विकास दुबे के गांव पहुंची SIT टीम गोलियों के निशान देख रह गई दंग
गाजीपुर न्यूज़ टीम, कानपुर. बिकरू पहुंची एसआईटी दीवारों, दरवाजों पर गोलियों के निशान देख दंग रह गई। कुख्यात अपराधी विकास दुबे के घर के सामने वाले घर की दीवारें दो जुलाई की रात की काली रात दास्तां बयां कर रही थीं। जांच टीम मौके की स्थिति देख भौंचक रह गई। साथ गए अफसरों ने घटना का विस्तृत ब्योरा दिया।
रविवार को तीन सदस्यीय जांच दल बिकरू पहुंचा। विकास के खंडहर घर का नजारा देखा। अधिकारियों ने बताया कि किलेनुमा इसे घर में विकास और उसका परिवार रहता था। यहां उसकी गाड़ियां पार्क होती थीं। घर के चारों ओर करीब 40 सीसीटीवी कैमरे लगा रखे थे। टीम को बताया गया कि विकास ने पहले ही पुलिस से मुठभेड़ की तैयारी कर ली थी। हथियारबंद लोगों को घर में जमा किया। पुराने घर की छतों पर 30-35 लोग गोला-बारूद के साथ जमा थे। इसी घर की छत से पुलिस टीम पर गोलियां बरसाई गईं। जान बचाकर भागे सीओ बिल्हौर और शिवराजपुर एसओ की घेरकर हत्या कर दी गई।
टीम ने विकास के घर के सामने शौचालय के लोहे के दरवाजे पर लगी गोलियों के निशान देखे। निशान वैसे ही बने हुए थे। पुलिस मुठभेड़ में मारे गए विकास के मामा प्रेमप्रकाश के घर भी टीम पहुंची। यहीं सीओ की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। प्रेमप्रकाश के दरवाजे पर भी गोलियों निशान थे। एसआईटी के सदस्य प्रेम प्रकाश के घर के पीछे उस दीवार को देखने पहुंचे जिसे फांदकर सीओ उसके घर में कूदे थे। अफसरों ने बताया कि जब विकास गैंग ने घेर लिया तो सीओ जान बचाने के लिए इसी दीवार से कूद गए थे। इसके बाद घेरकर उनकी हत्या की गई। जांच जल ने साथ गए अफसरों से कई सवाल किए।
विकास के आतंक का नजारा देख टीम स्तब्ध रह गई। टीम को बताया गया कि गोलियां मुठभेड़ में मारे गए प्रभात के घर से भी चलाई गई। विकास के घर के दूसरे छोर पर स्थित बउवा का घर भी देखा। अफसरों ने बताया कि इधर से भी हथियारबंद लोगों ने पुलिस दल पर गोलियां बरसाईं।