वाराणसी में कोविड लेवल-3 हॉस्पिटल के लिए BHU ने मांगा 100 पोर्टेबल वेंटिलेटर
गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी। कोरोना संक्रमण बढऩे पर फेफड़े की कोशिकाएं क्षतिग्रस्त होने लगती हैं। इससे फेफड़े वायु में घुलित ऑक्सीजन उचित मात्रा में अवशोषित नहीं होने पाते और व्यक्ति की सांस तेजी से फूलने लगती है। ऐसे गंभीर मरीजों का इलाज बीएचयू अस्पताल स्थित लेवल-थ्री कोविड अस्पताल में किया जा रहा है। कारोना मरीजों की इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए बीएचयू अस्पताल स्थित शताब्दी सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक में बने आइसोलेशन वार्ड के सभी 140 बेड तक सीधे ऑक्सीजन पहुंचाई जा रही है। इससे न सिर्फ मरीजों की श्वांस संबंधी दिक्कत का त्वरित समाधान होता है, बल्कि मरीज की जान बचाने में भी मदद मिलती है। तेजी से बढ़ते गंभीर कोरोना मरीजों के लिए केंद्र सरकार से 100 पोर्टेबल वेंटिलेटर की मांग की गई है।
बीएचयू अस्पताल स्थित शताब्दी सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक में वर्तमान में 70 बेड वेंटिलेटर है, जिसे अगले एक सप्ताह तक बढ़ाकर 80 कर दिया जाएगा। सुविधाएं बढ़ाने के क्रम में केंद्र सरकार की ओर से दस वेंटिलेटर बीएचयू पहुंच भी चुके हैं। इन्हेंं जल्द ही इंस्टाल किया जाएगा। वहीं 50 और वेंटिलेटर को मंजूरी भी मिल चुकी है, जो जल्द ही बीएचयू पहुंच जाएंगे। बीएचयू अस्पताल के चिकिसा अधीक्षक प्रो. एसके माथुर के मुताबिक 100 पोर्टेबल वेंटीलेटर की भी मांग केंद्र सरकार से की गई है। उपकरण आ जाने के बाद एसएसबी ब्लाक की चौथी, पांचवी व छठवीं मंजिल को कोविड-आइसीयू में बदल दिया जाएगा। इसी के साथ बीएचयू में कोरोना के गंभीर मरीजों के इलाज की क्षमता तीन गुना बढ़ जाएगी। बताया फिलहाल 140 बेड पर मरीज भर्ती किए जा रहे हैं, जबकि एसएसबी ब्लाक की क्षमता 430 बेड है। भविष्य की जरूरतों को देखते हुए आइसोलेशन वार्ड में 60 बेड और बढ़ाकर कुल 200 बेड कर दिए जाएंगे। वहीं 70 वेंटिलेटर सहित एसएसबी की क्षमता 270 बेड हो जाएगी।
पहले सारी में रखे जाते हैं गंभीर मरीज
प्रो. माथुर के मुताबिक शताब्दी सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक में 16 बेड वेंटिलेटर का सीवियर एक्यूट रेस्पीरेट्री इलनेस (सारी) वार्ड चौथे तल पर बनाया गया है। गंभीर मरीजों को पहले यहां रखा जाता है और उनका सैंपल लिया जाता है। कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद मरीज को छठवें तल पर बने कोरोना-आइसीयू में शिफ्ट कर दिया जाता है। वहीं निगेटिव आने पर सर सुंदर लाल अस्पताल के आइसीयू में भेज दिया जाता है।