मौर्य के दो पत्र हासिल हुए हैं। 15 अप्रैल के पत्र में एसडीएम ने मणिमंजरी राय के शिकायती पत्र को डीएम को संदर्भित किया है। लिखा है कि ‘अधिशासी अधिकारी द्वारा वैश्विक महामारी कोरोना में मनियर नगर पंचायत अध्यक्ष द्वारा सहयोग न करने व अवैधानिक कार्यों हेतु दबाव बनाते हुए कार्यों में व्यवधान उत्पन्न करने की शिकायत की गई है। इसके बाद एसडीएम ने 1 जून 2020 के पत्र में अपर जिलाधिकारी को जांच आख्या प्रेषित की है। इसमें उन्होंने ईओ के 23 अप्रैल 2020 को दिए गए शिकायती प्रार्थना पत्र को आधार बनाया है।

उल्लेख किया है कि नगर पंचायत मनियर कार्यालय से पत्रावली तलब कर निरीक्षण किया गया है। इसमें स्पष्ट है कि एक से लेकर कुल 34 कार्यों को कराने के लिए पत्रावली तैयार की गई है। भिन्न-भिन्न वार्डो मे कार्य कराने के लिए विज्ञापन निकाला गया है। ईओ मणिमंजरी राय द्वारा सभी पत्रावलियों में नोट शीट लगाया गया है कि सभी निविदाएं खुली हुई हैं तथा पत्रावली में तुलनात्मक चार्ट व कार्यादेश पहले से ही संलग्न है। इस पर न तो उनका और न ही अध्यक्ष का हस्ताक्षर बना है तथा निविदाओं में कोई भी कार्य बोर्ड की बैठक में स्वीकृत नहीं कराए गए हैं। सूत्रों की मानें तो एसडीएम के इन पत्रों का पुलिस सत्यापन कराएगी। ईओ की मौत के प्रकरण में यह पत्र अहम साबित हो सकते हैं।
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