वाराणसी में कोरोना के L-1 और L-2 अस्पताल फुल, नए मरीज DLW शिफ्ट
गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. वाराणसी में संक्रमित होने वाले मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ने के कारण एल-1 और एल-2 अस्पताल फुल हो गया था। अब डीरेका (DLW) अस्पताल में मरीज शिफ्ट किया जा रहा है। रविवार को मिले सभी संक्रमितों को वहां भर्ती किया गया। वहीं अन्य विकल्पों पर भी विचार किया जा रहा है।
बनारस में कोरोना संक्रमितों की संख्या पिछले दस दिनों में तेजी से बढ़ी है। यहां 627 संक्रमित हो गए हैं। जिले में संक्रमित मरीजों को भर्ती करने के लिए तीन अस्पताल चिंहित हैं। लेबल-1 ईएसआईसी, लेबल-2 जिला अस्पताल और लेबल-3 के लिए बीएचयू अस्पताल है। चौकाघाट स्थित आयुर्वेद कॉलेज को लेबल-1 अस्पताल का अटैच बनाया गया है। इन तीनों में बनारस के साथ ही मंडल के मरीज भर्ती हो रहे हैं।
जिला अस्पताल में अभी बनारस के 62, बीएचयू में 26, ईएसआइसी में 54 और आयुर्वेद कॉलेज में 49 संक्रमित भर्ती हैं। वहीं मंडल के अन्य जिलों के मरीज भी यहां हैं। हालात यह कि बनारस में मरीजों की संख्या बढ़ने से लेबल-1 अस्पताल एसआईसी, लेबल-2 अस्पताल जिला अस्पताल में बेड फुल हो गया है। ऐसे में डीरेका अस्पताल में संक्रमितों को भर्ती करने का निर्णय लिया है।
रविवार को संक्रमित मिले सभी मरीजों को डीरेका अस्पताल में भर्ती किया गया है। ये अस्पताल लेबल-1 के सामान्य है। वहां सभी सुविधाएं हैं। लेबल-1 अस्पताल में वही मरीज भर्ती होते हैं जिनमें कोरोना का लक्षण नहीं हो या प्रारंभिक स्टेज का हो। अगर डीरेका में भी बेड फुल हो जाता है तो विभाग ने स्कूल और कॉलेजों को भी चिह्नित किया है।
सीएमओ डाक्टर वीबी सिंह के अनुसार लेबल-1 और लेबल-2 के अस्पताल फुल होने के बाद डीरेका अस्पताल में मरीजों का इलाज शुरू कर दिया गया है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम लगी हुई है। कोरोना के मरीजों के लिए वहां सभी व्यवस्थाएं हैं।
डीरेका में 100 बेड की व्यवस्था
डीरेका अस्पताल में 100 बेड की व्यवस्था है। सभी बेड पर ऑक्सीजन पाइप की व्यवस्था है। साथ ही यहां छह आईसीयू बेड भी है। नौ वेंटिलेटर की व्यवस्था है। ऐसे में अगर किसी मरीज की स्थिति बिगड़ती है कि तो उसे आइसीयू और वेंटिलेटर की सुविधा भी मिल सकेगी।
बिना लक्षण वाले मरीजों को होटलों और नर्सिंग होम में भी रखने की तैयारी
कोरोना मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि को देखते हुए वाराणसी प्रशासन ने शनिवार को ही बिना लक्षण वाले मरीजों को नर्सिंग होम और होटलों में रखने की तैयारी शुरू की थी। डीएम कौशल राज शर्मा ने नर्सिंग होम एसोसिएशन व होटल एसोसिएशन को पत्र लिखकर दो दिन के अंदर तीन-तीन अस्पताल और होटल उपलब्ध कराने के लिए कहा है।
कोविड के लिए पूर्व में चिह्नित एनएच-2 बाईपास पर स्थित हेरिटज मेडिकल इंस्टीट्यूट से भी पेड इलाज शुरू करने के लिए ब्योरा मांगा गया है। जिलाधिकारी ने दोनों एसोसिएशनों के पदाधिकारियों से कहा है कि शहर में संक्रमण की रफ्तार पिछले हफ्ते से तेजी से बढ़ी है। इसे देखते हुए अब निजी संस्थानों की मदद आवश्यक हो गयी है। ऐसे में कई ऐसे कोरोना मरीज हैं, जिनमें कोई लक्षण नहीं हैं। वे पैसा भुगतान कर इलाज कराने में सक्षम हैं। उनका निजी अस्पतालों और होटलों में इलाज शुरू कराया जा सकता है।
होटल और नर्सिंग होम एसोसिएशन से होटल और नर्सिंग होम के नाम के साथ ही प्रति दिन का किराया भी बताने को कहा है। डीएम ने बताया कि होटल में इलाज सम्बंधित सभी व्यवस्थाएं स्वास्थ्य विभाग करेगा। वहां रहने, खाने-पीने आदि का प्रबंध होटल करेगा। इसके लिए मरीज से शुल्क लेगा।