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सेना में एक साथ अफसर बने चार दोस्त, एक-दूसरे की ताकत बने और मिली सफलता

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ। चार दोस्तों की कमाल की दोस्ती आज इनकी बेमिसाल कामयाबी के चलते मिसाल बन गई। देश के पहले सैनिक स्कूल के जिस आंगन में खेलकर चार दोस्त बाल्यावस्था से किशोर हुए। इन चारों ने कभी यही सेना के शौर्य को जीने का सपना देखा था। एक-दूसरे की ताकत बने और सपने का पीछा किया। नतीजा रहा कि चार छात्र कैडेट राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) से लेकर इंडियन मिलिट्री अकादमी (आइएमए) तक साथ-साथ पहुंचे। शनिवार को आइएमए में की पासिंग आउट परेड के बाद सेना में अफसर बन गए।

आज  इन दोस्तों की सफलता की मिसाल कैप्टन मनोज पांडेय यूपी सैनिक स्कूल में दी जा रही है। स्कूल के शिक्षकों के मुताबिक, मथुरा के नवीन चौधरी, उरई के चंद्रमणि दूरवार, देवरिया के कुशाग्र गुप्ता और मैनपुरी के रहने वाले हिमांशु शाक्य ने वर्ष 2010 में कक्षा सात में प्रवेश लिया था। संपूर्णानंद हाउस के नवीन चौधरी, किदवई हाउस के चंद्रमणि दूरवार व हिमांशु और टंडन हाउस के कुशाग्र गुप्ता की इंटर तक की पढ़ाई एक साथ हुई। अलग-अलग जिलों से आने वाले चारों दोस्तों ने साथ में पढ़ाई की। खेलकूद से लेकर राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया। मेस में खाना खाते समय भी चारों दोस्त एनडीए की तैयारियों में जुटे रहते। परीक्षा के नोट बनाने से लेकर सर्विस सेलेक्शन बोर्ड (एसएसबी) की तैयारियां भी कीं। वर्ष 2016 में चारों दोस्त एनडीए की लिखित परीक्षा के बाद एसएसबी गए। 

वहां से सफल हो गए और इसी साल उनकी सैनिक स्कूल से इंटर की पढ़ाई भी पूरी हो गई। चारों ही दोस्त हर क्षेत्र में बहुत मेधावी थे। यहीं कारण है कि छात्र कैडेट नवीन चौधरी जहां स्कूल कैप्टन थे, वहीं चंद्रमणि दूरवार और कुशाग्र गुप्ता हाउस कैप्टन बने। सैनिक स्कूल के बाद चारों दोस्तों ने एनडीए ज्वाइन किया। वहां तीन साल तक छह सेमेस्टर की स्नातक की पढ़ाई के साथ मिलिट्री ट्रेनिंग भी उन्होंने पूरी की। एनडीए के बाद चारों दोस्तों ने आइएमए में भी अपनी दोस्ती कायम रखते हुए अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। नवीन चौधरी को स्पेशल पैरा फोर्स में कमीशंड मिली। जबकि चंद्रमणि दूरवार को इंफेंट्री, कुशाग्र गुप्ता को आर्टीलरी में कमीशंड हासिल हुई है। हिमांशु शाक्य भी कमीशंड पाकर अफसर बने हैं। 

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