भाजपा की गलत नीतियों से शिक्षा क्षेत्र में अव्यवस्था - अखिलेश यादव
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार की गलत नीतियों के चलते शिक्षा क्षेत्र में अव्यवस्था फैल रही है। स्कूल-कॉलेज कोरोना संकट के कारण बंद हैं। ऑनलाइन पढ़ाई पटरी पर नहीं आ पाई है। गरीब परिवारों के बच्चों के पास स्मार्टफोन नहीं है, कई स्थानों खासकर देहातों में नेटवर्क की समस्या बनी रहती है। ऑनलाइन पढ़ाई सिर्फ संपन्न परिवारों के लिए हो रही है। अनुसूचित जाति-जनजाति के छात्रों के साथ भी सरकार का सौतेला व्यवहार हो रहा है।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को जारी बयान में कहा कि भाजपा सरकार ने स्कूल कॉलेज तो बंद करा दिए, लेकिन उनमें कार्यरत शिक्षकों तथा अन्य कर्मचारियों की जिंदगी कैसे चलेगी, इसकी चिंता नहीं की। विद्यालय प्रबंधन पर विद्यालय बंदी के समय की फीस भी न लेने का दबाव बना। ऐसी स्थिति में जो अभिभावक फीस देने में सक्षम थे, वे भी फीस नहीं जमा कर रहे हैं। नतीजतन 10 लाख से ज्यादा प्राइवेट कॉलेजों के शिक्षक वेतन के अभाव में भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि शिक्षाजगत के प्रति भाजपा सरकार में यदि तनिक भी सम्मान का भाव होता तो प्राइवेट मान्यता प्राप्त विद्यालयों के शिक्षक अनुमोदन के हिसाब से सरकार न्यूनतम वेतन का सहयोग कर देती। इससे सुविधानुसार शिक्षक ऑनलाइन कक्षाएं ले सकते और अभिभावकों पर भी फीस का भार कुछ कम हो जाता। इसमें शिक्षक, अभिभावक और विद्यालय प्रबंधन सभी के हित पूरे हो जाते।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार की भेदभावपूर्ण और दलित विरोधी नीतियों के शिकार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के छात्र-छात्राएं भी हो रही हैं। प्रतिवर्ष उत्तर प्रदेश शासन द्वारा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के छात्र-छात्राओं की शुल्क प्रतिपूर्ति छात्रवृत्ति के रूप में भेजी जाती है जिससे उनकी पढ़ाई में सुविधा होती है, लेकिन अब भाजपा सरकार ने साजिश के तहत शुल्क प्रतिपूर्ति नहीं भेज रही है जिससे प्रदेश के तमाम काॅलेज प्रबंधक अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के छात्र-छात्राओं को परीक्षा देने से वंचित करने की तैयारी में हैं और अंक तालिका भी नहीं दे रहे हैं। दलित समाज में इससे भारी आक्रोश है।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार की नीतियां चूंकि कारपोरेट व्यवस्था से जुड़ी है इसलिए गरीबों, दलितों, कमजोर वर्ग के प्रति उनमें न तो सदाशयता है और नहीं संवेदनशीलता। प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को चौपट करने का आरएसएस एजेंडा ही भाजपा सरकार चला रही है। उसका सारा जोर सर्व सुविधा सम्पन्न छात्र-छात्राओं के लिए कारपोरेट घरानों के प्रबंधन के स्कूल-काॅलेजों को प्रोत्साहन देने का है। भेदभाव से शिक्षा में असमानता और बढ़ेगी। इस कारण सामाजिक अन्याय को ही भाजपा का समर्थन माना जायेगा। सरकारों को रागद्वेष का व्यवहार नहीं करना चाहिए।