PCS अधिकारी की मौत के एक हफ्ते बाद भी चेयरमैन तक नहीं पहुंच सकी पुलिस, लिपिक और कंप्यूटर आपरेटर भी फरार
गाजीपुर न्यूज़ टीम, बलिया। बलिया पीसीएस अधिकारी ईओ मणिमंजरी राय की मौत का मामला राजधानी तक सुर्खियां बना हुआ है। इसके बाद भी जिले की पुलिस की जांच एक सप्ताह बाद भी बेनतीजा है। इस मामले में अब तक सिर्फ आरोपित चालक से ही पूछताछ हो सकी है। आरोपित बनाएगए नगर पंचायत चेयरमैन का अबतक कोई सुराग नहीं मिल सका है। कंप्यूटर आपरेटर और टैक्स लिपिक तक भी पुलिस नहीं पहुंच सकी है।
छह जुलाई की रात नगर पंचायत मनियर की ईओ मणि मंजरी राय की लाश उनके घर में लटकती मिली थी। पुलिस ने अगले दिन ईओ के भाई विजयानंद राय की तहरीर पर मनियर के चेयरमैन भीम गुप्त, लिपिक विनोद सिंह व कम्प्यूटर आपरेटर अखिलेश सिकन्दरपुर के साथ ही ईओ संजय राव के खिलाफ आत्महत्या के लिये प्रेरित करने का मामला दर्ज किया।
नौ जुलाई को नगर कोतवाल विपिन सिंह ने बांसडीह व मनियर थानों की फोर्स के साथ मनियर पहुंचकर आरोपितों के घर पर छापेमारी की, हालांकि पुलिस के हाथ कोई नहीं लग सका। बताया जाता है कि सुबह घर ही मौजूद चेयरमैन पुलिस के आने की सूचना मिलते ही किसी सहयोगी को लेकर बाइक से भाग निकला। आसपास के लोगों के अनुसार उस समय चेयरमैन के हाथ में कुछ फाइलें भी थीं। किसी माध्यम से परिजनों ने चेयरमैन से बात कर पुलिस को बताया था कि कुछ देर में वे पहुंच जाएंगे।
पुलिस ने देर तक चेयरमैन का इंतजार भी किया लेकिन सफलता नहीं मिली। अन्य आरोपितों में लिपिक व कम्प्यूटर आपरेटर भी आज तक पुलिस के हाथ नहीं लग सके। पुलिस अब तक सिर्फ आरोपित चालक से ही पूछताछ कर सकी है। कोतवाल विपिन सिंह का कहना है कि अन्य आरोपितों की तलाश की जा रही है।
नपं में हुए घपलों की जांच भी शुरू नहीं
परिजनों की ओर से दी गयी तहरीर के मुताबिक ईओ मणिमंजरी राय ने नगर पंचायत में विभिन्न कार्यों में घपलों, गलत तरीके से हुए टेंडर, फर्जी भुगतान आदि के दबाव में ही आत्महत्या जैसा कदम उठाया। चेयरमैन, बाबू व कम्प्यूटर लिपिक के साथ ही मनियर के ईओ रहे संजय राव (वर्तमान में सिकंदरपुर के ईओ) के खिलाफ आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का मुकदमा दर्ज भी हुआ है। दूसरी ओर जांच के नाम पर पुलिस चालक के अलावा अन्य मुख्य आरोपितों तक अबतक नहीं पहुंच सकी है। नगर पंचायत में हुए घपलों की जांच की दिशा में भी कोई प्रगति नहीं है। ईओ की कॉल डिटेल के आधार पर पुलिस ने कुछ लोगों को नोटिस जरूर भेजी है लेकिन उनसे भी अबतक कोई पूछताछ नहीं हो सकी है।
ईओ के लॉक मोबाइल में बंद हैं कई अहम राज
नगर पंचायत मनियर की ईओ मणि मंजरी राय की आत्महत्या की गुत्थी सुलझने की बजाय और उलझती जा रही है। जांच में जुटी पुलिस सभी बिंदुओं की गहरायी से पड़ताल में जुटी है। उसकी जांच में ईओ के लॉक मोबाइल की भूमिका भी अहम मानी जा रही है। ईओ की मौत के बाद ही मोबाइल को कब्जे में ले चुकी पुलिस उसे इस तरीके से ‘अनलॉक’ कराने का प्रयास कर रही है ताकि सभी डॉटा सुरक्षित रहे।
ईओ मणि मंजरी राय ने छह जुलाई की रात शहर के आवास-विकास कालोनी में किराये के फ्लैट में पंखा में दुपट्टा बांधकर आत्महत्या कर ली थी। जानकारी होने के बाद पहुंची पुलिस ने ईओ के बेडरुम की तलाशी ली। इस दौरान पुलिस के हाथ ईओ का मोबाइल लगा, जिसका स्वीच बंद था। फ्लैट के एक और कमरे से पुलिस ने एक लैपटॉप भी बरामद किया।
सूत्रों की मानें तो पुलिस ने ईओ का बंद मोबाइल चालू किया तो वह लॉक था। उसका पासवर्ड मणिमंजरी ही जानती थी। पुलिस उस मोबाइल को अनलॉक कराने के प्रयास में है। बताया जाता है कि पुलिस के कुछ जवानों ने मोबाइल खोलने का प्रयास भी किया लेकिन सफलता नहीं मिल सकी। जैसे-तैसे मोबाइल खोलने पर उसमें मौजूद सभी डॉटा के फार्मेट होने का भवी खतरा है। लिहाजा पुलिस का प्रयास है कि ऐसे तकनीक से खोला जाय ताकि उसमें मौजूद वीडियो, वॉयस कॉल व अन्य जानकारी पूरी तरह से सुरक्षित रहे। अधिकारियों का कहना है कि अगर मोबाइल को सुरक्षित खोलने में सफलता मिल जाती है तो सम्भव है इस मामले से जुड़े कई अहम सुराग पुलिस के हाथ लग सकेंगे।
मोबाइल ऑन करने पर आए थे कई मैसेज
सूत्रों की मानें तो ईओ मणिमंजरी राय की मौत के बाद पुलिस ने जब उनका मोबाइल कब्जे में लिया तो वह स्वीच ऑफ था। पुलिस ने उसे ऑन किया तो एक साथ बहुत सारे मैसेज आए। हालांकि मोबाइल लॉक होने के कारण उसे पढ़ा नहीं जा सका है। माना जा रहा है कि उन मैसेजों के जरिए भी कुछ अहम सुराग मिल सकता है। एसपी देवेंद्र नाथ का कहना है कि ईओ की आत्महत्या के मामले में पुलिस सभी बिंदुओं की तहकीकात कर रही है। उनके कमरे से मिला मोबाइल लॉक है, जिसको सुरक्षित खोलने का प्रयास चल रहा है। मोबाइल के खुलने के बाद कुछ अहम सुराग मिलने की उम्मीद है।