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निलंबित विधायक अदिति सिंह ने किया कांग्रेस से बिल्कुल किनारा

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के गढ़ माने जाने वाले जिले अमेठी व रायबरेली में से अमेठी में तो कांग्रेस की जड़ हिल गई है, अब पार्टी को रायबरेली में अपनी लाज बचाने की खातिर जतन करना है। रायबरेली से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की जीत में बड़ा योगदान करने वाली विधायक अदिति सिंह को पार्टी ने निलम्बित किया तो उन्होंने भी पार्टी ने किनारा कर लिया है। 

रायबरेली से युवा विधायक अदिति सिंह के तेवर कांग्रेस के प्रति काफी तल्ख हो गए हैं। पार्टी लाइन से हटकर काम करने के लिए विख्यात अदिति सिंह कभी कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी तथा पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की बेहद करीबी थीं। अब हालात काफी जुदा हैं तो अदिति सिंह ने भी अपना रुख बदल लिया है। अदिति सिंह ने अपने ट्विटर हैंडल को बदलने के बाद अब कांग्रेस के सभी वॉट्सएप ग्रुप को भी छोड़ दिया है। उनके इस कदम से माना जा रहा है कि कांग्रेस अब उनके निलंबन पर सख्ती करने के साथ ही उनकी विधानसभा सदस्यता को रद करने का प्रयास भी करेगी।

कांग्रेस से रायबरेली सदर से विधायक अदिति सिंह के तेवर पार्टी के प्रति काफी तल्ख होते जा रहे हैं। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल से पार्टी का नाम हटाने के बाद अपना हैंडल भी बदला और अब कांग्रेस के सभी वॉट्सएप ग्रुप को छोड़कर रायबरेली की सियासी गहमा-गहमी को बढ़ा दिया है। दबंग छवि के नेता स्वर्गीय अखिलेश सिंह की विरासत को आगे बढ़ाने में लगीं आदिति सिंह ने पंजाब के नवाशहर से कांग्रेस के विधायक अंगद सिंह सैनी के साथ विवाह किया है। अदिति के पिता रायबरेली सदर से लगातार पांच बार विधायक रहे।
कांग्रेस से अदिति के संबंध खराब
रायबरेली सदर विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक अदिति सिंह पर पार्टी दबाव बना रही है। इसके खिलाफ अदिति सिंह के तेवर और तीखे होते जा रहे हैं। पार्टी के खिलाफ बयानबाजी और पार्टी लाइन से हटकर काम करने के आरोप में एक तरफ कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष को अदिति सिंह की सदस्यता खत्म करने की अर्जी दे रखी है वहीं अदिति सिंह भी लगातार पार्टी से दूरी बनाती दिख रही हैं। अपने ट्विटर हैंडल से कांग्रेस का नाम हटाने के बाद अब उन्होंने पार्टी के तमाम व्हाट्सएप ग्रुपों को भी छोड़ दिया है।

कांग्रेस के खिलाफ बयानबाजी तेज
प्रियंका गांधी तथा सीएम योगी आदित्यनाथ के बीच बीते दिनों प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजने के लिए एक हजार बस मुहैया कराने को लेकर घमासान के दौरान अदिति सिंह ने ट्वीट कर पार्टी को बैकफुट पर ला दिया था। अदिति सिंह ने ट्वीट किया, आपदा के वक्त ऐसी निम्न सियासत की क्या जरूरत? एक हजार बसों की सूची भेजी। उसमें भी आधी से ज्यादा बसों का फर्जीवाड़ा। 297 कबाड़ बसें, 98 आटो रिक्शा व एंबुलेंस जैसी गाडिय़ां और 68 वाहन बिना कागजात के..., ये कैसा क्रूर मजाक है।
अगर बसें थीं तो राजस्थान, पंजाब, महाराष्ट्र में क्यों नहीं लगाई। अदिति ने एक और ट्वीट में लिखा, कोटा में जब यूपी के हजारों बच्चे फंसे थे, तब कहां थीं ये तथाकथित बसें, तब कांग्रेस सरकार इन बच्चों को घर तक तो छोडि़ए, बॉर्डर तक न छोड़ पाई, योगी आदित्यनाथ ने रातों-रात बसें लगाकर इन बच्चों को घर पहुंचाया, खुद राजस्थान के सीएम ने भी इसकी तारीफ की थी।
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