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अधिशासी अधिकारी की मौत: सुसाइड नोट में बलिया बुलाकर छलने और फंसाने का आरोप

गाजीपुर न्यूज़ टीम, बलिया। मनियर नगर पंचायत की अधिशासी अधिकारी मणिमंजरी के कमरे से मिले सुसाइड नोट में बिना किसी का नाम लिखे बलिया बुलाकर छलने और फंसाने की बात लिखी है। सुसाइड नोट अधिशासी अधिकारी ने ही लिखा है या नहीं, अभी इसकी जांच होनी है। बलिया पहुंचे अधिकारी के पिता ने भी बेटी की आत्महत्या से इनकार करते हुए उसे मारकर लटकाने का आरोप लगाया है। जिलाधिकारी हरिप्रताप शाही ने पिता के आरोपों के आधार पर केस दर्ज कर जांच की बात कही है।

गाजीपुर के भांवरकोल की रहने वाली 30 वर्षीय मणिमंजरी राय की तैनाती करीब दो साल पहले मनियर नगर पंचायत के ईओ पद पर हुई थी। वह जिला मुख्यालय पर आवास विकास कॉलोनी में किराये के मकान में रहती थी और यहीं से मनियर आना-जाना था। सोमवार की रात अधिशासी अधिकारी की लाश अपने ही घर में पंखे के हुक से लटती हुई मिली थी।

पुलिस ने दावा किया कि अधिकासी के कमरे से सुसाइड नोट मिला था। सुसाइड नोट में सबसे ऊपर भाई, मम्मी-पापा को इंग्लिश में सॉरी लिखा गया है। जबकि नीचे पूरा सुसाइड नोट हिंदी में है। ऐसा लगता है कि जैसे पहले पूरा नोट लिखा गया है, उसके बाद ऊपर भाई और मम्मी-पापा के लिए सॉरी लिखा गया।

अधिशासी अधिकारी मणिमंजरी ने स्नातक और परास्नातक की पढ़ाई बीएचयू से की थी। 2008 में महिला महाविद्यालय से बीए और 2010 में एमए किया था। इसके बाद दिल्ली जाकर प्रतियोगी पररीक्षाओं की तैयारी की थी। लेटर में लिखा है कि बनारस-दिल्ली हर जगह खुद को संभाल कर आ गई। लेकिन यहां आकर मेरे साथ बहुत छलावा हुआ। लेटर में इशारा बलिया या मनियर आने से है। क्या छलावा हुआ और किसने किया, इस बारे में लेटर में कुछ नहीं है। 

इसके अलावा लेटर के अंत में बेहद गंभीर बात भी लिखी है। लेटर में लिखा है कि मुझे यहां रणनीति के तहत बुलाकर फंसाया गया है। एक बार फिर हिन्दी में ही माफी भी मांगी गई है। लेटर मणिमंजरी ने ही लिखा है या नहीं, फिलहाल इस पर कोई अधिकारी कुछ नहीं बोल रहा है। जांच की बात कही जा रही हैं।

माना जा रहा है कि पिता के आरोपों पर जांच शुरू होती है तो भले ही हत्या का मामला सामने न आए लेकिन आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला साफ दिखाई दे रहा है। अगर सुसाइड नोट अधिशासी अधिकारी का ही है तो यह आत्महत्या के लिए उकसाने जैसा लग रहा है। अधिकारी का इशारा किसकी ओर है फिलहाल इसकी जानकारी परिवार वालों को भी नहीं है। जिलाधिकारी हरि प्रताप शाही के अनुसार भी आत्महत्या के मामले में भी जांच तो होनी ही है। आखिर किन परिस्थितियों में एक महिला अधिकारी को सुसाइड करनी पड़ी इसकी जांच तो होगी।
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