उत्तर प्रदेश में कोरोना मरीजों को जल्द मिलेगी रेमडेसिविर की डोज,4 से 5 हजार तक है कीमत
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ। संक्रमितों की लगातार बढ़ती संख्या के बीच उत्तर प्रदेश में कोरोना मरीजों को जल्द ही रेमडेसिविर की डोज मिलेगी। माना जा रहा है, यह एंटीवायरल दवा गंभीर मरीजों की जिंदगी बचाने में मददगार बनेगी। राजधानी के चिकित्सा संस्थानों में 15 जुलाई से दवा आपूर्ति का दावा किया गया है। वहीं, राज्य के ड्रग कंट्रोलर से कंपनियों ने खुले बाजार में सप्ताह भर के भीतर दवा उपलब्धता का वादा किया है।
राज्य में कोरोना का प्रकोप बढ़ रहा है। राजधानी में भी वायरस कहर बरपा रहा है। शहर में 23 सौ से अधिक मरीज संक्रमण की जद में आ चुके हैं। 33 के करीब महामारी में जान गंवा चुके हैं। ऐसे में ङ्क्षकग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) और लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में गंभीर मरीजों के लिए आवश्यक रेमडेसिविर की खरीद का ऑर्डर दे दिया गया है। लोहिया संस्थान के एचआरएफ इंचार्ज डॉ. पीके दास ने 40 वायल, केजीएमयू के संक्रामक रोग यूनिट के डॉ. हिमांशु ने 500 वायल पहली बार में आने का दावा किया। पीजीआइ ने भी खरीदारी की पहल शुरू कर दी। यह दवा मॉडरेट व सीवियर मरीजों को दी जाएगी।
तीन कंपनियों ने साधा राज्य से संपर्क
यूपी के ड्रग कंट्रोलर यूके जैन के मुताबिक, पहले एक कंपनी रेमडेसिविर का निर्माण कर रही थी। ऐसे में बाजार में दवा की उपलब्धता नहीं हो सकी। वहीं, गत सप्ताह तीन कंपनियों से रेमडेसिविर की उपलब्धता को लेकर वार्ता हुई। उन्होंने सात दिन में बाजार में यह दवा उपलब्धता का दावा किया है। बाजार में दवा मौजूद होने से कोरोना के गंभीर मरीजों को राहत मिलेगी।
ड्रग कॉर्पोरेशन भी खरीदेगा दवा
सरकारी अस्पतालों में भी रेमडेसिविर दवा की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। ड्रग कार्पोरेशन ने भी कोरोना की इस दवा खरीदारी का फैसला किया है। एमडी श्रुति सिंह के मुताबिक, रेमडेसिविर खरीद के लिए टेंडर की प्रक्रिया चल रही है। स्वास्थ्य विभाग जहां चाहेगा, उन अस्पतालों को दवा आपूर्ति की जाएगी।
पांच दिन में लगती हैं छह डोज
डॉ. पीके दास के मुताबिक, रेमडेसिविर की पांच दिन में छह डोज कोरोना संक्रमित को दी जाती है। पहले दिन मरीज को दो इंजेक्शन लगाए जाते हैं। इसके बाद एक-एक इंजेक्शन चार दिन लगता है। यह इंजेक्शन कोरोना के मॉडरेट व सीवियर मरीजों में दिए जाते हैं। इन मरीजों में वायरस का प्रकोप अधिक होता है। उनमें सांस लेने में भी तकलीफ होने लगती है। कोरोना के 80 फीसद केस माइल्ड होते हैं। 14 फीसद मॉडरेट व छह फीसद सीवियर मरीज होते हैं।
चार से पांच हजार तक है कीमत
रेमडेसिविर की एक वायल की कीमत चार हजार से लेकर 5400 रुपये तक है। वहीं लांचिंग के बाद इसकी ब्लैक मार्केटिंग का भी मसला उठा है। इसकी कीमत 20 से 30 हजार रुपये वसूलने की भी चर्चा छाई रही। इसके बाद ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया ने सभी राज्यों को जीवन रक्षक दवा की तय कीमत पर उपलब्धता सुनिश्चित कराने के आदेश दिए।