पशुपालन विभाग में आटे की सप्लाई पर फर्जीवाड़ा, दो IPS पर होगी कार्रवाई
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ। अलग-अलग सरकारी विभाग में चल रहे फर्जीवाड़े का खुलासा होता जा रहा है। एक ओर जहां बेसिक शिक्षा विभाग में अनामिका शुक्ला के नाम पर कई जिलों में फर्जी टीचर की नियुक्ति हुई थी वहीं अब पशुपालन विभाग में भी फर्जीवाड़े पकड़ा गया है। पशुपालन विभाग में आटे की सप्लाई के नाम पर करोड़ों का वारा-न्यारा किया गया। एटीएफ की जांच में दो आईपीएस अधिकारी फंस गए हैं। इनके खिलाफ साक्ष्य मिलने पर कार्रवाई करने की संस्तुति करते हुए शासन को पत्र लिखा गया है।
इनमें एक आईपीएस अफसर अरविन्द सेन हैं जिनकी संलिप्तता इस फर्जीवाड़े में पाई गई है,जबकि दूसरे आईपीएस अधिकारी डीसी दुबे हैं। आईपीएस डीसी दुबे की पशुपालन विभाग के फर्जीवाड़े में कोई भूमिका नहीं मिली है लेकिन इसके आरोपियों को अन्य ठेके दिलाने में उनकी मिलीभगत सामने आई है। दावा किया जा रहा है कि इस फर्जीवाड़े में अभी कुछ और लोगों के नाम सामने आएंगे। उधर शासन में यह पत्र पहुंचते ही हड़कम्प मच गया है।
कई लोगों की हो चुकी है गिरफ्तारी :
पशुपालन विभाग के इस फर्जीवाड़े में पशुधन राज्यमंत्री जयप्रताप निषाद के निजी प्रधान सचिव रजनीश दीक्षित, निजी सचिव धीरज कुमार देव, इलेक्ट्रॉनिक चैनल के पत्रकार आशीष राय, अनिल राय, कथित पत्रकार एके राजीव, रूपक राय और उमाशंकर को 14 जून को गिरफ्तार किया गया था। इन लोगों के खिलाफ इंदौर के व्यापारी मंजीत भाटिया ने शासन में शिकायत की थी।
तत्कालीन एसपी पर लगे आरोप सही पाये गए
एसटीएफ के मुताबिक पीड़ित मंजीत ने सीबीसीआईडी के तत्कालीन एसपी (अब डीआईजी) पर इन लोगों से मिलीभगत कर धमकाने का आरोप लगाया था। एसटीएफ की पड़ताल में साफ हुआ कि तब सीबीसीआईडी में एसपी अरविन्द सेन थे। अरविन्द सेन इस समय डीआईजी हैं और पीएसी सेक्टर आगरा में तैनात हैं। जांच में इन पर धमकाने का आरोप सही पाया गया।
अन्य ठेके दिलाने में साठगांठ में दूसरे आईपीएस फंसे
गिरफ्तार लोगों ने सचिवालय में पशुपालन विभाग का फर्जी दफ्तर बनाकर जो फर्जीवाड़ा किया, उससे अन्य अधिकारी और एसटीएफ भी हैरान रह गई थी। मामले के तूल पकड़ने पर शासन ने जांच जल्दी पूरी कर सभी आरोपियों को पकड़ने को कहा था। इस जांच में ही सामने आया कि गिरफ्तार आरोपियों के एक और आईपीएस डीसी दुबे से सम्बन्ध हैं। ये भी इस समय डीआईजी हो चुके हैं और रूल्स एंड मैनुअल्स में तैनात हैं। शासन के सूत्रों के मुताबिक एसटीएफ से रिपोर्ट मिली है। जल्दी ही इस पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।