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प्रदेश के टॉप मोस्ट माफियाओं में पहले नंबर पर मुख्तार अंसारी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. कानपुर गोलीकांड में डिप्टी एसपी समेत आठ पुलिसकर्मियों के शहीद होने के बाद डीजीपी ने प्रदेश के टॉप मोस्ट 33 माफियाओं/अपराधियों की लिस्ट जारी की है। इसमें गाजीपुर जिले के यूसुफपुर निवासी एवं मऊ के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी समेत तीन बड़े नाम भी शामिल हैं। एसटीएफ द्वारा मुख्तार अंसारी पर चल रही कार्रवाई के बाद जिला प्रशासन ने भी मुख्तार एवं उनके सहयोगियों के अवैध निर्माण एवं कब्जे को ढहाना शुरू कर दिया है। साथ ही मुख्तार के परिवार और करीबियों के शस्त्र लाइसेंस भी निरस्त करने और जमा कराने की कार्रवाई की जा रही है।

यूपी सरकार के निर्देश पर पुलिस महानिदेशक लखनऊ ने पूरे प्रदेश में बड़े अपराधियों के खिलाफ अभियान तेज कर दिया है। इसके तहत उनकी क्राइम हिस्ट्री एक बार फिर से खंगाली जा रही है। जिले में भी मुख्तार गैंग से जुड़े अन्य सदस्यों की छानबीन व तलाश शुरू कर दी गई है। इनके शस्त्र लाइसेंस निरस्त करने, जब्त करने के साथ ही अवैध रूप से कब्जाए गए भूमि को मुक्त कराए जाने का अभियान तेज कर दिया गया है।

पिछले दिनों मऊ के विधायक मुख्तार अंसारी की पत्नी एवं परिवार के अन्य सदस्यों के शस्त्र लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई की गई है। इनके असलहे भी जमा कराए गए हैं। यह कार्रवाई पिछले एक पखवाड़े से जिलाधिकारी ओमप्रकाश आर्य की देखरेख में चल रही है।

ऐसे में जुर्म की दुनिया से ताल्लुक रखने वालों ने कार्रवाई के डर से कहीं और शरण ली है। जबकि मुख्तार अंसारी उनके गैंग से जुड़े लोगों द्वारा जनपद में किए गए अवैध कब्जे को भी मुक्त कराने और अवैध निर्माणों पर बुल्डोजर चलवाने की कार्रवाई चल रही है। लगातार हो रही कार्रवाई से अंसारी बंधुओं में भी अफरा-तफरी मची है।

पुलिस महानिदेशक द्वारा प्रदेश के 33 टॉप मोस्ट अपराधियों की लिस्ट में गाजीपुर के मुख्तार अंसारी युसूफपुर, उमेश राय (मुहम्मदाबाद) और त्रिभुवन सिंह (सैदपुर) के नाम भी शामिल हैं। इनके साथ ही वाराणसी के बृजेश सिंह, अतीक अहमद समेत 33 अपराधियों के नाम हैं। इनमें हिट लिस्ट में उमेश राय, त्रिभुवन सिंह, खान मुबारक, मोहम्मद वसीम, मोहम्मद सोहराब के नाम हैं। डीजीपी ने जल्द ही इनका कच्चा चिठ्ठा तलाशने की प्रक्रिया पर पुलिस को दिशा निर्देश जारी किए हैं।

वर्तमान में मऊ के विधायक मुख्तार अंसारी पंजाब की रोपड़ जेल में बंद हैं। बड़े कारनामों के कारण प्रदेश के माफिया नेताओं में मुख्तार अंसारी का नाम पहले पायदान पर रखा जाता है। 1988 में पहली बार हत्या के एक मामले में मुख्तार का नाम सामने आया था। इसके बाद वर्ष 1995 में मुख्तार अंसारी ने राजनीति की मुख्यधारा में कदम रखा।

1996 में मुख्तार अंसारी पहली बार विधानसभा के लिए चुने गए। इस समय भी वह मऊ विस क्षेत्र के विधायक हैं। बड़े अपराधियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के संबंध में पुलिस अधीक्षक डॉ ओमप्रकाश सिंह ने कहा कि जिले में भी अपराधियों का कच्चा चिट्ठा तैयार किया जा रहा है। बहुत जल्द इन के विरुद्ध कार्रवाई होगी।
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