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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भरोसा गार्मेंटिंग हब बनेगा उत्तर प्रदेश, बढ़ेगा रोजगार

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ, वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण में भी इस पर अंकुश लगाने के साथ ही प्रवासी कामगार व श्रमिकों को रोजगार दिलाने की दिशा में रोज नये अवसर तलाश रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भरोसा है कि उत्तर प्रदेश गार्मेंटिंग हब बनेगा। सीएम योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को अपने कार्यालय लोकभवन में टीम -11 के साथ कोरोना वायरस संक्रमण पर समीक्षा बैठक के दौरान ही हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग विभाग का एक प्रस्तुतीकरण भी देखा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस दौरान कहा कि कोविड-19 के कारण उत्पन्न परिस्थितियों के चलते जो कामगार/श्रमिक प्रदेश वापस लौटे, उनमें बड़ी संख्या में टेलरिंग एक्सपर्ट भी हैं। हम इन्हेंं रोजगार उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है। हमको इस कठिन समय में भी राज्य में वस्त्रोद्योग को बढ़ावा देना होगा, ताकि अधिक से अधिक रोजगार के अवसर सृजित हो सकें। राज्य में इस बीच एयर और रोड कनेक्टिविटी लगातार बेहतर होती जा रही है। इससे वस्त्रोद्योग को काफी लाभ होगा। हमको भरोसा है कि उत्तर प्रदेश भी देश का प्रमुख गार्मेंटिग हब होगा और रोजगार के लाखों अवसर सृजित होंगे।


मुख्यमंत्री ने राज्य में वस्त्र उद्योग क्षेत्र में रोजगार सृजन के लिए गार्मेंटिंग हब बनाने जाने के संबंध में रोडमैप का प्रस्तुतीकरण देखा। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रदेश में टेक्सटाइल क्षेत्र में रोजगार की व्यापक संभावनाएं मौजूद हैं। अपर मुख्य सचिव हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग रमारमण ने प्रस्तुतीकरण के दौरान मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि वर्तमान में प्रदेश में गार्मेन्टिंग की लगभग साढ़े चार हजार औद्योगिक इकाइयां हैं। इनमें से लगभग 3000 इकाइयां गौतमबुद्धनगर तथा शेष 1500 इकाइयां गाजियाबाद, कानपुर, लखनऊ तथा बरेली में स्थित हैं। इन सभी से लगभग 22,000 करोड़ का प्रतिवर्ष निर्यात होता है।

पुलिस व जेल कर्मी रहे सतर्क
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में डॉक्टर्स, पुलिसकर्मी व जेलकर्मी लगातार कोरोना संक्रमण पर अंकुश लगाने के अभियान में लगे हैं। इस दौरान यह लोग भी संक्रमित हो रहे हैं। हमको इस कहर से बचना होगा। सभी कोरोना केन्द्रों पर सैनिटाइजर की व्यवस्था की जाए। कोरोना केन्द्रों पर पोस्टर के माध्यम से कोरोना संक्रमण के संबंध में जानकारी प्रदर्शीत की जाए। उन्होंने कोरोना संक्रमण के सम्बन्ध में जेल स्टाफ को सतर्क रहने के लिए भी कहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना वॉरियर्स सभी पुलिसकर्मी, होमगार्ड्स, जेलकर्मी इत्यादि को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के साथ-साथ उन्हेंं मास्क लगाने के विषय में जागरूक करें। इन कॢमयों को मास्क व ग्लव्स उपलब्ध कराए जाएं। जिन पुलिसकर्मी की कोरोना संक्रमण से ग्रसित क्षेत्रों में ड्यूटी लगी है, उन्हेंं संक्रमण से बचने के उपाय बताए जाएं।


उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना के ए-सिम्प्टोमैटिक मामले बढ़ रहे हैं। इस सम्बन्ध में भी इन सभी को जानकारी दी जाए। कोरोना केन्द्रों पर पुलिस फोर्स के लोगों को कोरोना के लक्षणों के संबंध में आवश्यक जानकारी दी जाए। पुलिस लाइन, थानों, जेलों, पीएसी वाहिनियों के कर्मी को इस प्रशिक्षण से जोड़ने की कार्यवाही हो। मास्टर ट्रेनर के माध्यम से इन्हेंं प्रशिक्षण दिया जाए। इसके अलावा, उन्हेंं इन्फ्रारेड थर्मामीटर, पल्स ऑक्सीमीटर इत्यादि के उपयोग के सम्बन्ध में भी प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। सभी थानों, पुलिस चैकियों, जेलों, पुलिस वाहिनियों तथा पुलिस के अन्य कार्यालयों में कोरोना केन्द्र स्थापित किए जाएं। प्रदेश के पुलिस एवं पीएसी कर्मी, होमगार्ड, जेलकर्मी इत्यादि को हर हाल में कोरोना के संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए इन सभी को कोरोना के सम्बन्ध में समस्त आवश्यक जानकारी तथा प्रशिक्षण दिया जाए।

पीएम गरीब कल्याण योजना से बड़ी मदद
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना से संकट के समय में बड़ी मदद मिली है। इसके अंतर्गत राज्य सरकार ने 10.68 लाख दिव्यांगजन को, 49.87 लाख वृद्धावस्था पेंशन धारकों को, 26.06 लाख निराश्रित महिला पेंशन धारकों को घोषित सुविधा का लाभ उपलब्ध कराया है। 18 करोड़ लोगों को पांच बार नि: शुल्क खाद्यान्न वितरित किया जा चुका है। 20 जून को छठवीं बार नि:शुल्क खाद्यान्न वितरण प्रारंभ किया जाएगा। प्रधानमंत्री आॢथक पैकेज के तहत लोगों को लाभान्वित किया जा रहा है। पहले चरण में 57,000 एमएसएमई उद्यमियों को ऋण की सुविधा दिलाई गई है। स्टेट लेवल बैंकर्स कमेटी के साथ बैठक संपन्न हो चुकी है। इसके बाद 1,10,000 उद्यमियों को ऋण उपलब्ध कराने की कार्यवाही प्रगति पर है। अनलॉक की कार्यवाही प्रारंभ होने के पश्चात अब तक उत्तर प्रदेश में रह रहे और वापस लौटे श्रमिकों को सम्मिलित करते हुए, 95 लाख श्रमिकों को रोजगार, नौकरी एव स्वरोजगार से जोड़ने में सफलता मिली है। कृषि व उससे जुड़े क्षेत्रों में यह संख्या लगभग 60 लाख है। इसके अलावा, लगभग 35 लाख श्रमिकों/कामगारों को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा अन्य बड़े उद्योगों से जोड़ा गया है।

भरण-पोषण भत्ता भी दिया गया
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में 34 लाख कामगारों/श्रमिकों को एक-एक हजार रुपया का भरण-पोषण भत्ता उपलब्ध कराया गया। राज्य में कामगारों/श्रमिकों के लिए उत्तर प्रदेश कामगार और श्रमिक (सेवायोजन एवं रोजगार) आयोग का गठन किया गया है। इस आयोग ने कार्य करना भी प्रारम्भ कर दिया है। प्रदेश वापस लौटे कामगारों/श्रमिकों की 80 ट्रेंड्स में स्किल मैपिंग भी की गई है। इसके लिए एक पोर्टल तैयार किया गया। होम क्वॉरंटाइन से बाहर आने वाले श्रमिकों को उनकी क्षमतानुरूप कार्य उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रदेश में लगभग 35 लाख श्रमिक/कामगार आए हैं। इनकी स्क्रीनिंग कर उन्हेंं राशन किट उपलब्ध कराते हुए होम क्वॉरंटाइन के लिए घर भेजा गया। होम क्वॉरंटाइन में इनकी निगरानी के लिए 70,000 निगरानी समितियों का गठन किया गया, जो निरन्तर अपनी रिपोर्ट देती हैं।

चिकित्सा व्यवस्था भी सुदृढ़
सीएम योगी आदित्यनाथ ने बताया कि सभी जनपदों के नॉन कोविड चिकित्सालयों तथा मेडिकल कॉलेजों में ट्रूनेट मशीनें लगाई गई हैं। इन मशीनों की सहायता से एक घंटे में कोविड-19 की जांच की जा सकती है। अब तक राज्य में कोरोना वायरस की जांच के लिए 5 लाख से अधिक टेस्ट हो चुके हैं। प्रतिदिन लगभग 18,000 टेस्ट किए जा रहे हैं। 20 जून तक इसे बढ़ाकर 20,000 किए जाने का लक्ष्य है। इस समय प्रदेश में 503 कोविड अस्पताल क्रियाशील हैं, इनमें कुल 1,01,236 बेड उपलब्ध हैं। इसके अलावा, युद्धस्तर पर मानव संसाधन के प्रशिक्षण की कार्यवाही भी संचालित की जा रही है। अब तक 12,051 चिकित्सक, 12,983 स्टाफ नर्स, 43,140 पैरामेडिकल स्टाफ, 19,288 एएनएम तथा 1,45,101 आशा वर्कर्स का प्रशिक्षण कराया गया है, जो कोरोना वॉरियर्स के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।


राज्य में क्वॉरंटाइन सेंटरों की क्षमता लगभग 15 लाख है। क्वॉरंटाइन सेंटर में पूल टेस्ट तथा व्यक्तिगत टेस्ट से संक्रमित पाए गये लोगों को डेडीकेटेड कोविड अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। इस दौरान राज्य में कम्युनिटी सॢवलांस व्यवस्था को सुदृढ़ किया गया है। एक लाख 21 हजार 746 टीमों ने 92.1 लाख घरों का भ्रमण करके 4.70 करोड़ लोगों की स्क्रीनिंग करने के साथ ही कोविड-19 के प्रति जागरूकता का प्रसार किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मेडिकल इंफेक्शन से बचाव के सभी प्रबन्ध सुनिश्चित करते हुए इमरजेंसी सेवाओं के साथ ही आवश्यक ऑपरेशन की सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। यह सुविधा प्रदेश के सभी जनपदों में उपलब्ध कराई जा रही है। लेवल-1 अस्पतालों में ऑक्सीजन तथा लेवल-2 अस्पतालों में ऑक्सीजन के साथ ही, वेंटिलेटर की उपलब्धता भी है। राज्य में लेवल-3 के डेडीकेटेड अस्पतालों की संख्या 25 है। इनमें गम्भीर रोगों से ग्रसित मरीजों के कोरोना संक्रमित होने पर उपचार किया जाता है। प्रदेश में उपलब्ध एक लाख से अधिक कोविड बेड से की व्यवस्था है। इससे कोविड संक्रमण की चेन तोड़ने  व इसके प्रसार पर नियंत्रण के लिए लक्षण मिलने पर ही लोगों को भर्ती किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि कोविड से संक्रमित लक्षणरहित मामलों को होम क्वॉरंटाइन रखने पर जरूरी अनुशासन का पालन संभव नहीं हो पाता। संक्रमित के परिजनों के लिए जोखिम के साथ ही, परिवार के संपर्क में आए अन्य लोगों के माध्यम से इन्फेक्शन के प्रसार की आशंका बनी रहती है। अब उनको कोविड अस्पतालों में रखा जाएगा।

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