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वाराणसी में आपात स्थिति के लिए तैयारियां, रेलवे कोच और स्कूलों में 2500 बेड

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी। वाराणसी में कोरोना की आपात स्थिति से निपटने की तैयारी तेज हो गयी हैं। एक तरफ कोच में बने आइसोलेशन सेंटर वाली ट्रेनें वाराणसी पहुंच गई हैं तो दूसरी तरफ जिला प्रशासन स्कूल-कॉलेजों में 2500 बेड की व्यवस्था कर रहा है। इन्हें लेवल-1 का दर्जा दिया जायेगा। ये अस्पताल ईएसआईसी से जुड़े रहेंगे। 15 स्कूल कॉलेजों और अस्पतालों की पहचान कर ली गयी है।

वाराणसी के अलावा यहां मंडल के अन्य जिलों के मरीज भी भर्ती होते हैं। इनके के लिए तीन अस्पताल तैयार हो गये हैं। लेवल-1 ईएसआईसी, लेवल-2 जिला अस्पताल और लेवल-3 के लिए बीएचयू का सर सुन्दरलाल अस्पताल है। बनारस सहित पूरे मंडल में जो मरीज मिल रहे हैं वो प्रारंभिक स्टेज के हैं। इस कारण लेवल-1 अस्पताल में ज्यादा भीड़ होती है। मंडल में मरीजों की संख्या बढ रही हैं। इस कारण स्वास्थ्य विभाग अतिरिक्त तैयारी कर रहा है। सीएमओ डॉ. वीबी सिंह के अनुसार आपात स्थिति के लिए ये व्यवस्था की गई है। यहां पर एसिम्टोमिटक मरीज रखे जाएंगे। हम लोग हर स्तर पर तैयारी कर रहे हैं।

जिला अस्पताल में 12 आईसीयू बेड हैं तैयार 
कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग सभी तरह की तैयारियों में जुटा हुआ है। जिला अस्पाताल में 12 आईसीयू बेड तैयारी कर लिए गए हैं। 10 और बेड की व्यस्था की जा रही है। इसके बाद जिला अस्पताल में भी गंभीर मरीजों के लिए पर्याप्त व्यवस्था होगी।  

स्कूल/कॉलेज                         बेड    
सेंट मैरीज हॉस्पिटल,कोरौता        100
आयुर्वेद कॉलेज                           100
सेंट जांस स्कूल, धन्नीपुर              200
जवाहर नवोदय विद्यालय           200    
सिल्वर ग्रोव स्कूल, महेशपुर           200 
आर्य महिला इंटर कॉलेज             200  
आर्यमहिला पीजी कॉलेज, चेतगंज 400  
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ     100    
केंद्रीय चिकित्सालय डीएलडब्लयू        100
सेना बेस हॉस्पिटल, कैंट          50 
केंद्रीय विद्यालय                        200
एनईआर रेलवे अस्पताल             50 
राज पॉलिटेक्निक कॉलेज            50 
अंबिका प्रसाद सिंह इंटर कॉलेज  150 
राम मनोहर लोहिया पीजी कॉलेज 150
         

कोविड केयर सेंटरों के लिए स्टेशनों पर पहुंचे कोच
कैंट, वाराणसी सिटी और मंडुवाडीह स्टेशनों पर कोविड केयर सेंटर स्थापित करने के लिए रेलवे के स्पेशल कोच पहुंच गए हैं। कैंट पर 13 जबकि सिटी और मंडुवाडीह स्टेशनों पर 11-11 कोच के आइसोलेशन वार्ड बनेंगे। जरूरत के अनुसार इन कोच में कुछ का इस्तेमाल मरीजों को क्वारंटीन करने के लिए भी किया जाएगा। दो से तीन दिनों के अंदर इन्हें कोरोना मरीजों के इलाज की दृष्टि से पूरी तरह सुसज्जित कर जिले के नोडल अधिकारी को सौंप दिया जाएगा। 
कैंट स्टेशन पर छह कोच आइसोशलन के लिए होंगे। बीच के एक एसी कोच में मेडिकल स्टाफ रहेगा। मंडुवाडीह और सिटी स्टेशन पर पांच-पांच आइसोलेशन कोच के बीच एक एसी कोच है। सोमवार को कैंट स्टेशन पर कोच की खिड़कियों पर जाली लगाई गई। कोच में बिजली, पानी और सफाई व सेनेटाइजेशन की जिम्मेदारी रेलवे की होगी। मेडिकल संबंधी सभी व्यवस्था जिला प्रशासन का होगा।

एक कोच में आठ वार्ड, हर वार्ड में चार बेड 
हर कोच में आठ वार्ड बनाये गये हैं। हर वार्ड में चार बेड लगे हैं। मरीजों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग के लिए किनारे और बीच के बेड हटा दिए गए हैं। कोच के एक टॉयलेट को हटाकर उसे बाथरूम का रूप दे दिया गया है। एक कोच में किनारे पर टॉयलेट और बाथरूम है। 

जिले के सीएमओ होंगे नोडल
जिले के सीएमओ को आइसोलेशन कोच का नोडल अधिकारी बनाया गया है। सीएमओ को हैंडओवर करने के बाद प्रशासन कोच का इस्तेमाल करेगा। रेलवे ने भी नोडल अधिकारी बनाये हैं। पूर्वोत्तर रेलवे के पीआरओ अशोक कुमार ने बताया कि डॉ. एचके अग्रवाल सिटी और डॉ. एके सिंह मंडुवाडीह कोविड-19 केयर सेंटर के नोडल प्रभारी होंगे। 

कोच में प्लास्टिक कवर 
कैंट स्टेशन पर रखे आइसोलेशन कोच को उत्कर्ष मॉडल पर तैयार किया गया है। पुराने कोच की ऊपरी और निचली सतह पर प्लास्टिक का कवर लगाया गया है। इससे सफाई और सेनेटाइजेशन में सुविधा होगी।

ये सुविधाएं भी होंगी-
- ऑक्सीजन सिलेंडर की जगह
- खाना खाने के लिए अलग टेबल 
- मेडिकल उपकरण का स्विच
- तीन तरह के कचरे के लिए अलग-अलग कूड़ेदान
- सभी वार्डों के बीच प्लास्टिक का पर्दा
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