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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 3,484 को दिया पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्वरोजगार योजना का लाभ

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ। कोरोना वायरस के बढ़त संक्रमण के बीच में भी समाज के निचले वर्ग को योगी आदित्यनाथ सरकार ने भरपूर सहारा दिया है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को अपने सरकारी आवास पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्वरोजगार योजना के अंतर्गत नवीन छतरी योजना का शुभारंभ किया। इसका लाभ 3,484 लोगों को मिला। इन लाभाॢथयों को धनराशि हस्तांतरित की गई है।

योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस वर्ष के प्रथम त्रैमास में विभिन्न विभागों से एक लाख 77 हजार 491 अनुसूचित जाति के लोगों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर समाज कल्याण विभाग को विशेष रूप से धन्यवाद देता हूं। जो प्रवासी श्रमिक प्रदेश में वापस आए, अब उनके रोजगार व समायोजन की तैयारी चल रही है। प्रदेश में अब तक एक करोड़ 25 लाख से अधिक ऐसे लोगों को रोजगार व स्वरोजगार के साथ जोडऩे का कार्य हुआ है।

उत्तर प्रदेश के श्रमिकों, प्रवासी श्रमिकों, ठेला, खोमचा, रेहड़ी लगाने वाले लोगों या दैनिक कार्य करने वाले इन सभी लोगों को हजार-हजार रुपया का भरण-पोषण भत्ता दिया गया। इसके साथ ही निर्माण श्रमिकों को भी दो-दो बार भरण-पोषण भत्ता देने का कार्य किया गया।

उन्होंने कहा कि सर्वविदित है कि लॉकडाउन के दौरान किसी भी गरीब को, दलित को, वंचित को, किसी भी चीज की कोई समस्या न हो इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ी योजनाएं शुरू कीं। लॉकडाउन प्रारम्भ होते ही उन्होंने गरीबों को मुफ्त में अनाज देने की योजना बनाई। उसी का अनुसरण करते हुए हमने राज्य में भी इस योजना को लागू किया। इस प्रकार एक गरीब व्यक्ति को महीने में दो-दो बार खाद्यान्न वितरण प्रारम्भ हुआ। अब मुझे प्रसन्नता है कि हमारे अनुसूचित जाति के भाइयों-बहनों को 'पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्वरोजगार योजना' के अंतर्गत अनुदान व ऋण वितरण की एक बड़ी कार्रवाई को समाज कल्याण विभाग ने आगे बढ़ाने का कार्य किया है। मैं विश्वास व्यक्त करता हूं हम सब बाबा साहब डॉ. भीमराव आम्बेडकर जी के बताए रास्ते पर चलकर समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्तियों के आर्थिक एवं सामाजिक स्वावलम्बन का मार्ग प्रशस्त करेंगे।
इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अनुसूचित जाति के लोग स्वरोजगार के माध्यम से आर्थिक स्वावलंबन का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं। यह एक बहुत अच्छा प्रयास है। मैं इन सभी लाभार्थियों को हृदय से बधाई देता हूं। इन सबके प्रति अपनी शुभकामनाएं व्यक्त करता हूं। हम सब जानते हैं कि वर्तमान में वैश्विक महामारी कोविड-19 के खिलाफ एक लड़ाई लड़ रहे हैं। पूरी दुनिया कोरोना वायरस से पूरी तरह त्रस्त है। अब इन स्थितियों में ना केवल आर्थिक जगत, बल्कि सामाजिक और अन्य सभी प्रकार की व्यवस्थाएं पूरी तरह से प्रभावित हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी परिस्थिति में भी हमारी सरकार सब लोगों की आर्थिक समृद्धि, आर्थिक स्वावलंबन का मार्ग प्रशस्त कर सके, यह प्रयास पूरी प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है। इस अवसर पर मुझे प्रसन्नता है कि समाज कल्याण विभाग ने आज यहां पर एक साथ लगभग साढ़े तीन हजार परिवारों को 17 करोड़ 42 लाख रुपये की योजनाओं से आच्छादित करने का कार्य किया है, लेकिन यह शुरुआत है। उन्होंने कहा कि मैं चाहूंगा कि 2020-21 में उत्तर प्रदेश में सात लाख 50 हजार परिवारों को आच्छादित करने का लक्ष्य है। इसे हम एक समय सीमा के अंदर हासिल कर सकें। इस वर्ष केवल एक लाख 77 हजार परिवार ही लाभान्वित हो पाए हैं। अब करीब छह लाख से अधिक लोगों को जोडऩे का बड़ा लक्ष्य है। इस इस वित्तीय वर्ष में कम से कम दस लाख अनुसूचित जाति के परिवारों को शासन की योजनाओं से लाभान्वित करना है। यदि समाज का एक हिस्सा भी कमजोर होगा, तो समग्र विकास संभव नहीं है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं समाज कल्याण विभाग कहना चाहता हूं कि अगली बार जब हम इस प्रकार के कार्यक्रम करें, तो प्रत्येक जिले से 500 लोग को ऋण उपलब्ध कराए जाएं। प्रदेश में 18 हजार बैंक शाखा है। हर शाखा दो लोगों को ऋण दे, तो 36 हजार लोगों को आसानी से रोजगार से जोड़ा जा सकेगा। इस अवसर पर समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री राज्यमंत्री जी एस धर्मेश, अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम के चेयरमैन डॉ. लाल जी निर्मल समेत अन्य लोग मौजूद थे।
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