गाजीपुर: नगर पंचायत ईओ मणिमंजरी राय के अंतिम संस्कार में नहीं शामिल हुए थे प्रशासनिक अधिकारी
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर भांवरकोल कनुआन गांव की होनहार बेटी और बलिया के मनियर नगर पंचायत की ईओ मणिमंजरी राय की मौत के चौथे दिन भी परिजन इस गम से उबर नहीं पाए हैं। उनकी मौत के बाद भी जिस तरह नगर पंचायत व जिला प्रशासन द्वारा उपेक्षा की गई, उससे तरह-तरह के सवाल उठ रहे हैं। कारण कि मणिमंजरी का अंतिम संस्कार बलिया में ही हुआ लेकिन उसमें न तो कोई जिला प्रशासन का जिम्मेदार अधिकारी पहुंचा और न ही नगर पंचायत मनियर का कोई कर्मी, जबकि मणिमंजरी के साथ पीसीएस में चयनित हुए बरेली में इओ पद पर कार्यरत आलोक वर्मा उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने आए थे। आलोक वर्मा घटना की जानकारी मिलते ही बरेली से बलिया के लिए चल दिए थे। लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं कि बरेली से कोई व्यक्ति आ सकता है जो जिला प्रशासन व नगर पंचायत मनियर के क्यों नहीं?
बेटी के शोक में पिता को नहीं आ रही नींद
बेटी की असमय मौत से पिता जय ठाकुर राय को गहरा आघात लगा है। उन्हें नींद नहीं आ रही है। हमेशा सदमे में डूबे से रह रहे हैं और बेटी की याद आते ही फफक-फफक कररोने लगते हैं। बुधवार को छोटका काम (दूध लगाने) के समय तो पिता की स्थिति देख दूध में शामिल परिजनों व पट्टीदारों की हालत भी खराब होने लगी। किसी तरह रश्म पूरी की गई। वह किसी से बात करने की स्थिति में नहीं हैं। परिजनों ने बताया कि उन्हें सोने के लिए नींद की गोलियां भी देनी पड़ती हैं।
सांत्वना देने पहुंच रहे लोग
मणिमंजरी के घर परिजनों को सांत्वना देने के लिए बलिया व गाजीपुर के शुभेक्षुओं की आवाजाही पूरे दिन लगी रही। कांग्रेस के जिलाध्यक्ष सुनील राम, पीसीसी सदस्य आनंद रायसांकृत, ब्लाक अध्यक्ष अशोक राय, अनुज राय, बृजेन्द्र नाथ राय, अजय दुबे आदि ने पहुंच कर सांत्वना देने के साथ ही घटना की उच्च स्तरीय जांच की मांग की।
सपा ने की उच्चस्तरीय जांच की मांग
सपा कार्यकर्ताओं की बैठक गुरुवार को पार्टी कार्यालय समता भवन पर हुई। इसमें बलिया के मनियर नगर पंचायत की अधिशासी अधिकारी मणिमंजरी राय की संदिग्धावस्था में हुई मौत पर दुख प्रकट करते हुए इसकी उच्चस्तरीय जांच कराने मांग की गई। जिलाध्यक्ष रामधारी यादव ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि इस मौत के पीछे शासन में व्याप्त भ्रष्ट्राचार और बढ़ती कमीशनखोरी है। सरकार की गलत नीतियों से अधिकारी भी परेशान हो गए हैं और आत्महत्या करने को मजबूर हैं। पूर्व जिलाध्यक्ष राजेश कुशवाहा, निजामुद्दीन खां, सदानंद यादव, कन्हैयालाल विश्वकर्मा, अशोक बिद, तहसीन अहमद, दिनेश यादव आदि रहे।