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महिला अफसर भी अब सेना में पा सकेंगी स्थायी कमीशन, मोदी सरकार ने दी मंजूरी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, नई दिल्ली. रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को भारतीय सेना में महिलाओं के स्थायी कमीशन को आधिकारिक तौर पर मंजूरी दे दी है। सरकार ने गुरुवार को इस संबंध में स्वीकृति पत्र जार कर दिया है जिसके बाद सेना में विभिन्न शीर्ष पदों पर महिलाओं की तैनाती हो पाएगी।  इस मंजूरी के बाद अब आर्मी एअर डिफेंस, सिग्नल, इंजीनियर, आर्मी एविएशन, इलेक्ट्रॉनिक्स, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, आर्मी सर्विस कॉर्प्स, आर्मी ऑर्डिनेंस कॉर्प्स और इंटेलिजेंस कॉर्प्स में महिलाओं को स्थायी कमीशन मिल पाएगा। 

इसके साथ-साथ जज एंड एडवोकेट जनरल, आर्मी एजुकेशनल कॉर्प्स में भी महिलाओं को स्थायी कमीशन दिया जाएगा। सेना में महिलाओं के स्थायी कमीशन के लिए स्थायी चयन बोर्ड के संचालन के लिए प्रारंभिक तैयारी की एक सीरीज निर्धारित की है। 

इसके साथ-साथ सेलेक्शन बोर्ड की ओर से सभी एसएससी महिलाओं की ओर से ऑप्शन और सभी कागजी कार्रवाई पूरी होने पर एक्शन शुरू किया जाएगा। इस संबंध में सेना की ओर से कहा गया है कि भारतीय सेना महिला अधिकारियों सहित सभी कर्मियों को राष्ट्र की सेवा के समान अवसर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

पुरुषों को ही था अधिकार 
अभी तक आर्मी में 14 साल तक शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) में सेवा दे चुके पुरुष सैनिकों को ही स्थायी कमीशन का विकल्प मिल रहा था, लेकिन महिलाओं को यह हक नहीं था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब सेना में महिलाओं को पुरुष अफसरों से बराबरी का अधिकार मिला, जिसे अब रक्षा मंत्रालय की मजूरी मिली है। वायुसेना और नौसेना में महिला अफसरों को पहले से ही स्थायी कमीशन मिल रहा है।

केंद्र की दलील हुई थी खारिज
इस मामले पर सुनवाई करते हुए जजों की पीठ ने यह भी कहा था कि महिलाओं की शारीरिक विशेषताओं का उनके अधिकारों से कोई सम्बन्ध नहीं है और इस तरह की सोच को बढ़ाने वाली मानसिकता अब बदलनी चाहिए। इस मामले में 2010 में ही दिल्ली उच्च न्यायालय ने फैसला दिया था कि शार्ट सर्विस कमीशन के जरिए सेना में भर्ती हुई महिलाएं भी पुरुषों की तरह स्थायी कमीशन की हकदार हैं। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के समय केंद्र केंद्र का कहना था कि सेना में यूनिट सिर्फ पुरुषों की है और पुरुष सैनिक महिला अधिकारियों को स्वीकार नहीं कर पाएंगे, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया था।
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