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हिंडन एयरबेस में हरक्युलिस तैयार, दुश्मन के छक्‍के छुड़ाने जा सकता है गलवन घाटी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, हिंडन एयरबेस (गाजियाबाद)। गलवन घाटी में भारतीय और चीन सेना के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए वायुसेना भी पूरी तरह तैयार दिखाई दे रही है। गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस में वायुसेना ने सेना के जवानों को सहायता पहुंचाने के लिए सी-130जे सुपर हरक्युलिस विमान को तैयार कर लिया है। विमान छोटे से छोटे रनवे पर उतरने में सक्षम है। इसके चलते विमान और इसका क्रू अापातकालीन परिस्थितियों के लिए पूरी तरह तैयार दिख रहा है।

छोटे से रनवे पर भी उतर सकने में सक्षम
दरअसल, सी-130जे सुपर हरक्युलिस विमान विश्व के उन सबसे उन्नत मालवाहक विमानों में से एक है जो छोटे से छोटे रनवे पर उतर सकते हैं। साल 2013 में विमान को लद्दाख स्थित दौलत बेग ओल्डी हवाई पट्टी पर उतारा गया था। यह हवाई पट्टी समुंद्र तट से सोलह हजार फीट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित है।

2013 में बना था रिकॉर्ड
भारतीय वायुसेना ने 2013 में विमान को पहली बार इतनी अधिक की ऊंचाई पर उतारकर एक रिकॉर्ड कायम किया थ। गलवन घाटी में पिछले कुछ दिनों से बढ़ते तनाव को देखते हुए वायुसेना एक बार फिर तैयार है। किसी भी आपातकालीन परिस्थिति को देखते हुए वायुसेना ने हिंडन एयरबेस में विमान के क्रू को एलर्ट रहने को कहा है। वायुसेना अधिकारियों के अनुसार जरूरत पढ़ने पर हरक्युलिस विमान से तुरंत सहायता भेजी जाएगी। विमान हर परिस्थिति में दुश्मन को जवाब देने के लिए तैयार है।

क्या है सुपर हरक्युलिस की विशेषताएं
दरअसल, विमान की सबसे बड़ी विशेषता यह है है कि यह छोटी से छोटी हवाई पट्टी पर उतरने में सक्षम है। इसके अलावा विमान करीब 15 टन तक वजन एक स्थान से दूसरे स्थान लेकर जा सकता है। इतना ही नहीं यह करीब 100 वायुसेना कमांडो को भी सहायता सामग्री के साथ जरूरत के स्थान पर पहुंचा सकता है। विमान इंफ्रारेड तकनीक से लैस है जिसके चलते यह जमीन से महज 300 मीटर ऊंचाई पर भी उड़ सकता है।
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