एमए, बीएड और TET करने के बाद भी नहीं लगी नौकरी ताे डिप्रेशन में आकर दे दी जान
गाजीपुर न्यूज़ टीम, आगरा। आगरा की मेनका को एमए, बीएड और टेट पास करने पर भी मेनका को नौकरी नहीं मिली तो वह अवसाद का शिकार हो गई। उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वह घर पर अकेली थी। काफी देर तक उसका फोन नहीं उठने पर पिता को चिंता हुई। उन्होंने परिचित को घर भेजा। परिचित ने युवती को फंदे पर लटका देखा। पुलिस को सूचना दी।
शाहगंज की रामस्वरूप कॉलोनी निवासी मेनका सिसौदिया (30 वर्ष) के पिता राजेंद्र सिंह सिक्योरिटी एजेंसी में गार्ड हैं। पिता ने पुलिस को बताया कि पुत्री पहले अपना कॅरियर बनाना चाहती थी। इसलिए उसने शादी नहीं की। पुत्री पहले अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती थी। उसके बाद शादी करना चाहती थी। ताकि शादी में पिता को ज्यादा दहेज नहीं देना पड़ा। इसीलिए पिता ने अपने छोटे भाई ओमकार की कुछ साल पहले शादी करा दी थी। मेनका एमए और बीएड करने के बाद टेट उत्तीर्ण किया। वह लगातार नौकरी के लिए प्रयासरत थी। प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठ रही थी। उसे मनमाफिक नौकरी नहीं मिल रही थी। इसे लेकर वह तनाव में थी। पिता ने पुलिस को बताया कि उन्होंने बेटी को समझाया मगर वह उसकी मनोदशा नहीं समझ पाए। समझ गए होते तो शायद आज बेटी जिंदा होती। मेनका की भाभी पांच दिन पहले अपने मायके गई थीं। बुधवार सुबह भाई फैक्ट्री गया हुआ था। पिता अपने गांव कौरई फतेहपुरसीकरी चले गए थे। वहां फसल कट रही है। पिता ने बताया कि वह मेनका को फोन मिला रहे थे। कई घंटे तक जब फोन नहीं उठा तो उन्हें चिंता हुई। इंस्पेक्टर शाहगंज सतेंद्र सिंह राघव ने बताया कि छात्रा ने सुसाइड नोट में अपनी मौत का जिम्मेदार खुद को ठहराया है।
पापा माफ करना, लोग आपको ताना देते हैं
पापा माफ करना, लोग आपको मेरी वजह से ताना देते हैं। मेरी वजह से आपको काफी परेशानी हुई। मैं कुछ बनकर आपके और परिवार के लिए कुछ करना चाहती थी। पुलिस ने बताया मेनका ने पिता के नाम छोड़े सुसाइड नोट में यह सब लिखा है। परिवार के नजदीकी लोगों ने बताया कि मेनका की मां की कई साल पहले मौत हो गयी थी। बेटी ने ही अपने छोटे भाई का ध्यान रखा।