सावधान! कोरोना जैसे लक्षण छिपाना पड़ सकता है भारी, खुद न करें इलाज
गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी। डॉक्टर और वैद्य से कुछ नहीं छिपाना चाहिए, लेकिन लोग इसे मान नहीं रहे हैं। ऐसे में उनकी सेहत पर ये काफी भारी पड़ रहा है। बाद में जब कोरोना जांच में वे पॉजिटिव आते हैं, तब तक काफी देर हो चुकी होती है। लोगों को इस समय कोरोना लक्षण को लेकर सजग और सतर्क रहने की जरूरत है।
क्वारंटीन किए जाने के डर से अधिकांश लोग सर्दी, जुकाम, खांसी, बुखार छिपाकर उसका इलाज झोलाछाप से करा रहे हैं। गांव-गांव घूम रहे झोलाछाप कहीं खुद ही कोरोना के कैरियर न बन जाएं, इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है। मर्ज को छिपाने के कारण लोग अपनी मौत को दावत दे रहे हैं। हालात ये है कि इन दिनों कोविड अस्पताल में जो मरीज आ रहे हैं उनसे ये पता चल रहा है कि सर्दी जुकाम होने पर पहले चुपके-चुपके मेडिकल स्टोर से दवा खाते रहे। बाद में उनकी स्थिति गंभीर होती गई।
लापरवाही जान पर पड़ सकती है भारी
शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में कई झोलाछाप डॉक्टर हैं। लोग सर्दी-जुकाम होने पर पहले मेडिकल स्टोर से दवा लेते हैं। उसके बाद जब आराम नहीं होता है तो अपने करीब के झोलाछाप डॉक्टर के पास दवा लेने पहुंच जाते हैं। झोलाछाप बुखार के मरीजों का तापमान नापने के लिए मुंह में थर्मामीटर डालते हैं, फिर उसे निकाल सामान्य तरीके से धुल कर रख लेते हैं। अन्य स्थान पर पहुंच यही थर्मामीटर दूसरे मरीज के मुंह में डाल देते हैं। पूर्व के मरीज का लार दूसरे मरीज के मुंह में चला जाता है। अब इनमें से एक भी मरीज यदि कोरोना पॉजिटिव निकला तो पूरी चेन बनने का खतरा हो सकता है।
कोरोना काल में ये बरतें सावधानी
-मर्ज को छिपाने की बजाय प्रशिक्षित डॉक्टर से संपर्क करें। उनकी सलाह पर ही दवा लें।
-कोई भी आपके घर आए तो पहले उसके हाथ को सेनेटाइज करें फिर उससे मिलें।
-थर्मामीटर मुंह में डालना जरूरी हो तो उसे अपने सामने ठीक से धुलवाएं।
-दवाएं किसके द्वारा और कितनी सफाई से दी जा रही है, इसका विशेष ख्याल रखें।