यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू 28 दिन बाद जेल से रिहा, अन्य बंदियों के साथ आए बाहर
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ, लॉकडाउन के दौरान कामगारोंं को ले जाने के लिए उत्तर प्रदेश और राजस्थान सरकार के बीच उठे सियासी 'बस विवाद' के बाद गिरफ्तार किए गए यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू 28 दिन बाद बुधवार शाम गोसाईगंज स्थित जिला जेल से रिहा हो गए। 21 मई से जेल में निरुद्ध अजय कुमार लल्लू को मंगलवार को हाई कोर्ट से जमानत मिली थी। जेल से निकल कर उन्होंने कहा कि मैं राहुल गांधी का सिपाही हूं।
यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की रिहाई को लेकर बुधवार को दोपहर से ही पार्टी के नेता और कार्यकर्ता जेल पर पहुंचने लगे थे। शाम करीब सवा सात बजे लल्लू को अन्य बंदियों के साथ रिहा किया गया। बाहर आकर उन्होंने कहा कि मुकदमे राजनीति में इनाम होते हैं। इस दौरान कांग्रेस नेता आराधना मिश्रा, नसीमुद्दीन सिद्दीकी, प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिंह, कांग्रेस सेवा दल के मध्य जोन अध्यक्ष राजेश सिंह उर्फ काली व वेद त्रिपाठी सहित कार्यकर्ता मौजूद थे।
यह था मामला : लॉकडाउन में जब दूसरे राज्यों में फंसे श्रमिक-कामगारों ने उत्तर प्रदेश लौटना शुरू तो राजनीति गर्माई और कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा ने सरकार की व्यवस्था को नाकाफी बताते हुए एक हजार बसें पार्टी की ओर से देने की पेशकश कर दी। इस पर सरकार की ओर से अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने प्रियंका वाड्रा के निजी सचिव संदीप सिंह को पत्र लिखकर बसों की सूची, चालक-परिचालक के ब्योरे सहित उपलब्ध कराने को कहा। कांग्रेस द्वारा दी गई सूची के परीक्षण में बसों के नाम से कई वाहन संख्या ऑटो, रिक्शा, स्कूटर, कार आदि के निकले। इस पर सरकार ने बसें लेने से मना कर दिया तो अजय कुमार लल्लू वाहनों यूपी-राजस्थान के बॉर्डर पर पहुंच गए। वहां पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। इस बीच लखनऊ के हजरतगंज थाने में प्रियंका के निजी सचिव संदीप और अजय लल्लू के खिलाफ धोखाधड़ी सहित तमाम धाराओं में मुकदमा दर्ज करा दिया गया। इसी मामले में वह 21 मई से जेल में थे।
कांग्रेसियों को रोके जाने पर किया प्रदर्शन : प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की रिहाई के बाद प्रदेश कार्यालय की ओर जा रहे कांगे्रसियों को भीड़ होने के कारण शहीद पथ पर अंडरपास के नजदीक पुलिस ने रोक लिया। इस पर नाराज कांग्रेसी वहीं पर प्रदर्शन करने लगे। प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष वीरेंद्र चौधरी और नगर अध्यक्ष मुकेश सिंह चौहान के नेतृत्व में करीब आधा घंटे तक डटे रहे।
जेल जाने से नहीं रुकेंगे सेवा के कदम : बसों के फर्जीवाड़े के मामले में 28 दिन से जेल में बंद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू बुधवार को जमानत पर रिहा होने के बाद हजरतगंज पहुंचे। यहां महात्मा गांधी और सरदार पटेल की प्रतिमाओं पर उन्होंने माल्यार्पण किया। यहां पत्रकारों से बातचीत में लल्लू ने कहा कि मजदूर-गरीबों की सेवा करने से रोकने के लिए सरकार उन्हें जेल में डाला। एक बार नहीं, एक हजार बार भी सरकार जेल में डाले लेकिन, इससे सेवा के उनके कदम रुकेंगे नहीं। उसके बाद प्रदेश अध्यक्ष पार्टी मुख्यालय पहुंचे और कार्यकर्ताओं से मुलाकात की।
बसों की सेवा देने के प्रस्ताव का कोई औचित्य नहीं था : उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को मंगलवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने जमानत तो दे दी, पर तल्ख टिप्पणी भी की थी। कोर्ट ने कहा कि बसों की सेवा देने के प्रस्ताव का कोई औचित्य नहीं था। कोर्ट ने लल्लू के एक व्यक्तिगत बंधपत्र और दो जमानतें दाखिल करने पर तत्काल रिहा करने का आदेश दिया है। जस्टिस एआर मसूदी की एकल बेंच ने लल्लू की ओर से दाखिल जमानत अर्जी को मंजूर करते हुए कहा कि यह विचलित करने वाली बात है कि एक राजनीतिक दल (कांग्रेस) और राज्य सरकार के बीच भिड़ंत की स्थिति है। कोर्ट ने राजनीतिक दल की ओर से बसों को देने के प्रस्ताव पर विरोध जताया और कहा कि प्रधानमंत्री और राज्योंं के मुख्यमंत्रियोंं ने कोविड-19 से निपटने के लिए जनता से आर्थिक सहयोग तो मांगा था लेकिन परिवहन या अन्य कोई सहयोग नहींं। इसलिए, बसों की सेवा देने के प्रस्ताव का कोई औचित्य नहींं था।
संघर्ष के कोख से पैदा हुआ हूँ, राहुल गांधी का सिपाही हूँ। मुकदमे राजनीति में इनाम होते हैं और जेल अस्थाई घर होता है। अजय लल्लू न डरा है न डरेगा।— Ajay Kumar Lallu (@AjayLalluINC) June 17, 2020
मुख्यमंत्री डरे हुए हैं,भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबी है सरकार।
इन्हें शोषितों-मजदूरों से कोई सरोकार नहीं। pic.twitter.com/G2AdqyhbJh