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ब्राह्मण समाज में भय, विश्वास बहाली के लिए काम करे सरकार - मायावती

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. कानपुर के दुर्दांत अपराधी विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद इस मुद्दे पर राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई है। बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि इस एनकाउंटर के बाद से ब्राह्मण समाज भयभीत और असुरक्षित महसूस कर रहा है। सरकार को जनविश्वास बहाली के लिए काम करना चाहिए। रविवार को एक के बाद एक किए गए कई ट्वीट में मायावती ने इस कांड के बहाने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधा है।

मायावती ने कहा कि किसी एक व्यक्ति के जुर्म के कारण पूरे समाज को कठघरे में खड़ा नहीं करना चाहिए। साथ ही साथ उन्होंने कहा कि सरकार उस समाज में व्याप्त भय व आतंक को दूर करे। उन्होंने ट्वीट किया, 'बीएसपी का मानना है कि किसी गलत व्यक्ति के अपराध की सजा के तौर पर उसके पूरे समाज को प्रताड़ित व कठघरे में नहीं खड़ा करना चाहिए। इसीलिए कानपुर पुलिस हत्याकांड के दुर्दांत विकास दुबे व उसके गुर्गों के जुर्म को लेकर उसके समाज में भय व आतंक की जो चर्चा गर्म है उसे दूर करना चाहिए।'

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने विकास दुबे हत्याकांड पर सरकार को राजनीति नहीं करने की बात भी कह डाली। उन्होंने लिखा, 'यूपी सरकार अब खासकर विकास दुबे कांड की आड़ में राजनीति नहीं बल्कि इस सम्बंध में जनविश्वास की बहाली हेतु मजबूत तथ्यों के आधार पर ही कार्रवाई करे तो बेहतर है। सरकार ऐसा कोई काम नहीं करे जिससे अब ब्राह्मण समाज भी यहां अपने आपको भयभीत, आतंकित व असुरक्षित महसूस करे।'

अपने आखिरी ट्वीट में मायावती ने लिखा कि सरकार को निष्पक्ष और ईमानदारी से काम करना चाहिए ताकि प्रदेश अपराध मुक्त हो। उन्होंने कहा, 'यूपी में आपराधिक तत्वों के विरूद्ध अभियान की आड़ में छांटछांट कर दलित, पिछड़े व मुस्लिम समाज के लोगों को निशाना बनाना, यह भी काफी कुछ राजनीति से प्रेरित लगता है जबकि सरकार को इन सब मामलों में पूरे तौर पर निष्पक्ष व ईमानदार होना चाहिए, तभी प्रदेश अपराध-मुक्त होगा।'

एनकाउंटर में मारा गया था विकास दुबे
हिस्ट्रीशीटर गैंगस्टर को उसके गांव बिकरू में दबिश देने गई पुलिस की टीम पर हुए हमले में डीएसपी सहित आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। इस कांड का मुख्य आरोपी विकास दुबे घटना के बाद से ही फरार चल रहा था। मध्य प्रदेश पुलिस ने उसे उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार किया और यूपी एसटीएफ को सौंप दिया। उज्जैन से कानपुर लाते वक्त रास्ते में यूपी पुलिस की गाड़ी पलट गई। इस मौके का फायदा उठाकर विकास दुबे पुलिसकर्मी से पिस्टल छीन कर भागने लगा। जब पुलिस वाले उसे पकड़ने के लिए पीछा किया तो उसने एसटीएफ पर फायरिंग कर दी। आत्मरक्षा में यूपी एसटीएफ की तरफ से की गई गोलीबारी में विकास दुबे मारा गया।

मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित
इस पूरे प्रकरण की जांच के लिए उत्तर प्रदेश की सरकार ने एसआईटी का गठन किया है, जिसे 31 जुलाई तक अपनी रिपोर्ट सौंपनी है। वहीं विकास दुबे के एनकाउंटर केस की जांच के लिए भी सरकार ने एक सदस्यीय टीम का गठन किया गया है। इसकी अध्यक्षता रिटायर जज शशिकांत अग्रवाल कर रहे हैं। इस एकल जांच आयोग का कार्यकाल फिलहाल दो महीने के लिए तय किया गया है।
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