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वाराणसी में गाइड लाइन जारी होते ही मिली होम आइसोलेशन, 24 घंटे में 78 मरीजों का घर पर इलाज शुरू

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी। वाराणसी में गाइड लाइन जारी होने के 24 घंटे के अंदर ही होम आइसालेशन यानी घर पर ही इलाज की सुविधा शुरू हो गई। फिलहाल 78 लोगों को होम आइसोलेट किया गया है। इन पर पीएचसी और सीएचसी से निगरानी रखी जा रही है। फिलहाल बिना लक्षण वाले मरीजों को होम आइसोलेशन की सुविधा दी जा रही है।

कोरोना पॉजिटिव की संख्या लगातार बढ़ने पर सरकार ने नया कदम उठाया है। एसिम्टोमटिक मरीजों को होम आइसोलेट किया जा रहा है। इसकी शुरूआत मंगलवार से की गई है। बनारस में मंगलवार को 93 संक्रमित मरीज मिले थे। इसमें 78 लोगों ने होम आइसोलेट की इच्छा जाहिर की थी। इसके साथ ही 14 लोगों को कोविड अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं एक मरीज की मौत हो गई। जिन लोगों ने होम आइसोलेट की अच्छा जाहिर की थी स्वास्थ्य विभाग ने उनकी सूची तैयार की। इसके बाद बुधवार को एक टीम उनके यहां निरीक्षण करने गई थी। इसमें सभी लोगों के यहां गाइड लाइन के अनुसार सुविधाएं थी। इसके बाद बनारस में पहली बार 78 लोगों को होम आइसोलेट किया गया है। वहीं बुधवार को मिले 97 संक्रमित मरीजों की भी लिस्ट स्वास्थ्य विभाग की टीम देर रात तक तैयार कर रही है। 

बिना लक्षण वाले मरीजों को होम आइसोलेशन यानी घर पर ही इलाज कराने के लिए सरकार की ओर से निर्धारित शर्तों को पूरा करना होगा। उन लोगों को ही होम आइसोलेशन की इजाजत मिल रही है जिनके घर अलग कमरा और अलग टायलेट होगा। मास्क और सेनेटाइजर समेत कुछ वस्तुओं की लिस्ट बनाई गई है। इस लिस्ट को कोरोना किट का नाम दिया गया है। यह किट भी खरीदना होगा। होम आइसोलेशन से पहले प्रशासन की ओर से बनी रैपिड रिस्पांस टीम संक्रमित मरीज के घर जाकर सुविधाओं की जांच भी करेगी। 

यह हैं शर्ते और नियम....
1-पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद होम आइसोलेशन के लिए सम्बंधित पीएचसी प्रभारी टीम भेजकर संक्रमित की जांच कराएंगे। इसमें बिना लक्षण मिलने पर होम आइसोलेशन की सुविधा की जाएगी।

2-बिना लक्षण वाले मरीज से जांच सम्बंधित एक फार्म भी भरवाया जाएगा। यदि लक्षण मिला तो भर्ती करने के लिए अस्पताल भेजा जाएगा। रैपिड रिस्पांस टीम होम आइसोलेशन की जांच करने यदि नहीं जा पाती है तो पॉजिटिव मरीज को खुद ईएसआईसी अस्पताल में जाकर अगले ही दिन सत्यापन कराना होगा।

3-होम आइसोलेशन के लिए घर पर अलग कमरा व शौचालय होना आवश्यक होगा। यदि किसी के घर में दो शौचालय या अलग से रहने के लिए कमरा नहीं है तो सम्बंधित मरीज को होम आइसोलेशन की इजाजत नहीं मिलेगी। 

4-कोरोना किट लेना जरूरी होगा। इसमें 17 दिन के होम आइसोलेशन का सामान होगा। किट में डिस्पोजेबल मास्क 40 या चार कपड़े वाले मास्क, 20 दस्ताना, एक बॉटल सैनिटाइजर, एक छोटी बोतल सोडियम हाइपाक्लोराइट सॉल्यूशन, हाथ धोने के लिए एक डेटॉल साबुन, ऑक्सीमीटर, थर्मोमीटर, विटामिन सी व जिंक के 40-50 टेबलेट, हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन 10 टेबलेट, सुखी अदरक (सौंठ) का पाउडर-50 ग्राम आदि। 

5-कोरोना किट खुद खरीदना होगा लेकिन जिन दवाइयों की आवश्यकता होगी डॉक्टर उसे नि:शुल्क उपलब्ध कराएंगे। मेडिकल स्टोर वालों से किट बनाने की अपील की गई है। यदि कोई मरीज किट उसी दिन लौटाना चाहता है तो उसे लौटाने के बदले पूरी धनराशि भी वापस की जाए।

6-पीएचसी अधीक्षक या आंगनबाड़ियों की सर्विलांस टीम समय-समय पर मरीज के घर का जायजा लेंगी और आइसोलेशन के नियमों को भी जानेंगी। इस दौरान यदि किसी मरीज में कोरोना का लक्षण दिखाई दे तो उन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा। 

7-आइसोलेशन पर रहने वाला मरीज प्रतिदिन निर्धारित समय पर निर्धारित फोन नंबर पर दो बार मरीज कंट्रोल रूम पर खुद फोनकर अपने स्वास्थ्य की जानकारी देनी होगी। इस दौरान शरीर का तापमान, ऑक्सीजन का सैचुरेशन स्तर आदि पैरामीटर का विवरण बताना होगा। यदि एक भी दिन मरीज द्वारा उल्लंघन किया जाएगा तो उनका अनुमति पत्र निरस्त कर अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा।

8-समय-समय पर कमांड सेंटर से भी मरीजों को फोन कर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली जाएगी।संक्रमित मरीज के परिवार के सभी सदस्यों की स्क्रीनिंग और सैम्पलिंग करायी जाएगी। मरीज के साथ देखभाल करने वाले व्यक्ति के लिए जो दिशा निर्देश जारी किए गए हैं, उनका पालन कराने की जिम्मेदारी भी मरीज की होगी। यदि निर्देशों का उल्लंघन किया जाता है तो यह मरीज की लापरवाही मानी जाएगी। 

9-देखभाल करने वाले व्यक्ति के लिए भी कुछ निर्देश बताएं जाएंगे। यदि निर्देशों का उल्लंघन किया गया या मरीज की जिम्मेदारी होगी। यदि क्वारंटाइन का उल्लंघन कर घर से बाहर निकले तो महामारी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराने के साथ ही अस्पताल में शिफ्ट कराया जाएगा। 

10-अधिकारियों के लिए भी कुछ जिम्मेदारी तय की गई है। होम आइसोलेशन की सभी जिम्मेदारी संबंधित क्षेत्र के पीएचसी के प्रभारी की होगी। यदि मरीज में कोरोना के लक्षण आते हैं तो अस्पताल भिजवाने की जिम्मेदारी भी उन्हीं की होगी। मरीज के क्षेत्र के सम्बंधित थाने की जिम्मेदारी होगी कि मरीज अपने घर से बाहर ना निकले तथा उसकी देखभाल करने वाला व्यक्ति भी लगातार उसकी देखभाल करे। नगर में एडीएम सिटी व एसपी सिटी और ग्रामीण क्षेत्रों में एडीएम प्रशासन व एसपीआरए की जिम्मेदारी होगी कि वह निर्देशों का पालन करवाएं। एसीएमओ की जिम्मेदारी होगी कि स्वास्थ्य सम्बन्धी सभी टीमों का गठन तथा मरीजों सम्बन्धी सभी कार्यवाही अपनी देखरेख में कराएंगे।
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