बॉयलर मुर्गे अब सेहतमंद के साथ ही वजनदार भी होंगे, जाने कैसे
गाजीपुर न्यूज़ टीम, बरेली। बॉयलर मुर्गे अब सेहतमंद के साथ ही वजनदार भी होंगे। उनका वजन सामान्य मुर्गों की तुलना में 200 से 250 ग्राम ज्यादा होगा और इसका सीधा फायदा मुर्गीपालकों को मुनाफे के रूप में होगा। केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान (सीएआरआई) के वैज्ञानिक ने मुर्गे के जीन में एडिटिंग कर यह कामयाबी हासिल की है।
सीएआरआई के रिप्रोडक्शन डिवीजन के साइंटिस्ट गौतम कोल्लुरी ने अपने दो साल की रिसर्च के दौरान जीन एडिटिंग कर, उस जीन को हटाने में कामयाबी पाई है, जिसके कारण बॉयलर मुर्गों का वजन कम रह जाता था। गौतम कोल्लुरी ने बताया कि मायोस्टेटिन जीन बॉयलर की बढ़त को रोकता है। जिस जीन की एडिटिंग की गई है, उसे एक्टिविन रिसेप्टर टाइप-2बी कहते हैं। यह बढ़त को रोकने वाले जीन के लिए रिसेप्टर का काम करता है। ऐसे में जब एक्टिविन रिसेप्टर टाइप-2बी जीन की एडिटिंग की गई तो बढ़त को रोकने वाला मायोस्टेटिन जीन निष्प्रभावी हो गया।
प्रयोगशाला में सफल परीक्षण के बाद अब मुर्गे के भ्रूण में जीन एडिटिंग की जाएगी। इसके बाद जो बच्चे पैदा होंगे, उनमें बढ़त को रोकने वाला जीन निष्प्रभावी रहेगा और उसका वजन बढ़ेगा। इसका सबसे बड़ा फायदा पॉल्ट्री फार्मर को होगा और उनकी आमदनी 10 से 15 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी। गौतम कोल्लुरी ने बताया कि अब जल्द ही भ्रूण को लेकर उसके जीन की एडिटिंग की जाएगी। इसके बाद इस वंशावली के मुर्गों में बढ़त को रोकने वाला जीन काम नहीं करेगा और मुर्गे वजनदार होंगे।
यह संस्थान की एक बड़ी कामयाबी है। सबसे ज्यादा खपत बॉयलर मुर्गों की होती है। वे छह हफ्ते में दो किलो तक हो जाते हैं। जीन एडिटिंग के बाद इनका वजन 10 से 15 प्रतिशत तक बढ़ने का अनुमान है। इससे किसानों की आमदनी भी काफी बढ़ेगी। -डॉ. संजीव गुप्ता, निदेशक, सीएआरआई