गाजीपुर: मनोज सिन्हा अपनी कविता के माध्यम से दिए भविष्य के संकेत
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर। पूर्व रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने लोकसभा चुनाव में पराजित होने के बाद पहली बार अपने राजनैतिक भविष्य की योजना को एक कविता के माध्यम से व्यक्त किया है। मनोज सिन्हा शुक्रवार को मुहम्मदाबाद सुल्तानपुर गंगा तट पर निर्मित मित्रसेन प्रधान अंत्येष्टि स्थल के लोकार्पण कार्यक्रम में यह कविता पढ़कर अपने नये राजनीतिक अंदाज का आगाज किया।
कुछ लोग तुम्हे समझाएंगे, वो तुमको खौफ दिलाएंगे,
जो है वो भी खो सकता है, इस राह में रहजन है इतने,
कुछ और यहां हो सकता है, अरे कुछ और तो अकसर होता है,
पर तुम जिस लम्हे में जिंदा हो वो लम्हा तुमसे जिंदा है,
तुम अपनी करनी कर गुजरो, जो होगा देखा जायेगा-जो होगा देखा जायेगा
पूर्व रेल राज्य मंत्री की यह कविता पूरे जनपद में खासकर युवाओं में सबसे ज्यादा लोकप्रिय हुई है। युवा कविता से प्रेरित होकर अपने भविष्य के लक्ष्य के प्रति समर्पित हो रहे हैं। मनोज सिन्हा ने मोहम्मदाबाद के पूर्व ब्लाक प्रमुख मित्रसेन प्रधान के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सार्वजनिक जीवन में आर्थिेक सुचिता के लिए जो दो-तीन नाम गाजीपुर में लिए जा सकते हैं उसमे मित्रसेन प्रधान हैं। जिन्होने साइकिल से चलते हुए आजीवन ब्लाक प्रमुख रहना उनके सुचिता की मिशाल है। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए पूर्व ग्राम प्रधान रामविलाश यादव ने कहा कि मित्रसेन प्रधान आजादी के आंदोलन से निकली राष्ट्र निर्माण के प्रतिनिधि थे।
गरीबों, पिछड़ों शोषितों की आजीवन मदद करते थे। नौजवानी के दिनों में पहलवानी भी की। उन्होने कहा कि सिद्धेश्वर प्रसाद सिंह, विजय शंकर सिंह, सरजू पांडेय, दलसिंगार दुबे, वशिष्ट नारायण शर्मा के दौर में प्रदेश और जनपद की राजनीति को मित्रसेन प्रधान ने प्रभावित किया है। एक दौर में सिद्धेश्वर प्रसाद को लोग प्रदेश के नेतृत्व की क्षमता वाला नेता मानते थे। आज वही मनोज सिन्हा में उम्मीद दिखती है। मित्रसेन प्रधान ने दलीय निष्ठा कभी नही बदली। महाराजा अवसानगंज पूरी रात उनके दरवाजे पर टीके रहे। उनकी आवाभगत तो खूब की गयी लेकिन कांग्रेस छोड़कर मित्रसेन प्रधान उनकी मदद को तैयार नही हुए। आये हुए लोगों का स्वागत ग्राम प्रधान प्रतिनिधि अविनाश प्रधान ने किया। इस मौके पर सुरेंद्र सिंह चंचल, सुशील कुमार सिंह, आलोक राय आदि ने अपने विचार प्रकट किये।