अब कैमरे करेंगे रेल टिकटों की जांच, स्कैन होते ही पता चल जाएगा टिकट वेटिंग है या कंफर्म
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर, रेलवे स्टेशनों पर अब रेलकर्मी टिकट को हाथ नहीं लगाएंगे। बिना छूए टिकटों की जांच हो जाएगी। इसके लिए स्टेशनों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। गोरखपुर जंक्शन और मंडुआडीह में कैमरे लगाने के लिए टेंडर की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। लखनऊ जंक्शन और प्रयागराज में कैमरे लग गए हैं।
नई व्यवस्था के तहत यात्री को मोबाइल में मौजूद ई टिकट या काउंटर से लिया गया प्रिंट टिकट कैमरे के सामने करना होगा। कैमरा में स्कैन होते ही पता चल जाएगा कि टिकट वेटिंग है या कंफर्म। कंफर्म टिकट वाले यात्री को प्लेटफार्म पर जाने के लिए अनुमित मिल जाएगी। जहां पहले से तैनात टिकट स्टाफ पहचान पत्र देखकर निर्धारित कोच व बर्थ पर यात्री को बैठा देंगे। वेङ्क्षटग टिकट के यात्रियों को वापस कर दिया जाएगा। मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार ङ्क्षसह के अनुसार कैमरे लगाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इससे सुरक्षा और बढ़ जाएगी।
रेलवे के दफ्तरों में अब जूते भी होंगे सैनिटाइज
कोरोना संक्रमण से बचाव को रेलवे के दफ्तरों में अब जूते भी सैनिटाइज होंगे। प्रमुख मुख्य वाणिज्य प्रबंधक कार्यालय (पीसीसीएम) में सोमवार को इस प्रयोग की शुरुआत हो गई। मुख्य गेट पर ही ट्रे में हाइपोक्लोराइट का घोल बनाकर रख दिया गया है। रेलकर्मी ही नहीं आने-जाने वाले अन्य लोग भी ट्रे में जूते रखने के बाद ही गेट के अंदर प्रवेश कर रहे हैं।
पीसीसीएम दफ्तर के गेट पर ट्रे में रखा गया हाइपोक्लोराइट का घोल
गेट के पास ही सेंसरयुक्त सैनिटाइजर लगा है। जूते के बाद गेट पर हाथ भी सैनिटाइज हो जा रहे हैं। दरअसल, कार्यालयों में कर्मियों के अलावा दिनभर बाहरी लोगों का भी आना-जाना लगा रहता है। ऐसे में संक्रमण से पूरी तरह बचाव के लिए जूतों को भी सैनिटाइज किया जा रहा है। फेसमास्क पहले से ही अनिवार्य है। रेलवे स्टेशन, कारखानों और महाप्रबंधक कार्यालय परिसर में थर्मल स्कैङ्क्षनग भी जरूरी है।
गोरखपुर में दो और निजी लैबों को मिली कोरोना जांच की अनुमति
गोरखपुर के दो और निजी लैबों को कोरोना जांच की अनुमति मिल गई। यहां ट्रूनेट मशीन से जांच की जाएगी। रिपोर्ट महज चार घंटे में मिल जाएगी। सीएमओ डॉ. श्रीकांत तिवारी ने बताया कि सोमवार को गुरु गोरक्षनाथ चिकित्सालय व बेतियाहाता के लाइफ डायग्नोस्टिक को जांच की अनुमति दे दी गई। इसके पूर्व तिलक पैथोलॉजी को भी ट्रूनेट मशीन से जांच की अनुमति दी जा चुकी है।
बीआरडी मेडिकल कॉलेज में माइक्रोबायोलॉजी विभाग और क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान केंद्र (आरएमआरसी) पर गोरखपुर-बस्ती मंडल के कोरोना जांच का भार है। पूल सैंपङ्क्षलग के चलते नमूने ज्यादा आ रहे हैं, इसलिए समय से रिपोर्ट मिल नहीं पा रही है। ऐसे में निजी लैबों को जांच की अनुमति मिलने से बड़ी राहत मिलेगी। निजी अस्पतालों में इलाज कराने आने वाले गंभीर मरीजों, ऑपरेशन वाले व कोरोना के लक्षणों वाले मरीजों की जांच अनिवार्य कर दी गई है। यहां से नमूने निजी लैबों में ही भेजे जाते हैं। अब उनकी जांच जल्दी हो सकेगी।
शहर के इन तीन लैबों के अलावा चार बाहर के निजी लैबों के कलेक्शन सेंटर भी हैं, जहां कोरोना जांच के नमूने लिए जाते हैं। उनकी जांच रिपोर्ट आने में दो से तीन दिन लग जाते हैं क्योंकि वे दिल्ली या गुडग़ांव स्थित लैबों में जांच कराते हैं।