रैपिड एंटीजन टेस्ट के माध्यम से प्रतिदिन 50 हजार सैंपल की हो जांच- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को देखते हुए राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टेस्टिंग क्षमता में बढ़ोत्तरी करने का निर्देश देते हुए गुरुवार को कहा कि 'रैपिड एंटीजन टेस्ट' को अब 20 हजार से बढ़ाकर 50 हजार टेस्ट प्रतिदिन किया जाना चाहिए। योगी ने कहा, 'वर्तमान में प्रदेश ने 55 हजार टेस्ट प्रतिदिन की टेस्टिंग क्षमता अर्जित की है। इसे और बढ़ाने की आवश्यकता है।' उन्होंने 'रैपिड एन्टीजन टेस्ट' के माध्यम से वर्तमान में प्रतिदिन किए जा रहे 20 हजार टेस्ट को चरणबद्ध ढंग से बढ़ाकर 50 हजार टेस्ट प्रतिदिन किए जाने पर जोर दिया है।
मुख्यमंत्री अपने सरकारी आवास पर एक उच्च स्तरीय बैठक में अनलॉक व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने डोर-टू-डोर सर्वे कार्य में तेजी लाने का निर्देश देते हुए कहा कि इसके माध्यम से अधिक से अधिक लोगों की मेडिकल स्क्रीनिंग की जाए। उन्होंने कहा कि मेडिकल स्क्रीनिंग में कोविड-19 के संक्रमण की दृष्टि से संदिग्ध पाए जाने वाले लोगों की रैपिड एन्टीजन टेस्ट के माध्यम से जांच की जाए। मेडिकल जांच में संक्रमण की पुष्टि होने पर ऐसे लोगों के उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्रत्येक शनिवार व रविवार को संचालित विशेष स्वच्छता एवं सेनिटाइजेशन अभियान के अच्छे नतीजे मिल रहे हैं और कोविड-19 तथा संचारी रोगों को नियंत्रित करने के उद्देश्य से यह अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता एवं सेनिटाइजेशन कार्य को सफल बनाने के लिए शनिवार व रविवार को सभी बाजारों की साप्ताहिक बन्दी निर्धारित की गई है।
योगी ने प्रत्येक स्तर पर स्वच्छता और सेनिटाइजेशन की कार्यवाही को प्रभावी ढंग से संचालित करने का निर्देश देते हुए कहा कि जिलों के नोडल अधिकारी प्रतिदिन अपने-अपने जनपद की रिपोर्ट मुख्य सचिव को प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव इस रिपोर्ट के आधार पर मुख्यमंत्री को पूरी जानकारी उपलब्ध कराएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बरसात के मौसम में पशुओं में होने वाले रोगों के नियंत्रण पर विशेष ध्यान दिया जाए। समस्त गो-आश्रय स्थल के गोवंशों के नियमित चिकित्सीय परीक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उनके लिए हरे चारे का प्रबन्ध किया जाए। उन्होंने प्रमुख सचिव पशुपालन को इन समस्त कार्यों की नियमित निगरानी के निर्देश भी दिए। उन्होंने बाढ़ प्रभावित लोगों को समय से सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश देते हुए कहा कि सभी जनपदों में बाढ़ कंट्रोल रूम स्थापित किए जाएं और इन्हें निरन्तर सक्रिय रखा जाए।