नेपाल के पानी ने भारत में मचाई तबाही- पूर्वांचल में दो जगह टूटा तटबंध, सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न
गाजीपुर न्यूज़ टीम, महराजगंज। नेपाल की पहाड़ियों पर हो रही मूसलाधार बारिश के चलते पहाड़ी नाला महाव मंगलवार की भोर में उफान पर आ गया। पानी का दबाव बढ़ने के कारण नाले का पश्चिम तटबंध परसामलिक क्षेत्र के दोगहरा गांव के सामने व पूर्वी तटबंध बरगदवा क्षेत्र के देवघट्टी टोला हरखपुरा के सामने सुबह पांच बजे के करीब टूट गया। बांध टूटने की खबर मिलते किसानों में हड़कंप मच गया। नाले का पानी दोगहरा गांव के सामने टूटे कटानस्थल के रास्ते विशुनपुरा, असुरैना, तरैनी, पिपरहिया, महरी , घोड़हवा के किसानों के सैकड़ों एकड़ खेत को जलमग्न कर दिया है।
अधिकारियों की लापरवाही से टूटा तटबंध
दोगहरा गांव के किसान नईमुल्लाह, रशीद, निजामुद्दीन, वसीउल्लाह का आरोप है कि बांध में बने रैट होल के रास्ते बीते पांच दिनों से पानी का रिसाव हो रहा था लेकिन सिंचाई विभाग द्वारा ध्यान न दिए जाने के कारण दबाव बढ़ते ही रेत से बना बांध भरभराकर टूट गया। वहीं हरखपुरा गांव के पास टूटे कटान स्थल के रास्ते नाले का पानी देवघट्टी, हरखपुरा, शिकारगढ़, नरायणपुर, हरपुर पाठक, अमहवा ,खजहिया, सगरहवा गांव की ओर तेजी से फैल रहा है । कटान स्थल पर पहुंचे किसानों ने सिंचाई विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाकर विरोध प्रर्दशन किया।
किसानों का आरोप है कि हर साल बांध टूटने के चलते पानी के साथ बहकर आए रेत से उनके खेत बंजर होते जा रहे हैं। खेत में रोपी गई धान की फसल भी नष्ट हो जा रही है। सिंचाई विभाग व प्रशासन बंधों की मरम्मत के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रहा है। सिंचाई खंड दो के अधिशासी अभियंता धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि टूटे बंधे की मरम्मत का प्रयास किया जा रहा है नेपाल से अचानक अधिक पानी आने के कारण बांध दबाव नहीं सहन कर पाया, जिसके कारण दो स्थानों पर टूट गया।
गोरखपुर में भी तटबंधों पर दबाव बढ़ा
सरयू व राप्ती समेत जनपद की अन्य प्रमुखों नदियों के जल स्तर में एक बार फिर तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है। सरयू अयोध्या में खतरे के निशान से 12 सेमी ऊपर बह रही है। इसी तरह राप्ती नदी का जल स्तर भी तेजी से बढ़ रहा है। राप्ती बर्डघाट में खतरे के निशान से महज 24 सेमी नीचे है इसके मंगलवार को खतरे का निशान पार कर जाने की उम्मीद है। कुआनो व रोहिन भी उफान पर हैं। नदियों के जलस्तर में बढ़ोत्तरी के कारण तटबंधों पर दबाव बढ़ने लगा है। सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री ने जिला प्रशासन से बाढ़ से संबंधित कराए जा रहे कार्यों की जानकारी तलब की है। केंद्रीय जल आयोग से मिले आंकड़ों के मुताबिक सरयू नदी अयोध्या में सोमवार की सुबह 92. 820 मीटर तो शाम को 92. 850 मीटर पर पहुंच गई। राप्ती का जलस्तर गोरखपुर में 74.710 मीटर था, जबकि शाम को 74.740 मीटर पर पहुंच गया। इसी प्रकार कुआनो नदी मुखलिसपुर में सुबह 78.060 मीटर पर बह रही थी जबकि शाम को 78. 080 मीटर पर पहुंच गया।
इसका खतरे का निशान 78.650 मीटर है। रोहिन का जल स्तर भी खतरे के निशान से 26 सेमी नीचे है। राप्ती के रौद्र रूप को देखते हुए जिला प्रशासन ने सिंचाई विभाग को अतिरिक्त सतर्कता बरतने का निर्देश दिया है। शहर का पानी राप्ती नदी में जाने के लिए राप्ती तट पर 11 रेगुलेटर बनाए गए हैं। जब राप्ती नदी का जलस्तर बढ़ने लगता है तो नदी का पानी शहर में प्रवेश न करे, इस कारण इन रेगुलेटरों को बंद कर पंप के जरिये शहर का पानी राप्ती में डाला जाता है।
नौवा अव्वल में राप्ती कर रही कटान
सदर तहसील के नौवा अव्वल में राप्ती नौवा-डुमरी तटबंध पर कटान कर रही है। कटान को रोकने के लिए सिंचाई विभाग को निर्देशित किया गया है। एसडीएम बांसगांव ने मलाव तटबंध का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान नाव स्वामियों व नाविकों से वार्ता कर उन्हें नाव मरम्मत का कार्य पूर्ण करने का निर्देश दिया गया। चेतावनी दी गई कि नाव संचालन की दशा में क्षमता से अधिक यात्री न बैठाए जाएं। सहजनवां तहसील में आमी नदी का जल स्तर बढ़ने के कारण चकचोहरा, सिहबरा, डोमनडाड़, बनौड़ा व भुवा शहीद में आवागमन के लिए छह छोटी नाव लगाई गई है।
अधिकारियों की लापरवाही से टूटा तटबंध
दोगहरा गांव के किसान नईमुल्लाह, रशीद, निजामुद्दीन, वसीउल्लाह का आरोप है कि बांध में बने रैट होल के रास्ते बीते पांच दिनों से पानी का रिसाव हो रहा था लेकिन सिंचाई विभाग द्वारा ध्यान न दिए जाने के कारण दबाव बढ़ते ही रेत से बना बांध भरभराकर टूट गया। वहीं हरखपुरा गांव के पास टूटे कटान स्थल के रास्ते नाले का पानी देवघट्टी, हरखपुरा, शिकारगढ़, नरायणपुर, हरपुर पाठक, अमहवा ,खजहिया, सगरहवा गांव की ओर तेजी से फैल रहा है । कटान स्थल पर पहुंचे किसानों ने सिंचाई विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाकर विरोध प्रर्दशन किया।
किसानों का आरोप है कि हर साल बांध टूटने के चलते पानी के साथ बहकर आए रेत से उनके खेत बंजर होते जा रहे हैं। खेत में रोपी गई धान की फसल भी नष्ट हो जा रही है। सिंचाई विभाग व प्रशासन बंधों की मरम्मत के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रहा है। सिंचाई खंड दो के अधिशासी अभियंता धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि टूटे बंधे की मरम्मत का प्रयास किया जा रहा है नेपाल से अचानक अधिक पानी आने के कारण बांध दबाव नहीं सहन कर पाया, जिसके कारण दो स्थानों पर टूट गया।
गोरखपुर में भी तटबंधों पर दबाव बढ़ा
सरयू व राप्ती समेत जनपद की अन्य प्रमुखों नदियों के जल स्तर में एक बार फिर तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है। सरयू अयोध्या में खतरे के निशान से 12 सेमी ऊपर बह रही है। इसी तरह राप्ती नदी का जल स्तर भी तेजी से बढ़ रहा है। राप्ती बर्डघाट में खतरे के निशान से महज 24 सेमी नीचे है इसके मंगलवार को खतरे का निशान पार कर जाने की उम्मीद है। कुआनो व रोहिन भी उफान पर हैं। नदियों के जलस्तर में बढ़ोत्तरी के कारण तटबंधों पर दबाव बढ़ने लगा है। सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री ने जिला प्रशासन से बाढ़ से संबंधित कराए जा रहे कार्यों की जानकारी तलब की है। केंद्रीय जल आयोग से मिले आंकड़ों के मुताबिक सरयू नदी अयोध्या में सोमवार की सुबह 92. 820 मीटर तो शाम को 92. 850 मीटर पर पहुंच गई। राप्ती का जलस्तर गोरखपुर में 74.710 मीटर था, जबकि शाम को 74.740 मीटर पर पहुंच गया। इसी प्रकार कुआनो नदी मुखलिसपुर में सुबह 78.060 मीटर पर बह रही थी जबकि शाम को 78. 080 मीटर पर पहुंच गया।
इसका खतरे का निशान 78.650 मीटर है। रोहिन का जल स्तर भी खतरे के निशान से 26 सेमी नीचे है। राप्ती के रौद्र रूप को देखते हुए जिला प्रशासन ने सिंचाई विभाग को अतिरिक्त सतर्कता बरतने का निर्देश दिया है। शहर का पानी राप्ती नदी में जाने के लिए राप्ती तट पर 11 रेगुलेटर बनाए गए हैं। जब राप्ती नदी का जलस्तर बढ़ने लगता है तो नदी का पानी शहर में प्रवेश न करे, इस कारण इन रेगुलेटरों को बंद कर पंप के जरिये शहर का पानी राप्ती में डाला जाता है।
नौवा अव्वल में राप्ती कर रही कटान
सदर तहसील के नौवा अव्वल में राप्ती नौवा-डुमरी तटबंध पर कटान कर रही है। कटान को रोकने के लिए सिंचाई विभाग को निर्देशित किया गया है। एसडीएम बांसगांव ने मलाव तटबंध का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान नाव स्वामियों व नाविकों से वार्ता कर उन्हें नाव मरम्मत का कार्य पूर्ण करने का निर्देश दिया गया। चेतावनी दी गई कि नाव संचालन की दशा में क्षमता से अधिक यात्री न बैठाए जाएं। सहजनवां तहसील में आमी नदी का जल स्तर बढ़ने के कारण चकचोहरा, सिहबरा, डोमनडाड़, बनौड़ा व भुवा शहीद में आवागमन के लिए छह छोटी नाव लगाई गई है।