गोरखपुर में बनेगा एक हजार बेड का नया कोरोना अस्पताल
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर, कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग सुविधाएं बढ़ाने में जुटा हुआ है। इस क्रम में लोहिया इन्क्लेव को कोविड-19 के लेवल वन अस्पताल के रूप में तब्दील किया जा रहा है। एक हजार बेड वाले इस नए अस्थाई अस्पताल में उन मरीजों को रखा जाएगा, जिनमें कोरोना के लक्षण नहीं होंगे। ऐसे मरीजों के लिए शहर के लेवल वन अस्पतालों में फिलहाल 653 बेड मौजूद हैं।
कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग सतर्क
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. श्रीकांत तिवारी ने बताया कि संक्रमण की मौजूदा स्थिति को देखते हुए जुलाई में मरीजों की संख्या और बढऩे की आशंका है। यदि बाढ़ आ गई तो कोरोना के लिए वातावरण और भी अनुकूल हो जाएगा। ऐसे हालात में मरीजों की संख्या बढऩे पर उन्हें तत्काल इलाज मिल सके, इसके लिए लेवल वन के अस्पतालों व बेडों की संख्या बढ़ाई जा रही है। लोहिया इन्क्लेव के अलावा कुछ ऐसे भी अस्पताल व स्कूल चिह्नित किए जा रहे हैं, जिनका उपयोग जरूरत पडऩे पर किया जा सके।
पूर्वोत्तर रेलवे के 14 स्टेशनों पर 'रक्षक कोच' तैनात
कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने अपनी सतर्कता और बढ़ा दी है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के दिशा- निर्देश पर कुल 14 रेलवे स्टेशनों पर आइसोलेशन वार्ड के रूप में तैयार रक्षक कोचों के रेक तैनात कर दिए गए हैं। जिन स्टेशनों पर रक्षक कोच तैनात होंगे वे हैं- गोरखपुर, वाराणसी सिटी, गोंडा, बरेली सिटी, मंडुआडीह, बलिया, मऊ, गाजीपुर सिटी, आजमगढ़, नौतनवां, फर्रूखाबाद, भटनी, बहराइच और कासगंज।
प्रत्येक कोच में मरीजों के लिए आठ केबिन
प्रत्येक रेक में कुल 12 कोच लगे हैं। इसमें एक एसी कोच भी शमिल है। मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह के अनुसार प्रत्येक कोच में मरीजों के लिए आठ केबिन तैयार किए गए हैं। कोविड केयर सेंटर के रूप में प्रयोग किए जाने वाले इन कोचों में शुरुआती लक्षण वाले संदिग्ध एवं घोषित मरीजों का इलाज होगा। मिले दिशा- निर्देश के क्रम में कोचों को संक्रमण रहित करने के बाद भारतीय रेलवे के कुल 215 स्टेशनों पर खड़ा किया जाना है। इसमें पूर्वोत्तर रेलवे के 14 स्टेशनों पर कोच वाले रेक खड़े कर दिए गए हैं। गोरखपुर वाले रेक को नकहा जंगल स्टेशन पर खड़ा किया गया है। भटनी स्टेशन पर दो रेक खड़े हैं। जरूरत पडऩे पर एक रेक को देवरिया भेजा जाएगा। पूर्वोत्तर रेलवे में कुल 217 रक्षक कोच तैयार किए गए हैं।