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UPPCL: बिल जमा करिए या नहीं, धमकाएगा जरूर बिजली विभाग

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ। जमाना तकनीक के साथ तेजी से कदमताल करते बदल रहा है। सरकारें भी अपनी व्यवस्थाओं को उसी रफ्तार में बदलने का प्रयास कर रही हैं। विभागों के कामकाज ऑनलाइन और अपडेट हो रहे हैं लेकिन, हर व्यक्ति की जरूरत से जुड़ा उत्तर प्रदेश का बिजली विभाग ऑनलाइन बिलिंग सॉफ्टवेयर भी ऐसे चला रहा है, जैसे 'कटिया-जुगाड़' की व्यवस्था से चल रहा हो। क्या यह अपने आप बहुत ही अचंभित करने और झल्ला देने वाली स्थिति नहीं कि उपभोक्ता समय से बिल जमा कर दे तो भी बिजली विभाग संदेश यही भेजेगा कि आपका इतना बिल बकाया है, फलां तारीख को कनेक्शन काट दिया जाएगा और अगर बिल जमा कर दिया है तो संदेश नजरअंदाज करें।

उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन की देखरेख में बिजली वितरण कंपनियों में बिलिंग व्यवस्था संभालने के लिए अलग से वाणिज्य विभाग है। ऑनलाइन बिलिंग सिस्टम के लिए टीम और सॉफ्टवेयर आदि है। बावजूद इसके बिलिंग डेटा अपडेट नहीं है। ऐसे में हर महीने सभी उपभोक्ताओं के पास मोबाइल पर संदेश भेजा जाता है कि आपका इतना बिल बकाया है, अमुक तारीख तक जमा नहीं किया तो कनेक्शन काट दिया जाएगा। अब यदि किसी ने बिल जमा कर दिया है और विभाग के इस संदेश की कारस्तानी से वाकिफ नहीं है तो सोचता रहे कि कहीं बिल जमा करने में गड़बड़ी तो नहीं हो गई? कहीं साइबर ठगी तो नहीं हो गई? क्या दोबारा इतना बिल जमा करना पड़ेगा? अब लगाइए संबंधित बिलिंग केंद्र के लिए दौड़। घंटों लाइन में लगिए तब जाकर आपको पता चलता है कि आपका बिल जमा है। हां, संदेश को लेकर आपकी कोई शिकायत वहां दर्ज नहीं होगी, क्योंकि तुर्रा यह कि संदेश में यह भी तो लिखा था कि आपने बिल जमा कर दिया है तो नजरअंदाज करें।

दरअसल, ऐसा नहीं है कि बिजली विभाग के पास उपभोक्ताओं का डेटा अपडेट नहीं होता। यदि हर उपभोक्ता के संदेश में उसकी बिल राशि लिखी है तो जाहिर सी बात है कि सॉफ्टवेयर ही काम कर रहा है। फिर इस तरह का मैसेज सभी को क्यों भेजा जा रहा है? सवाल उठता है कि उपभोक्ता क्यों संदेश को नजरअंदाज करे, यदि उसने बिल जमा कर दिया है? विभाग का सॉफ्टवेयर क्यों नहीं ऐसे उपभोक्ताओं को छांटकर अलग करता, जिन्होंने समय से बिल भुगतान कर दिया? उनको तो यह मैसेज आए कि आपके बिल की धनराशि प्राप्त हो गई है। भुगतान के लिए धन्यवाद।

उपभोक्ता परिषद ने उठाया मामला : इस ऑटो जेनरेटेड मैसेज को लेकर राज्य उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने भी पावर कारपोरेशन के निदेशक वाणिज्य एके श्रीवास्तव व प्रबंध निदेशक मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड सूर्य कुमार गंगवार से शिकायत की है। उन्होंने कहा है कि विभाग को पता होना चाहिए कि उपभोक्ता ने बिल जमा किया है या नहीं। इस उदासीनता से बिल जमा कर चुके उपभोक्ता का बेवजह मानसिक उत्पीड़न होता है। अधिकारियों ने व्यवस्था में सुधार का आश्वासन दिया है।

बिल जमा कर दिया हो तो नजरअंदाज करें : अपर मुख्य सचिव ऊर्जा एवं अध्यक्ष पावर कारपोरेशन अरविंद कुमार ने कहा कि यह संदेश सिर्फ यह बताने के लिए होता है कि अंतिम तारीख तक बिल जमा नहीं करने पर कनेक्शन काट दिया जाएगा। सिस्टम में यह दर्ज होता है कि पैसा जमा हुआ है या नहीं। कई मामलों में बिल जमा करने वाले उपभोक्ताओं पर भी संदेश चला जाता है। हालांकि, इसीलिए उसमें यह भी लिखा होता है कि बिल जमा कर दिया है तो इसे नजरअंदाज करें।
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